सोमवार, 24 जनवरी 2022

हाउसिंग सोसायटी की AGM में "Time Pass" करने वाले मैनेजिंग कमिटी मेंबर्स से बचके !

 

एक हाउसिंग सोसायटी की एजीएम नोटिस का नमूना 

हाउसिंग सोसायटी की AGM को सुचारू रूप से चलाने की जिम्मेदारी उस सोसायटी की मैनेजिंग कमिटी की होती है। मैनेजिंग कमिटी के हर सदस्य को AGM एजेंडे को लेकर तैयार रहना रहना चाहिए। 

सोसायटी के सदस्य को एजेंडे के अलावा सोसायटी से जुड़े किसी भी सवाल का मैनेजिंग कमिटी से संतोषजनक जवाब जानने का हक होता है और मैनेजिंग कमिटी के हर सदस्य की जिम्मेदारी होती है सदस्यों के सवालों का संतोषजनक जवाब देना। लेकिन, जब AGM में मैनेजिंग कमिटी के ही सदस्य एजेंडे को लेकर स्पष्ट नहीं हों, सदस्यों के सवालों का जवाब देने के बदले खुद ही सवाल पूछने लग जाएं और आपस में ही उलझ जाएं, तो फिर उपाय क्या है। 

क्या ऐसे सदस्यों को सोसायटी के काम को लेकर, सोसायटी के प्रति अपनी जिम्मेदारी को लेकर गंभीर माना जाए या ऐसे सदस्यों को Time Pass करने वाला माना जाए। मेरे हिसाब से तो ऐसे सदस्यों को तो Time Pass सदस्य माना जाना चाहिए,  मैनेजिंग कमिटी ऐसा सदस्य भले ही 5 साल से या 10 साल से या 15 साल से फिर सोसायटी बनने के बाद से ही मैनेजिंग कमिटी का सदस्य क्यों ना रहा हो।  मेरा मानना है कि अगर किसी काम की जिम्मदारी आप लेते हैं उसमें आप खुद को पूरी तरह से झोंक दें, अगर ऐसा नहीं कर सकते तो जिम्मेदारी ही मत लें। Time Pass करके आप अपना नुकसान तो करते ही हैं, जिसकी जिम्मेदारी लेते हैं, उसका भी नुकसान करते हैं। 

आप कभी भी अपनी सोसायटी की मैनेजिंग कमिटी के सदस्यों पर नजर डालें, तो उनमें से ज्यादातर सदस्य Time Pass करने वाले ही मिलेंगे। इनको पिछली एजीएम या एसजीएम में पास रिजोल्यूशन की जानकारी नहीं होती है, अगर जानकारी होती भी है तो रिजोल्युशन पर क्या एक्शन लेना इसकी जानकारी नहीं होती है, अगर क्या एक्शन लेना है, इसकी जानकारी हो भी जाए, तो हाथ पर हाथ धरे बैठे रहते हैं और जो भी कमिटी के एक-दो सदस्य काम करना चाहें, उनके काम में अडंगा लगाते रहते हैं।  

एक हाउसिंग सोसायटी की AGM की बात बताता हूं। AGM के एजेंडे में सोसायटी की बेहतरी के लिए कुछ नई योजना का जिक्र था। सोसायटी में सोलर एनर्जी के लिए व्यवस्था करना और कचरे को सोसायटी के ही जरिये सोसायटी परिसर में खाद में बदलकर उससे कमाई करने के बारे में सोसायटी के लोगों से राय लेनी थी, उनकी मंजूरी लेनी थी। 

सदस्यों की तरफ से इन एजेंडे पर सुझाव या इनकार किए जाने की उम्मीद रहती है, लेकिन मैनेजिंग कमिटी के कुछ सदस्यों ने AGM में उन दोनों एजेंडों को लेकर सवाल उठाने शुरू कर दिए। इसका मतलब साफ है कि मैनेजिंग कमिटी के जो सदस्य AGM के एजेंडे पर सवाल उठा रहे थे, उनको अपनी जिम्मेदारी का अहसास नहीं है, वो केवल Time Pass करने के लिए मैनेजिंग कमिटी में रहते हैं और इसका दूसरा मतलब निकलता है कि मैनेजिंग कमिटी की मीटिंग से भी वो नदारद रहते होंगे, जिससे कि उन्हें AGM जैसे महत्वपूर्ण मौकों पर क्या बोलना है, क्या जवाब देना है, इसकी जानकारी नहीं रहती होगी। 

