शुक्रवार, 17 सितंबर 2021

हाउसिंग सोसायटी की छत पर डिश एंटेना लगाने का सही तरीका

कहीं आप हाउसिंग सोसायटी की छत पर डिश एंटेना लगाकर बिल्डिंग को तो नुकसान नहीं पहुंचा रहे हैं!
छत पर डिश एंटेना की गलत फिटिंग 

छत पर डिश एंटेना की सही फिटिंग 

आपकी हाउसिंग सोसायटी आपकी है। इसलिए हाउसिंग सोसायटी की छत पर आप अपनी मर्जी से या फिर सोसायटी की मैनेजिंग कमिटी के फैसले के हिसाब से छत पर डिश एंटेना लगा सकते हैं। अब घर में टीवी रखना है तो फिर डिश एंटेना तो लगाना पड़ेगा। लेकिन छत पर डिश एंटेना लगाने से पहले ये देख लीजिए कि कहीं आप बिल्डिंग को तो नुकसान नहीं पहुंचाने जा रहे हैं।

आप सोच रहे होंगे कि छत पर डिश एंटेना लगाने से भला बिल्डिंग को कैसे नुकसान पहुंचेगा। सही सोचा आपने। दरअसल, जब छत की दीवारों पर यहां वहां बार बार डिश एंटेना स्टैंड को लगाया जाता है तो दीवारों में छेद हो जाती है और उस छेद से पानी खासकर बारिश का पानी बिल्डिंग की दीवारों के अंदर जाकर लोहे के छड़ में जंग लगा सकता है या फिर अंतिम मंजिल के फ्लैटों में लीकेज की समस्या शुरू करा सकता है। डिश एंटेना बार बार लगाने-निकालने से छत की दीवार भी खराब हो जाती है।

इस समस्या का समाधान है। आप कई हाउसिंग सोसायटी की छतों पर देखेंगे कि सिस्टमैटिक तरीके से डिश एंटेना स्टैंड लगाया जाता है और उसी में डिश को बैठाया जाता है। ये स्थायी स्टैंड होते हैं और सिर्फ डिश ही बदले जाते हैं। ये छत पर देखने में भी अच्छा लगते हैंं। आप इस वीडियो में देख सकते हैं-

वीडियो देखिये-
घर में टीवी रखेंगे तो डिश एंटेना लगाना पड़ेगा। चाहे घर या बिल्डिंग की छत पर लगाएं या घर की खिड़की पर। अगर बिल्डिंग की छत पर लगा रहे हैं तो सिस्टमैटिक तरीके से लगाएंगे तो अच्छा रहेगा। इससे बिल्डिंग की सेफ्टी भी रहेगी। लेकिन इसके लिए बिल्डिंग के फ्लैट मेंबर्स को डिश एंटिना फिट करने वाले तकनीशियन को सहयोग करना होगा। एक बिल्डिंग पर डिश एंटिना को सिस्टमैटिक तरीके से फिट करने वाले तकनीशियन से हमने बात की। इस काम में उनकी मुश्किलों और फ्लैट ऑनर्स से किस तरह का सहयोग चाहिए उसके बारे में जाना।

>चित्र में देखिये गलत तरीके से डिश कैसे लगाया जाता है-








>चित्र में देखिये सही तरीके से डिश कैसे लगाया जाता है-











(को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी ही आपका घर है। जैसे घर को साफ-सुथरा और सुरक्षित रखने के लिए मेहनत करते हैं, उसकी देखभाल करते हैं उसी तरह अपनी हाउसिंग सोसायटी की भी देखभाल करें। 

(को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी में कुछ सदस्यों की राजनीति और मैनेजिंग कमिटी की लापरवाही किस तरह से वहां रहने वाले और उनकी फैमिली को खतरे में डालती है, इस किताब में आप पढ़ सकते हैं। किताब का नाम है- हाउसिंग सोसायटी में सियासत;    जान पर आफत!  - https://www.amazon.in/dp/B08X2RS7MB ) 

कहीं आप हाउसिंग सोसायटी की छत पर डिश एंटेना लगाकर बिल्डिंग को तो नुकसान नहीं पहुंचा रहे हैं!

फ्लैट की बालकनी में आपकी गार्डेनिंग कहीं बिल्डिंग तो खराब नहीं कर रही है!

हाउसिंग सोसायटी की नाली को साफ-सुथरा, सुरक्षित और खूबसूरत कैसे बनाएं 

हाउसिंग सोसायटी के फ्लैट के अंदर लीकेज की समस्या और उसका समाधान (पड़ोसी की परेशानी समझें )

महाराष्ट्र की हाउसिंग सोसायटी में रहने वाले AGM की ताकत को नजरअंदाज मत करें 

बड़े अजीब होते हैं...को ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी के लोग 

हाउसिंग सोसायटी और उसकी कमिटी के लोगों का 'Confusing Character'!

किसी भी हाउसिंग सोसायटी की सरकार होती है उसकी मैनेजिंग कमिटी

-हाउसिंग सोसायटी के कानून जानने के हैं बहुत सारे फायदे

 -हाउसिंग सोसायटी में कैसे होता है करप्शन का खेल!

