मंगलवार, 5 जुलाई 2022

अपनी हाउसिंग सोसायटी की AGM की तैयारी कैसे करें, ताकि अपमानित ना होना पड़े

अपनी हाउसिंग सोसायटी की AGM की तैयारी आसानी से तीन स्टेप में करें, हर स्टेप की जानकारी 

पहला स्टेप- AGM से पहले की तैयारी

दूसरा स्टेप-AGM के दिन के लिए तैयारी

तीसरा स्टेप- AGM के बाद के लिए तैयारी

Sample AGM Notice

क्या आप महाराष्ट्र की किसी रजिस्टर्ड हाउसिंग सोसायटी में रहते हैं और उस हाउसिंग सोसायटी की मैनेजिंग कमिटी के सदस्य या पदाधिकारी हैं, तो आप इस लेख को जरूर पढ़ें। किसी भी हाउसिंग सोसायटी को सुचारू रूप से चलाने की जिम्मेदारी मैनेजिंग कमिटी के ऊपर ही रहती है। 

AGM की अधूरी तैयारी, तो बढ़ेगी परेशानी:

मैनेजिंग कमिटी को हर साल अपनी को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी की सालाना आम बैठक (AGM: Annual General Meeting)का आयोजन करना होता है। इसके लिए मैनेजिंग कमिटी को तैयारियां करनी होती है। ऐसा नहीं होने पर एजीएम में कमिटी के लोगों खासकर चेयरमैन, सेक्रेटरी, ट्रेजरर यानी कोषाध्यक्ष को अपमानित होना पड़ता है। अक्सर एजीएम के एजेंडे के संबंध में सदस्यों द्वारा पूछे गए सवालों, पिछली एजीएम मंजूर किए गए प्रस्तावों पर अपडेटेड नहीं होने या फिर बैलेंस शीट में दी गई जानकारी को ठीक से सदस्यों के सामने नहीं रखे जाने पर उनको अपमानित होना पड़ता है। 

सच्ची घटना आपको बताता हूं। हालांकि जहां ये घटना घटी है, उस हाउसिंग सोसायटी का नाम मैं नहीं लूंगा। हाउसिंग सोसायटी की एजीएम के एजेंडे में सोसायटी में सोलर पैनल लगाने की बात थी। जाहिर है, कमिटी ने जब सोलर पैनल लगाने का प्रस्ताव रखा है, तो उससे जुड़े हर सवाल की जानकारी कमिटी को होनी चाहिए। एजीएम में जब सदस्यों ने सोलर पैनल से जुड़े सवाल पूछने शुरू कर दिये, तो मैनेजिंग कमिटी के पास उसका जवाब नहीं था। जब जवाबदेही आपकी है, लेकिन आप सवालों के जवाब नहीं दे रहे हैं, तो अपमानित तो आपको होना पड़ेगा। 

उसी तरह, उसी हाउसिंग सोसायटी की एजीएम के एजेंडे में कुछ ऐसे विषय भी शामिल किए गए थे, जिसकी मंजूरी पिछली एजीएम में ही सदस्यों ने दे दी थी। अगर आप एजेंडा दोहराएंगे, तो इसका साफ साफ मतलब होता है कि मैनेजिंग कमिटी में रहते हुए आप सोसायटी की जिम्मेदारी सही से नहीं निभा रहे हैं। एजीएम में पास किए गए प्रस्तावों, एजीएम मिनट्स में लिखी गई बातों को आप दोबारा नहीं पढ़ते हैं, आप उसे नजरअंदाज करते हैं। इसलिए एजीएम की तैयारी करते समय पुरानी एजीएम के एजेंडा और उस एजीएम की मिनट्स जरूर पढ़ लेना चाहिए। 