अगर सचमुच में वो लोग अपने काम को लेकर गंभीर रहते तो मैनेजिंग कमिटी की बैठक में सारी उलझन दूर करने की कोशिश करते, सारे सवालों के जवाब जानने की कोशिश करते, ना कि AGM में तमाशा करने का इंतजार करते। पता नहीं, ऐसे लोगों की आत्मा कैसे उनकी जिम्मेदारी को लेकर लापरवाह रहने की अनुमति देती है। 

एक बात और मैं आपको बता दूं कि किसी भी AGM या SGM में कोई भी एजेंडा रखने से पहले मैनेजिंग कमिटी की बैठक में चर्चा होती है और पहले कमिटी के सभी सदस्यों को एजेंडे को लेकर विश्वास में लिया जाता है। मैनेजिंग कमिटी के मेंबर्स के बीच एजेंडे को लेकर सहमति होनी चाहिए, समन्वय होना चाहिए। ऐसा नहीं होने पर  AGM या SGM को सुचारू रूप से चलाना मुश्किल हो जाता है।   

उसी सोसायटी की उसी AGM की एक और बात आपको बताता हूं। AGM में हाउसिंग सोसायटी परिसर में चारपहिया गाड़ी खासकर कार की पार्किंग का सवाल भी उठाया गया। हालांकि, AGM के एजेंडे में यह शामिल नहीं था। लेकिन, एक सदस्य द्वारा अपनी कार को सोसायटी परिसर में पार्किंग पर अड़े रहने को लेकर कुछ सदस्यों की नजर में इस मुद्दे को AGM में उठाया जरूरी लग रहा था, तो ये मुद्दा उठाया गया। मामला था कि सोसायटी परिसर में जगह की कमी की वजह से कार पार्किंग की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए। सोसायटी का एक सदस्य काफी लंबे समय से सोसायटी परिसर में कारपार्किंग कर रहा है। हालांकि, इसके लिए वह हर महीने सोसायटी द्वारा तय पार्किंग शुल्क भी देता है। 

इस मुद्दे को जिसने उठाया वो मैनेजिंग कमिटी का सदस्य, जिसकी कार पार्किंग होती है वो भी मैनेजिंग कमिटी का सदस्य और कार पार्किंग वाले का साथ दे रहा था और जो कार पार्किंग का विरोध कर रहा था, वो भी मैनेजिंग कमिटी का सदस्य। इससे पहले भी AGM में हाउसिंग सोसायटी परिसर में कार पार्किंग को लेकर चर्चा हो चुकी है और उसमें साफ साफ सोसायटी परिसर में कार पार्किंग की मनाही की गई है। इसका कारण भी बताया गया - सोसायटी परिसर में कार पार्किंग के लिए जगह नहीं होना। 

जब मैनेजिंग कमिटी के सदस्य कार पार्किंग को लेकर गरमा-गरमी कर रहे थे तो कारपार्किंग करने वाले का समर्थक मैनेजिंग कमिटी का सदस्य कारपार्किंग का विरोध करने वाले मैनेजिंग कमिटी के सदस्य से पूछने लगा कि किस AGM में हाउसिंग सोसायटी के परिसर में कार नहीं लगाने की बात पास हुई है। कारपार्किंग का विरोध करनेवाले ने झट से उस AGM का मिनट्स कारपार्किंग समर्थक दिखा को दिया (जिसकी उम्मीद उसने नहीं की थी), जिसमें साफ साफ लिखा गया था कि हाउसिंग सोसायटी परिसर में कार पार्किंग की मंजूरी नहीं दी जाएगी। हालांकि, जिस AGM में ये रिजोल्युशन पास हुआ था, कारपार्किंग समर्थक मैनेजिंग कमिटी का मेंबर उस समय की मैनेजिंग कमिटी का भी मेंबर था। लेकिन उसे ये बात याद नहीं थी। यानी कह सकते हैं कि कारपार्किंग समर्थक पूरी तरह से Time Pass करने वाला है, उसे सोसायटी की बेहतरी से कुछ लेना देना नहीं है। अगर सोसायटी की बेहतरी से लेना-देना होता, तो उसके समय AGM में सोसायटी परिसर में कारपार्किंग की अनुमति नहीं देने की बात लागू करवाता और सदस्यों के बीच फालतू का विवाद होने से बचाता। तो, हर हाउसिंग सोसायटी को ऐसे सदस्यों की पहचान कर उससे बच कर रहना चाहिए और साथ ही ऐसे मेंबर्स से सोसायटी को भी बचाकर रखना चाहिए। 