- हाउसिंग सोसायटी के गंदे लोग!

-पढ़ें बंदी में कैसे रहें बिंदास!

 

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शुक्रवार, 10 सितंबर 2021

फ्लैट की बालकनी में आपकी गार्डेनिंग कहीं बिल्डिंग तो खराब नहीं कर रही है!

 फ्लैट की बालकनी में रखा गमला हाउसिंग सोसायटी की बिल्डिंग के लिए जहर है!

हाउसिंग सोसायटी की बिल्डिंग को गमले के मिट्टी वाले पानी से कैसे सुरक्षित रखें!

फ्लैट की बालकनी में गमला रखने का सही तरीका

बालकनी में गमला रखने का गलत तरीका


दाग चाहे कपड़े पर हो, चाहे चरित्र पर या फिर हाउसिंग सोसायटी की बिल्डिंग पर हो, नुकसान ही पहुंचाता है। हाउसिंग सोसायटी की बिल्डिंग पर दो तरह के दाग हो सकते हैं-एक तो काई जम जाता है (बिल्डिंग पर धूल, मिट्टी के जमने और बारिश के पानी से) और  दूसरा फ्लैट में गार्डेनिंग से। कई फ्लैटमालिक बालकनी में गमले रखते हैं, उसमें अच्छे- अच्छे फूल या दूसरा पेड़ लगाते हैं, कीटनाशक दवाएं छिड़कते हैं, उसमें नियमित पानी देते हैं, उसकी हमेशा देखरेख करते हैं।  
बालकनी में गमला रखने का सही तरीका 

फूल, पेड़-पौधे लगाना अच्छी बात है। ये वातावरण को शुद्ध रखता है। इससे मन को शांति मिलती है और सेहत के लिए ये फायदेमंद है। लेकिन, आपकी छोटी सी गलती आपकी गार्डेनिंग को हाउसिंग सोसायटी की बिल्डिंग के लिए जहर बना सकती है। अगर आपने अपने गमले को सही तरीके से नहीं रखा और सही तरीके से पानी नहीं दिया तो बिल्डिंग को नुकसान पहुंच सकता है। कई बार लोग गमले में ज्यादा पानी देते हैं, जिससे गमले की मिट्टी बाहर निकलकर दीवारों से जा चिपकती है। यह बिल्डिंग की दीवार को खराब कर देती है। 

घरों में झाड़ लगाना अच्छी बात है और हर किसी को झाड़ लगाना चाहिए। लेकिन, झाड़ में पानी देते समय ध्यान रहे कि वो सोसायटी की दीवार, सोसायटी के परिसर या फिर सोसायटी के मेंबर के लिए परेशानी ना बने। जिस गमले में झाड़ लगाएं उसके नीचे प्लेट रख सकते हैं ताकि गमले में जो पानी देते हैं वो गमले से बाहर जाकर
सोसायटी या सोसायटी के लोगों के लिए परेशानी ना बनें। 

चित्र से समझिये गमला लगाने और उसकी देखरेख का गलत तरीका:








चित्र से समझिये गमला लगाने और उसकी देखरेख का सही तरीका:



(को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी ही आपका घर है। जैसे घर को साफ-सुथरा और सुरक्षित रखने के लिए मेहनत करते हैं, उसकी देखभाल करते हैं उसी तरह अपनी हाउसिंग सोसायटी की भी देखभाल करें। 

(को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी में कुछ सदस्यों की राजनीति और मैनेजिंग कमिटी की लापरवाही किस तरह से वहां रहने वाले और उनकी फैमिली को खतरे में डालती है, इस किताब में आप पढ़ सकते हैं। किताब का नाम है- हाउसिंग सोसायटी में सियासत;    जान पर आफत!  - https://www.amazon.in/dp/B08X2RS7MB ) 

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बुधवार, 8 सितंबर 2021

हाउसिंग सोसायटी की नाली को साफ-सुथरा, सुरक्षित और खूबसूरत कैसे बनाएं



हाउसिंग सोसायटी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा उसकी नाली होती है। इसके जरिये बारिश का पानी या बिल्डिंग की धुलाई करने या किसी और कारण से गिरने वाला पानी सोसायटी परिसर से निकलकर शहर के मुख्य गटर में चला जाता है। इस नाली को भी साफ-सुथरा रखना होता है। साथ ही इसे इस तरह से रखना चाहिए कि उसमें कोई बच्चा या व्यक्ति या गाड़ी बगैरह ना गिरे। अगर इस नाली को खूबसूरत बनाकर रखा जाए तो और भी सोने पे सुहागा। 

ज्यादातर सोसायटी की नाली खुली हुई ही रहती है। ऐसा इसलिए कि जब बारिश का पानी आए तो बिना रोक-टोक के सीधे नाली से होकर मुख्य गटर में चला जाए और पानी सोसायटी परिसर में ना रूके। साथ ही ऐसा रहने पर इसकी साफ-सफाई करना भी आसान होता है। एक तरह से ये सही भी है। 