तीसरी घटना भी उसी हाउसिंग सोसायटी की एजीएम और मैनेजिंग कमिटी की लापरवाही से जुड़ी है। उस हाउसिंग सोसायटी के दो बैंक खाता हैं। एक बैंक खाता का इस्तेमाल रेगुलर कामों जैसे कि मेनटेनेंस के पैसे जमा करने, स्वीपर, वॉचमैन या दूसरे स्टाफ को सैलरी देने, सोसायटी के मरम्मत के कामों, सोसायटी का बिजली या पानी और अन्य बिलों के भुगतान करने के लिए किया जाता है, जबकि दूसरे खाता में एफडी करवाया हुआ।

 मैनेजिंग कमिटी को एफडी पर मिले ब्याज की ताजा जानकारी एजीएम में देनी होती है। बैलेंस शीट में सोसायटी की इनकम कॉलम में ये जानकारी देनी होती है। लेकिन, जिस सोसायटी की हम बात कर रहे हैं, उस सोसायटी की मैनेजिंग कमिटी ने जिस साल की एजीएम का आयोजन किया था, उस साल उसकी एफडी पर बैंक ने कितना ब्याज दिया, वह जानकारी अपडेटेड नहीं थी। हालांकि, सोसायटी के सदस्य बैलेंस शीट को अक्सर बारीकि से नहीं देखते हैं, ऐसे में मैनेजिंग कमिटी की जिम्मेदारी होती है कि वह सदस्यों को हर जानकारी अपडेटेड दे। 

> तीन स्टेप में करें अपनी एजीएम की सफलतापूर्व तैयारी:

ये तीन घटनाओं से तो आप समझ गए होंगे कि मैनेजिंग कमिटी के सदस्य या पदाधिकारी के नाते आपको एजीएम की तैयारी किस तरह से करनी चाहिए। यहां पर हम उन तीन स्टेप की जानकारी दे रहे हैं, जिसे आजमा कर आप अपनी एजीएम को सफलतापूर्वक आयोजित कर सकते हैं-

1-पहला स्टेप- AGM से पहले की तैयारी

2-दूसरा स्टेप-AGM के दिन के लिए तैयारी

3-तीसरा स्टेप- AGM के बाद के लिए तैयारी

1-पहला स्टेप- AGM से पहले की तैयारी:

क) मैनेजिंग कमिटी की बैठक में एजीएम के एजेंडा के लिए सदस्यों के साथ विचार विमर्श करें

ख) पिछली एजीएम के एजेंडे और उनके मिनट्स जरूर पढ़ लें

ग) 30 जून तक अपनी हाउसिंग सोसायटी के सीए को पिछली एजीएम के एजेंडे, अपने सभी बैंक खाता की डीटेल्स, मेनटेनेंस रजिस्टर, सैलरी रजिस्टर, वाउचर की डीटेल्स, सोसायटी में करवाए गए छोटे-बड़े कामों के भुगतान से जुड़ी डीटेल्स, मैनेजिंग कमिटी की मीटिंग्स के मिनट्स के रजिस्टर, इंश्योरेंस पॉलिसी सर्टिफिकेट, बैंक एफडी -आरडी से जुड़े कागजात, हाउसिंग सोसायटी से जुड़े जागरूकता प्रशिक्षण अगर किसी ने लिया है, तो उसका सर्टिफिकेट, हाउसिंग सोसायटी से जुड़े सभी रजिस्टर देना होता है, ताकि सीए समय से पहले सही सही बैलेंस शीट बना सके और समय पर उसका रेक्टीफिकेशन कर सके।  

इसके अलावा, सीए जो जो जानकारी मांगे, उसे उपलब्ध करा दें। एजीएम से पहले अपने सीए के साथ बैठक करके कहीं भी कोई कंफ्यूजन हो, उसे दूर कर लें। 

घ)  एजीएम के दिन सदस्यों के बैठने, उनके नास्ता, चाय, खाने-पीने का इंतजाम भी पहले से कर लें। 

ड़) एजीएम में मैनेजिंग कमिटी का कौन व्यक्ति किस एजेंडे पर बात करेगा, उसकी तैयारी पहले से कर लें। 