(नोट- हाउसिंग सोसायटी को लेकर को समस्या हो तो हमें लिखें। हम समाधान बताएंगे।)  

(को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी में कुछ सदस्यों की राजनीति और मैनेजिंग कमिटी की लापरवाही किस तरह से वहां रहने वाले और उनकी फैमिली को खतरे में डालती है, इस किताब में आप पढ़ सकते हैं। किताब का नाम है- हाउसिंग सोसायटी में सियासत;    जान पर आफत!  - https://www.amazon.in/dp/B08X2RS7MB ) 


 

हाउसिंग सोसायटी के हर मेंबर्स को AGM में ये 15 सवाल जरूर पूछने चाहिए

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बुधवार, 12 जनवरी 2022

हाउसिंग सोसायटी के हर मेंबर्स को AGM में ये 16 सवाल जरूर पूछने चाहिए

हाउसिंग सोसायटी की AGM में भाग लेना कितना जरूरी है, आप शायद नहीं जानते!

एक हाउसिंग सोसायटी की एजीएम नोटिस का नमूना 

हाउसिंग सोसायटी में रहने वाले बहुत सारे सदस्य अपनी सोसायटी की सालाना आम बैठक (एजीएम, Annual General Meeting-AGM)को हमेशा नजरअंदाज करते हैं। बैठक को कोई महत्व नहीं देते हैं। अगर आप भी ऐसा करते हैं तो आप अपने आपको, अपने परिवार को खतरे में, मुश्किलों में डाल रहे हैं। 

हाउसिंग सोसायटी की एजीएम ठीक संसद की बैठक या विधान सभा की बैठक जितनी महत्वपूर्ण होती है। संसद या विधान सभा की बैठक में विपक्ष सरकार से सवाल पूछता है और सरकार अपनी बात रखती है, उसी तरह से हाउसिंग सोसायटी की एजीएम में मैनेजिंग कमिटी से सोसायटी के मेंबर्स, जो कमिटी के सदस्य नहीं होते, वो अपनी हाउसिंग सोसायटी से जुड़े समस्याओं, मुद्दों पर सवाल पूछते हैं। मैनेजिंग कमिटी को अपने मेंबर्स के हर सवालों का जवाब उनको संतुष्ट होने तक देना होता है। 

मैनेजिंग कमिटी ही हाउसिंग सोसायटी को चलाने के लिए कानूनी तौर पर जिम्मेदार होता है, ये अलग बात है कि बहुत सारे मैनेजिंग कमिटी के मेंबर्स अपनी इस जिम्मेदारी को नहीं समझते हैं। उनके हिसाब से सोसायटी में जश्न मनाना, स्वीपर, वॉचमैन को सैलरी देना, बिजली बिल और पानी का बिल चुकाना ही, मैनेजिंग कमिटी की जिम्मेदारी होती है, लेकिन मैनेजिंग कमिटी की जिम्मेदारी और ताकत कहीं इन सबसे ज्यादा होती है। दरअसल, हाउसिंग सोसायटी से जुड़ी जानकारी नहीं होने की वजह से उनमें इस तरह की सोच विकसित हो जाती है। 

>अपनी हाउसिंग सोसायटी की AGM में आपको कौन कौन से सवाल पूछने चाहिए:

तो, चलिये जानते हैं कि अगर आप अपनी हाउसिंग सोसायटी की एजीएम में भाग लेने जा रहे हैं तो कौन कौन से सवाल अपनी मैनेजिंग कमिटी से पूछनी चाहिए।

1-AGM के एजेंडे को एजीएम में भाग लेने से पहले पूरी तरह से जरूर पढ़ें। एजीएम की तारीख से 14 दिन पहले मेबर्स को एजेंडा भेजना कानूनी तौर पर अनिवार्य है। तो, एजेंडा पढ़ने के बाद आपको दीमाग में जो जो सवाल उठ रहे हैं, वो सब नोट कर लीजिए। कई बार लोग एजीएम से पहले बहुत सारे सवाल सोचते हैं, लेकिन एजीएम में पूछना भूल जाते हैं। कुछ लोग तो एजेंडा पढ़ते ही नहीं है। 

