बुधवार, 28 जुलाई 2021

हाउसिंग सोसायटी और उसकी कमिटी के लोगों का 'Confusing Character'!

             


हम किसी अजनबी को भी उसके अच्छे व्यवहार, उसकी किसी छोटी सी भी मदद के लिए थैंक्स कहते हैं। ये शिष्टाचार है। फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया पर तो हम अजनबी की तस्वीरों या वीडियो पर Nice लिखकर कमेंट करते हैं, या थम्स अप करते हैं। व्हाट्स एप ग्रुप में अनाप-शनाप वीडियो शेयर करके उस पर भी हम कमेंट करते हैं। ये सब काम हमें काम से समय नहीं मिलता है फिर भी समय निकालकर करते हैं। 

लेकिन, यही आदत को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी और कमिटी के लोग अपनी सोसायटी को खूबसूरत और सेहतमंद बनाने के लिए खुद पर लागू नहीं करते।  काफी 'Confusing Character' वाले होते हैं को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी और उसकी कमिटी के लोग। 

जरो सोचिये, किसी को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी की किसी कमिटी के गिने-चुने लोगों के दम पर महज दो साल से भी कम समय में भंगार होती बिल्डिंग को रिपेयर करवाया, कलर करवाया, क्रैक फिलिंग करवाया, छत पर पतरा लगवाया, पानी की सप्लाई बढ़ाने के लिए एक्सट्रा वॉटर टंकी बनवाया, सालों से लीकेज से परेशान कई फ्लैटऑनर्स को उससे राहत दिलाया, बाउंड्री वॉल बनवाकर और गेट लगवाकर बिल्डिंग की सेफ्टी को बढ़ाया, तो वैसी कमिटी और कमिटी के वैसे समर्पित लोगों के लिए कुछ नहीं तो एक थैंक्स कहना बनता ही है, लेकिन उस सोसायटी के लोगों ने इस शिष्टाचार का भी पालन नहीं किया। हालांकि, इन कामों का वो भरपुर लाभ ले रहे हैं। इस काम का वो लोग भी मजे ले रहे हैं जिन्होंने इन कामों को रूकवाने के लिए पूरा जोर लगा दिया था। इन कामों में अडंगा डालने में उनलोगों ने कोई कसर बाकी नहीं रखा था। उन्होंने काम रुकवाने के लिए अपनी रातों की नींद तक गंवा दी थी। 

 

(को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी में कुछ सदस्यों की राजनीति और मैनेजिंग कमिटी की लापरवाही किस तरह से वहां रहने वाले और उनकी फैमिली को खतरे में डालती है, इस किताब में आप पढ़ सकते हैं। किताब का नाम है- हाउसिंग सोसायटी में सियासत;    जान पर आफत!  - https://www.amazon.in/dp/B08X2RS7MB ) 

आप कह सकते हैं कि ये सोसायटी के लोगों के ही पैसे से बनाए गए लेकिन जिस कमिटी ने ये सब काम किया उस कमिटी से पहले भी तो कमिटी थी, वह कमिटी भी ये सब सारा काम कर सकती थी, लेकिन क्यों नहीं किया। ये बड़ा सवाल है। बहुत सारी को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी के बैंक खाते में लाखों -करोड़ों रुपए पड़े होते हैं और बिल्डिंग में भी काम करवाने की जरूरत होती है, लेकिन कमिटी के लोग काम नहीं करवाते हैं केवल राजनीति करते हैं और सेलेब्रेशन के नाम पर सोसायटी का पैसा खर्च करते हैं। 

अब बात कर लेते हैं को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी की कमिटी के लोगों की। अब करीब हर कमिटी के लोग व्हाट्स ग्रुप के जरिये जुड़े होते हैं और सोसायटी से जुड़े कामों पर ऑनलाइन ही चर्चा करते हैं। इससे समय की बचत होती है, काम में तेजी आती है और लोगों को अपने काम पर पूरा फोकस करने का मौका मिलता है। 

लेकिन, कमिटी के लोग इसको भी नजरअंदाज कर देते हैं। उन्हें क्रिकेट खेलने, पार्टियां करने, दोस्तों के साथ बैठकर दारू पीने का समय मिल जाता है, व्हाट्स पर ही दूसरे ग्रुप में फालतू के वीडियो, मैसेज पर कमेट करने और समय बर्बाद करने का मौका मिल जाता है लेकिन वही शख्स कमिटी के व्हाट्स ग्रुप में शेयर किसी जरूरी काम के बारे में टिप्पणी करने या अपनी बात रखने की जरूरत भी नहीं समझता है। 

जबकि अगर सोसायटी में कोई भी काम होगा और तेजी से होगा, तो उस शख्स और उसके परिवार की खुशहाली के लिए होगा। पर पता नहीं, क्यों कमिटी के काम के संबंध में शेयर किए मैसेज पर वैसे लोग ध्यान ही नहीं देते हैं।और जब कमिटी के व्हाट्स ग्रुप में काम के संबंध में वो अपनी बात नहीं रखते हैं तो भला कमिटी की बैठक में क्यों आएंगे। पता नहीं, लोग इतने लापरवाह क्यों होते हैं। जहां उनकी दुनिया बसती है, उसे खूबसूरत बनाने की जगह उसको नजरअंदाज कर देते हैं।  भगवान, सद्बुद्धि दे ऐसे लोगों को।....

हाउसिंग सोसायटी और उसकी कमिटी के लोगों का 'Confusing Character'!

किसी भी हाउसिंग सोसायटी की सरकार होती है उसकी मैनेजिंग कमिटी

-हाउसिंग सोसायटी के कानून जानने के हैं बहुत सारे फायदे

 -हाउसिंग सोसायटी में कैसे होता है करप्शन का खेल!

- हाउसिंग सोसायटी के गंदे लोग!

-पढ़ें बंदी में कैसे रहें बिंदास!

 


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Housing Society की AGM में 16 सवाल जरूर पूछें II Housing Society Solutio...

Must ask these 16 questions in your Housing Society AGM. हाउसिंग सोसायटी में रहने वाले बहुत सारे सदस्य अपनी सोसायटी की सालाना आम बैठक (एजीएम...