च) एजीएम में कौन कौन से रजिस्टर, कौन कौन से दस्तावेज ले जाने हैं, उसकी जानकारी पहले से ले लें ताकि एजीएम के समय कोई सदस्य कुछ पूछे तो उसे जवाब दिया जा सके। 

छ) सदस्यों के साथ साफ साफ बात करने की तैयारी करें। कुछ भी गुप्त ना रखें। कम्युनिकेशन में कोई कंफ्यूजन मत रखें। 

ज) एजेंडा में सभी कार्यक्रम, एजीएम स्थल, समय, खाने-पीने या फिर कोई और कार्यक्रम हो तो उसका साफ साफ जिक्र करें 

2-दूसरा स्टेप-AGM के दिन के लिए तैयारी

क) एजीएम  के लिए समय से एक घंटा पहले नियत जगह पर कुर्सी, टेंट बगैरह रखवा दें यानी सदस्यों को बैठने का इंतजाम करें

ख) मैनेजिंग कमिटी के सभी सदस्यों को एजीएम के बारे में एडवांस में सूचित करें

ग) सभी जरूरी रजिस्टर और दस्तावेज एजीएम स्थल पर पहुंचा दें। जरूरी रजिस्टर और दस्तावेज में शामिल हैं- मौजूदा एजीएम का एजेंडा और पिछली सभी एजीएम के मिनट्स, बैलेंस शीट,  वाउचर, लेजर, ऑडिटर रेक्टीफिकेशन रिपोर्ट और उस रिपोर्ट पर मैनेजिंग कमिटी द्वारा लिया गया एक्शन से संबंधित जानकारी, सारे बैंक खाता, मैनेजिंग कमिटी की बैठक के मिनट्स से जुड़े रजिस्टर, स्टाफ के उपस्थिति रजिस्टर, स्टाफ को दिए जाने वाली सैलरी की जानकारी से जुड़े रजिस्टर, सोसायटी में किए गए कामों से जुड़े कोटेशन के फाइल्स, निवेश और इंश्योरेंस संबंधित कागजात और पेमेंट रिसीट से जुड़े फाइल, सोसायटी के अंदर और सोसायटी के बाहर मैनेजिंग कमिटी द्वारा किए गए पत्राचार से संबंधित फाइल, हाउसिंग सोसायटी की चल-अचल संपत्ति की लिस्ट से जुड़े फाइल बगैरह। 

घ)  एजीएम को संचालित करने के लिए अस्थायी चेयरमैन के नाम पर मैनेजिंग कमिटी के बीच एजीएम से पहले सहमति बना लें

ड़) अगर हाउसिंग सोसायटी का कोई सदस्य सोसायटी के खिलाफ काम करने के लिए राजनीति करता है, तो उससे निपटने के लिए आप भी राजनीति कीजिए, क्यों कि अच्छे कामों के लिए राजनीति करने में कोई हर्ज नहीं है। 

च) एजीएम में चर्चा की बातों को कौन कौन नोट करेगा, ये पहले से तय कर लीजिए। इसको नोट करने के लिए एक अलग से रजिस्टर भी साथ रखिये। ऐसा करने पर एजीएम के मिनट्स तैयार करने में आसानी हो जाती है। आप वीडियो रिकॉर्डिंग भी कर सकते हैं। 

3-तीसरा स्टेप- AGM के बाद के लिए तैयारी

क) एजीएम के बाद उस एजीएम मिनट्स की तैयारी कीजिए

ख) एजीएम में किन मुद्दों पर काम करने की सहमति बनी, किन मुद्दों को रिजेक्ट कर दिया गया, कौन सा नया काम करने के लिए कहा गया, किस सदस्य ने क्या कहा, इन सब बातों की जानकारी देनी होती है। 