2- एजेंडा के साथ जिस वित्त वर्ष के लिए एजीएम हो रही है, उस वर्ष के लिए सोसायटी की बैलेंस शीट भी लगी रहती है। बैलेंस शीट को हर मेंबर्स को ध्यान से पढ़ना चाहिए। बैलेंस शीट से आप पैसों से जुड़ी गड़बड़ी का पता लगा सकते हैं। बैलेंस शीट में संबंधित वित्त वर्ष के दौरान सोसायटी को हुई इनकम, सोसायटी के हुए खर्च, सोसायटी को निवेश से मिले ब्याज और रिटर्न, सोसायटी की बिल्डिंग या दूसरी प्रोपर्टी के मूल्यह्रास (Depreciation) बगैरह की अपडेटेड  जानकारी के साथ साथ पिछले साल की बैलेंस शीट से तुलना दी हुई रहती है। 

बैलेंसशीट में आपको देखना है कि वह अपडेटेड है या नहीं। अगर थोड़ा भी इसको लेकर कोई शक हो, कोई संदेह हो, तो मैनेजिंग कमिटी से जरूर सवाल पूछें। आप नहीं पूछेंगे और बाद में आपको किसी फैक्ट को लेकर कोई संदेह होगा, और तब मैनेजिंग कमिटी से पूछेंगे तो वो आपको ही  जिम्मेदार ठहरा देंगे कि आपने एजीएम में क्यों नहीं पूछा। 

3- बैलेंस शीट में दी गई इनकम के बारे में विस्तार से पूछें 

4- बैलेंस शीट में दिए गए खर्च के बारे में विस्तार से पूछें 

5-हाउसिंग सोसायटी के सारे बैंक खाते के बारे में अपडेटेड जानकारी लें 

6-बैलेंस शीट में दिए गए निवेश क बारे में, एसेट्स और लायबिलिटी के बारे में सवाल पूछें 

7-अगर आपको लग रहा है कि किसी बैंक में आपकी सोसायटी का खाता है, और वो बैंक मुश्किल में फंसने वाला है या बंद होने वाला है, तो मैनेजिंग कमिटी को आगाह करके उस बैंक से खाता दूसरे बैंक स्थानांतरण करने के बारे में कह सकते हैं। आजकल कई बैंक खासकर को-ऑपरेटिव बैंक बंद हो रहे हैं। 

8-पिछली एजीएम में पास किए गए रिजोल्यूशन, मिनट्स को लेकर कोई सवाल हो तो जरूर पूछें।  


9-बैलेंस शीट में कई हेडिंग और सब-हेडिंग के तहत पैसों की जानकारी दी हुई रहती है। जैसे-शेयर कैपिटल अथॉराइज्ड, रिजर्व एवं सरप्लस, करंट लायबिलिटी एवं प्रोविजन, एडवांस फ्रॉम मेंबर्स, इनकम एवं एक्सपेंडीचर खाता, कैश एवं बैंक बैलेंस, इन्वेस्टमेंट, लोन एवं एडवांसस मेंबर्स का बकाया, जेनरल रिजर्व, सिंकिंग फंड, रिपेयर एवं मेनटेनेंस फंड, कलर फंड, ट्रांसफर प्रीमियम, ट्रांसफर फीस, एंट्रेस फीस, एजुकेशन एवं ट्रेनिंग फंड, सेलेब्रेशन फंड बगैरह से जुड़े कोई सवाल हो तो जरूर एजीएम में पूछें। 

10- जिस काम के लिए मेनटेनेंस लिया जा रहा है, कमिटी जरूरत पड़ने पर भी वह काम करवा रही है या नहीं, इस पर भी नजर रखें। अगर नहीं करवा रही है, तो उसका कारण मैनेजिंग कमिटी से पूछिए। जैसे-कलर फंड के नाम पर मेनटेनेंस लिया जा रहा है, लेकिन बिल्डिंग को कलर की जरूरत होने के बाद भी अगर कलर नहीं करवाया जा रहा है, तो मैनेजिंग कमिटी से सवाल कीजिए। 

12- अगर एजुकेशन एवं ट्रेनिंग फंड के नाम पर आपसे मेनटेनेंस वसूला जा रहा है, लेकिन इस काम में एक भी पैसा खर्च नहीं हो रहा है, तो मैनेजिंग कमिटी से सवाल कीजिए कि एजुकेशन एवं ट्रेनिंग के लिए क्या किया जा रहा है। 