ग) समय के अंदर एजीएम मिनट्स तैयार करके सदस्यों में बंटवा दें और किसी सदस्य का कोई जायज फीडबैक है तो फिर मिनट्स में उसे शामिल करके फिर से सदस्यों को संशोधित मिनट्स भेजें।  

बस, इतना ही करना है। ऐसा करके आप हाउसिंग सोसायटी को सही से चला सकते हैं और एजीएम में भी आप अपमानित होने से बच सकते हैं। 

आपको बता दूं कि महाराष्ट्र की को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी की सालाना आम बैठक (AGM: Annual General Meeting) किसी भी वित्त वर्ष के लिए उसके अगले वित्त वर्ष के 30 सितंबर तक कराना जरूरी है। महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी एक्ट 1960 (  MCS Act 1960) इसे हर को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी के लिए हर साल कानूनन अनिवार्य बनाता है। 

AGM को लेकर क्या कहता है कानून:

-महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी एक्ट 1960 (  MCS Act 1960) के सेक्शन 75(1) में कहा गया है कि हर साल 30 सितंबर को या उससे पहले एजीएम करवा लेना चाहिए। इस अवधि को बढ़ाने का कोई प्रावधान कानून में नहीं है। बायलॉज यानी उपनियम संख्या 94 (ए), 94 (बी) और  95) उपविधि संख्या 94(ए) में भी कहा गया है कि 30 सितंबर या उससे पहले की अवधि के भीतर वार्षिक आम सभा की बैठक आयोजित की जानी चाहिए। 

बाय लॉ नंबर 94 (बी) उपरोक्त उप-नियम 94(ए) में निर्धारित तिथि के अनुसार वार्षिक आम सभा की बैठक बुलाने में चूक के मामले में, अधिनियम की धारा 75(5) के प्रावधान के अनुसार जिम्मेदार हाउसिंग सोसायटी को अयोग्यता और कार्रवाई का सामना करना होगा। 

उपविधि संख्या 95. सोसायटी की वार्षिक आम सभा की बैठक के कार्य सोसायटी की वार्षिक आम सभा की बैठक में निम्नलिखित कार्य किए जाने चाहिए-

1-सोसायटी की अंतिम वार्षिक आम सभा बैठक और सोसायटी की विशेष आम सभा की बैठक, यदि कोई हो, के कार्यवृत्त (मिनट्स) को पढ़ने और उस पर की गई कार्रवाई को बताना 

2- पिछले को-ऑपरेटिव वर्ष के दौरान का आय-व्यय और बैलैंसशीट बताना, पिछली को-ऑपरेटिव वर्ष की गतिविधियों पर मैनेजिंग कमिटी की रिपोर्ट जारी करना, साथ में नियमों के नियम 62(1) के तहत निर्धारित प्रपत्र 'एन' में खातों के विवरण देना

3-पिछले सहकारी यानी को-ऑपरेटिव वर्ष के लिए अधिनियम की धारा 75(2ए) में प्रावधान के अनुसार  नियुक्त लेखापरीक्षक से प्राप्त लेखा परीक्षा रिपोर्ट पर विचार करना 

4-समिति से प्राप्त लेखापरीक्षा सुधार रिपोर्ट (Audit Rectification Report, जिसे उस हाउसिंग सोसायटी द्वारा नियुक्त सीए एजीएम के पहले  कमिटी को देता है) और उस पर की गई कार्रवाई (Action taken thereon)की जानकारी देना 

5-अगले वित्तीय वर्ष का वार्षिक बजट विचारार्थ प्रस्तुत करना।

6-राज्य सरकार द्वारा अनुमोदित पैनल से लेखा परीक्षा के लिए एक लेखा परीक्षक की नियुक्ति करना।

7-समिति से धारा 75(2) और 95 (1बी) में निर्धारित वार्षिक रिटर्न प्राप्त करना 

8-अधिनियम, नियमों और सोसायटी के उप-नियमों के प्रावधानों के आधार पर किसी भी अन्य मामलों पर विचार करने के लिए, विशेष रूप से सोसायटी की आम सभा की बैठक के निर्णय, सहमति या स्वीकृति की आवश्यकता होती है,

9-पंजीकरण प्राधिकारी, सांविधिक लेखा परीक्षक, सरकार, कलेक्टर, स्थानीय प्राधिकरण या किसी अन्य सक्षम प्राधिकारी से प्राप्त किसी भी महत्वपूर्ण विषय पर विचार करना 

10- नियत होने पर (When Due) अपनी समिति के चुनाव की तारीख और संचालन की घोषणा करना

11-नियमित एजेंडा समाप्त होने और अधिनियम, नियमों और उप-नियमों के प्रावधानों के तहत अनुमति दिए जाने के बाद, उचित नोटिस की आवश्यकता वाले लोगों को छोड़कर, अध्यक्ष की अनुमति से किसी अन्य मामले पर विचार करना 

>अपनी हाउसिंग सोसायटी की AGM में आपको कौन कौन से सवाल पूछने चाहिए:

तो, चलिये जानते हैं कि अगर आप अपनी हाउसिंग सोसायटी की एजीएम में भाग लेने जा रहे हैं तो कौन कौन से सवाल अपनी मैनेजिंग कमिटी से पूछनी चाहिए।

1-AGM के एजेंडे को एजीएम में भाग लेने से पहले पूरी तरह से जरूर पढ़ें। एजीएम की तारीख से 14 दिन पहले मेबर्स को एजेंडा भेजना कानूनी तौर पर अनिवार्य है। तो, एजेंडा पढ़ने के बाद आपको दीमाग में जो जो सवाल उठ रहे हैं, वो सब नोट कर लीजिए। कई बार लोग एजीएम से पहले बहुत सारे सवाल सोचते हैं, लेकिन एजीएम में पूछना भूल जाते हैं। कुछ लोग तो एजेंडा पढ़ते ही नहीं है। 

2- एजेंडा के साथ जिस वित्त वर्ष के लिए एजीएम हो रही है, उस वर्ष के लिए सोसायटी की बैलेंस शीट भी लगी रहती है। बैलेंस शीट को हर मेंबर्स को ध्यान से पढ़ना चाहिए। बैलेंस शीट से आप पैसों से जुड़ी गड़बड़ी का पता लगा सकते हैं। बैलेंस शीट में संबंधित वित्त वर्ष के दौरान सोसायटी को हुई इनकम, सोसायटी के हुए खर्च, सोसायटी को निवेश से मिले ब्याज और रिटर्न, सोसायटी की बिल्डिंग या दूसरी प्रोपर्टी के मूल्यह्रास (Depreciation) बगैरह की अपडेटेड  जानकारी के साथ साथ पिछले साल की बैलेंस शीट से तुलना दी हुई रहती है। 

बैलेंसशीट में आपको देखना है कि वह अपडेटेड है या नहीं। अगर थोड़ा भी इसको लेकर कोई शक हो, कोई संदेह हो, तो मैनेजिंग कमिटी से जरूर सवाल पूछें। आप नहीं पूछेंगे और बाद में आपको किसी फैक्ट को लेकर कोई संदेह होगा, और तब मैनेजिंग कमिटी से पूछेंगे तो वो आपको ही  जिम्मेदार ठहरा देंगे कि आपने एजीएम में क्यों नहीं पूछा। 

3- बैलेंस शीट में दी गई इनकम के बारे में विस्तार से पूछें 

4- बैलेंस शीट में दिए गए खर्च के बारे में विस्तार से पूछें 

5-हाउसिंग सोसायटी के सारे बैंक खाते के बारे में अपडेटेड जानकारी लें 

6-बैलेंस शीट में दिए गए निवेश क बारे में, एसेट्स और लायबिलिटी के बारे में सवाल पूछें 