13- अगर सेलेब्रेशन के नाम पर मेनटेनेंस के जरिये फंड वसूला जा रहा है तो फंड से ज्यादा खर्च करने पर कमिटी से सवाल कीजिए। कई बार कमिटी सेलेब्रेशन पर फंड से ज्यादा खर्च करती है, ऐसा इसलिए कि मेंबर्स सोसायटी के लिए उससे जरूरी काम के बारे में सवाल करना बंद कर दें। कई बार तो सेलेब्रेशन के नाम पर बिना एजीएम या एसजीएम की अनुमति के कानूनी सीमा से ज्यादा खर्च कर देते हैं। जैसे कानूनी प्रावधान है कि मैनेजिंग कमिटी एक लाख तक का खर्च बिना एजीएम या एसजीएम की मंजूरी के कर सकती है, लेकिन कई कमिटी सवा लाख, डेढ़ लाख या उससे भी ज्यादा सेलेब्रेशव पर खर्च कर देती है और वो भी बिना एजीएम या एसजीएम की मंजूरी के। तो, इस संबंध में कोई सवाल हो तो जरूर पूछें। 

14-पिछली एजीएम में पास किए गए कामों को कमिटी ने किया या नहीं किया या फिर उन कामों को लेकर क्या अपडेट है, इस बारे में जरूर सवाल कीजिए। कई हाउसिंग सोसायटी में कई कई एजीएम में पास किए गए कामों को कमिटी यूं ही छोड़ देती है। दरअसल, हाउसिंग सोसायटी के मेंबर्स का काम है मैनेजिंग कमिटी पर काम को लेकर दबाव बनाए रखना और इसका सबसे बढ़िया जरिया है कमिटी से सवाल करते रहना, जब तक वो काम ना हो जाए। 

15- मैनेजिंग कमिटी की जिम्मेदारी है हाउसिंग सोसायटी परिसर को साफ-सुथरा रखना, बेहतर लाइट व्यवस्था करना, सुरक्षा का मुकम्मल इंतजाम करना, पानी आपूर्ति और पार्किंग व्यवस्था को दुरुस्त रखना। अगर कमिटी इन सब कामों में सुस्त दिख रही है, तो सवाल पूछकर उनसे काम करवाइये। सोसायटी में सीसीटीवी, कैमरे लगवाना, बिल्डिंग का इंश्योरेंस लेना ये सब अब अनिवार्य काम हो गया है। कई सोसायटी में सीसीटीवी कैमरे होते हैं, लेकिन कमिटी ये देखने की जहमत नहीं उठाती कि कैमरा काम कर रहा है या नहीं। कई बार तो कमिटी के लोगों को मालूम भी होता है कि कैमरा खराब है लेकिन उसको ठीक नहीं करवाते हैं। ऐसे में हाउसिंग सोसायटी के मेंबर्स को सीसीटीवी के बारे में सवाल पूछना चाहिए। 

16-सोसायटी के जितने भी बैंक खाता है, उसको भी जरूर देखिये। इसके अलावा, वाउचर, लेजर, ऑडिटर रेक्टीफिकेशन रिपोर्ट और उस रिपोर्ट पर मैनेजिंग कमिटी द्वारा लिया गया एक्शन को भी देखिये।    

> अपनी हाउसिंग सोसायटी को लेकर कोई सवाल हो तो जरूर पूछें:
इसके अलावा भी आपके मन में सोसायटी से जुड़ा कोई सवाल हो तो बिंदास होकर पूछिये, ये आपका हक है। आप बेहतर जिंदगी के लिए, बेहतर सुविधा के लिए मेनटेनेंस देते हैं, और मैनेजिंग कमिटी की ये जिम्मेदारी है कि वह अपनी सोसायटी के लोगों को ऐसी सुविधा बिना किसी देरी के, बिना किसी बहाने के मुहैया कराए। 

(को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी में कुछ सदस्यों की राजनीति और मैनेजिंग कमिटी की लापरवाही किस तरह से वहां रहने वाले और उनकी फैमिली को खतरे में डालती है, इस किताब में आप पढ़ सकते हैं। किताब का नाम है- हाउसिंग सोसायटी में सियासत;    जान पर आफत!  - https://www.amazon.in/dp/B08X2RS7MB


 

हाउसिंग सोसायटी के हर मेंबर्स को AGM में ये 15 सवाल जरूर पूछने चाहिए

हाउसिंग सोसायटी और उसकी कमिटी के लोगों का 'Confusing Character'!

किसी भी हाउसिंग सोसायटी की सरकार होती है उसकी मैनेजिंग कमिटी

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 -हाउसिंग सोसायटी में कैसे होता है करप्शन का खेल!

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