7-अगर आपको लग रहा है कि किसी बैंक में आपकी सोसायटी का खाता है, और वो बैंक मुश्किल में फंसने वाला है या बंद होने वाला है, तो मैनेजिंग कमिटी को आगाह करके उस बैंक से खाता दूसरे बैंक स्थानांतरण करने के बारे में कह सकते हैं। आजकल कई बैंक खासकर को-ऑपरेटिव बैंक बंद हो रहे हैं। 

8-पिछली एजीएम में पास किए गए रिजोल्यूशन, मिनट्स को लेकर कोई सवाल हो तो जरूर पूछें।  

9-बैलेंस शीट में कई हेडिंग और सब-हेडिंग के तहत पैसों की जानकारी दी हुई रहती है। जैसे-शेयर कैपिटल अथॉराइज्ड, रिजर्व एवं सरप्लस, करंट लायबिलिटी एवं प्रोविजन, एडवांस फ्रॉम मेंबर्स, इनकम एवं एक्सपेंडीचर खाता, कैश एवं बैंक बैलेंस, इन्वेस्टमेंट, लोन एवं एडवांसस मेंबर्स का बकाया, जेनरल रिजर्व, सिंकिंग फंड, रिपेयर एवं मेनटेनेंस फंड, कलर फंड, ट्रांसफर प्रीमियम, ट्रांसफर फीस, एंट्रेस फीस, एजुकेशन एवं ट्रेनिंग फंड, सेलेब्रेशन फंड बगैरह से जुड़े कोई सवाल हो तो जरूर एजीएम में पूछें। 

10- जिस काम के लिए मेनटेनेंस लिया जा रहा है, कमिटी जरूरत पड़ने पर भी वह काम करवा रही है या नहीं, इस पर भी नजर रखें। अगर नहीं करवा रही है, तो उसका कारण मैनेजिंग कमिटी से पूछिए। जैसे-कलर फंड के नाम पर मेनटेनेंस लिया जा रहा है, लेकिन बिल्डिंग को कलर की जरूरत होने के बाद भी अगर कलर नहीं करवाया जा रहा है, तो मैनेजिंग कमिटी से सवाल कीजिए। 

12- अगर एजुकेशन एवं ट्रेनिंग फंड के नाम पर आपसे मेनटेनेंस वसूला जा रहा है, लेकिन इस काम में एक भी पैसा खर्च नहीं हो रहा है, तो मैनेजिंग कमिटी से सवाल कीजिए कि एजुकेशन एवं ट्रेनिंग के लिए क्या किया जा रहा है। 

13- अगर सेलेब्रेशन के नाम पर मेनटेनेंस के जरिये फंड वसूला जा रहा है तो फंड से ज्यादा खर्च करने पर कमिटी से सवाल कीजिए। कई बार कमिटी सेलेब्रेशन पर फंड से ज्यादा खर्च करती है, ऐसा इसलिए कि मेंबर्स सोसायटी के लिए उससे जरूरी काम के बारे में सवाल करना बंद कर दें। कई बार तो सेलेब्रेशन के नाम पर बिना एजीएम या एसजीएम की अनुमति के कानूनी सीमा से ज्यादा खर्च कर देते हैं। जैसे कानूनी प्रावधान है कि मैनेजिंग कमिटी एक लाख तक का खर्च बिना एजीएम या एसजीएम की मंजूरी के कर सकती है, लेकिन कई कमिटी सवा लाख, डेढ़ लाख या उससे भी ज्यादा सेलेब्रेशव पर खर्च कर देती है और वो भी बिना एजीएम या एसजीएम की मंजूरी के। तो, इस संबंध में कोई सवाल हो तो जरूर पूछें। 

14-पिछली एजीएम में पास किए गए कामों को कमिटी ने किया या नहीं किया या फिर उन कामों को लेकर क्या अपडेट है, इस बारे में जरूर सवाल कीजिए। कई हाउसिंग सोसायटी में कई कई एजीएम में पास किए गए कामों को कमिटी यूं ही छोड़ देती है। दरअसल, हाउसिंग सोसायटी के मेंबर्स का काम है मैनेजिंग कमिटी पर काम को लेकर दबाव बनाए रखना और इसका सबसे बढ़िया जरिया है कमिटी से सवाल करते रहना, जब तक वो काम ना हो जाए। 

15- मैनेजिंग कमिटी की जिम्मेदारी है हाउसिंग सोसायटी परिसर को साफ-सुथरा रखना, बेहतर लाइट व्यवस्था करना, सुरक्षा का मुकम्मल इंतजाम करना, पानी आपूर्ति और पार्किंग व्यवस्था को दुरुस्त रखना। अगर कमिटी इन सब कामों में सुस्त दिख रही है, तो सवाल पूछकर उनसे काम करवाइये। सोसायटी में सीसीटीवी, कैमरे लगवाना, बिल्डिंग का इंश्योरेंस लेना ये सब अब अनिवार्य काम हो गया है। कई सोसायटी में सीसीटीवी कैमरे होते हैं, लेकिन कमिटी ये देखने की जहमत नहीं उठाती कि कैमरा काम कर रहा है या नहीं। कई बार तो कमिटी के लोगों को मालूम भी होता है कि कैमरा खराब है लेकिन उसको ठीक नहीं करवाते हैं। ऐसे में हाउसिंग सोसायटी के मेंबर्स को सीसीटीवी के बारे में सवाल पूछना चाहिए। 

16-सोसायटी के जितने भी बैंक खाता है, उसको भी जरूर देखिये। इसके अलावा, वाउचर, लेजर, ऑडिटर रेक्टीफिकेशन रिपोर्ट और उस रिपोर्ट पर मैनेजिंग कमिटी द्वारा लिया गया एक्शन को भी देखिये।    

> अपनी हाउसिंग सोसायटी को लेकर कोई सवाल हो तो जरूर पूछें:
इसके अलावा भी आपके मन में सोसायटी से जुड़ा कोई सवाल हो तो बिंदास होकर पूछिये, ये आपका हक है। आप बेहतर जिंदगी के लिए, बेहतर सुविधा के लिए मेनटेनेंस देते हैं, और मैनेजिंग कमिटी की ये जिम्मेदारी है कि वह अपनी सोसायटी के लोगों को ऐसी सुविधा बिना किसी देरी के, बिना किसी बहाने के मुहैया कराए। 

(को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी में कुछ सदस्यों की राजनीति और मैनेजिंग कमिटी की लापरवाही किस तरह से वहां रहने वाले और उनकी फैमिली को खतरे में डालती है, इस किताब में आप पढ़ सकते हैं। किताब का नाम है- हाउसिंग सोसायटी में सियासत;    जान पर आफत!  - https://www.amazon.in/dp/B08X2RS7MB ) 

 

(तमाम विरोधों के बावजूद मैनेजिंग कमिटी में रहकर अपनी को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी को ठीक से रखना चाहते हैं, तो, कैसे काम करना है, उसके लिए 'डेढ़ साल बेमिसाल' किताब को जरूर पढ़ें।)  


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-कैसे होता है बिल्डिंग रिपेयर का काम

-बिल्डिंग रिपेयर, क्रैक फिलिंग, कलर की पूरी प्रक्रिया जानें

-हाउसिंग सोसायटी की छत डिश एंटेना लगाने का सही तरीका, गलत तरीके से लगाएंगे तो बिल्डिंग को नुकसान पहुंचेगा  

कहीं आप हाउसिंग सोसायटी की छत पर डिश एंटेना लगाकर बिल्डिंग को तो नुकसान नहीं पहुंचा रहे हैं!

-फ्लैट की बालकनी में आपकी गार्डेनिंग कहीं बिल्डिंग तो खराब नहीं कर रही है!

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-अपनी हाउसिंग सोसायटी के पड़ोसी की आप से हो रही परेशानी समझें और उसे दूर करें 

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