लेकिन, कई सोसायटी अपनी नाली को लोगों के लिए सुरक्षित और खूबसूरत बनाने का भी काम करती है। आप भी अगर किसी हाउसिंग सोसायटी में रहते हैं तो इसको साफ-सुथरा रखने, लोगों के लिए सुरक्षित और खूबसूरत बनाने के लिए कई काम कर सकते हैं। 

नाली को साफ-सुथरा, सुरक्षित और खूबसूरत कैसे बनाएं

1) नाली को खुली ही छोड़ दें, लेकिन नियमित साफ-सफाई करवाते रहें

2) नाली को बीच बीच में खुलने वाले कवर लगाकर पूरी तरह से सीमेंट कवर से ढंक दें। लेकिन ऐसा करने पर इसकी नियमित साफ-सफाई करने में थोड़ी दिक्कत आएगी। साथ ही बारिश का पानी काफी धीरे-धीरे निकलेगा। साथ ही इसपर फूल के गमले रखकर खूबसूरत बना सकते हैं। 

3) नाली में सीमेंट या लोहे या प्लास्टिक की पाइपलाइन बिछा दें। लेकिन यहां भी दिक्कत ये है कि बारिश का पानी तेजी से निकलेगा नहीं, जिससे सोसायटी परिसर में परेशानी और बीमारी पैदा होगी। 

4) नाली के ऊपर लोहे का जालीदार कवर लगाएं। ये नाली का साफ-सुथरा रखने और उसे लोगों के लिए सुरक्षित और खूबसूरत बनाने के लिए एक सही विकल्प दिखता है। जाली होने की वजह से बारिश का पानी तेजी से निकलेगा। साथ ही इसकी साफ-सफाई करना भी आसान होगा। इसके अलावा, लोगों का इसमें गिरने का डर भी नहीं होगा। साथ ही इसके ऊपर फूल का गमला भी रख सकते हैं। 



5) नाली के ऊपर सीमेंट कवर और लोहे के जालीदार कवर दोनों को बारी से बारी से लगाएं। नाली के ऊपर कुछ जगह सीमेंट का कवर और कुछ जगह लोहे का जालीदार कवर लगाएं। ऐसा करने में नाली की साफ-सफाई करने में थोड़ी दिक्कत आ सकती है। इसके ऊपर फूल का गमला भी रखकर सोसायटी की खूबसूरती में चार चांद लगा सकते हैं। 

तो, इस तरह से अपनी हाउसिंग सोसायटी को नाली को यूं ही नजरअंदाज मत करें। इसकी भी सही से देखभाल करें। अक्सर बिल्डिर नाली को जिस हाल में छोड़कर जाता है, नाली भी बिल्डिंग के री-डेवलपमेंट तक उसी हालत में रहती है। 

(को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी ही आपका घर है। जैसे घर को साफ-सुथरा और सुरक्षित रखने के लिए मेहनत करते हैं, उसकी देखभाल करते हैं उसी तरह अपनी हाउसिंग सोसायटी की भी देखभाल करें। 

(को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी में कुछ सदस्यों की राजनीति और मैनेजिंग कमिटी की लापरवाही किस तरह से वहां रहने वाले और उनकी फैमिली को खतरे में डालती है, इस किताब में आप पढ़ सकते हैं। किताब का नाम है- हाउसिंग सोसायटी में सियासत;    जान पर आफत!  - https://www.amazon.in/dp/B08X2RS7MB ) 

हाउसिंग सोसायटी की नाली को साफ-सुथरा, सुरक्षित और खूबसूरत कैसे बनाएं 

हाउसिंग सोसायटी के फ्लैट के अंदर लीकेज की समस्या और उसका समाधान (पड़ोसी की परेशानी समझें )

महाराष्ट्र की हाउसिंग सोसायटी में रहने वाले AGM की ताकत को नजरअंदाज मत करें 

बड़े अजीब होते हैं...को ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी के लोग 

हाउसिंग सोसायटी और उसकी कमिटी के लोगों का 'Confusing Character'!

किसी भी हाउसिंग सोसायटी की सरकार होती है उसकी मैनेजिंग कमिटी

-हाउसिंग सोसायटी के कानून जानने के हैं बहुत सारे फायदे

 -हाउसिंग सोसायटी में कैसे होता है करप्शन का खेल!

- हाउसिंग सोसायटी के गंदे लोग!

-पढ़ें बंदी में कैसे रहें बिंदास!

 

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सोमवार, 6 सितंबर 2021

हाउसिंग सोसायटी के फ्लैट के अंदर लीकेज की समस्या और उसका समाधान

पड़ोसी की परेशानी समझें 



अगर आप से कहा जाए कि को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी के लोग खुद से ही अपनी 'कब्र' खोद रहे हैं, तो आप नहीं मानेंगे। लेकिन, ये हकीकत है। लोग जानबुझकर या अनजाने में ऐसा कर रहे हैं। दरअसल, सोसायटी और उसमें बने फ्लैट में लोग अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा के लिए रहते हैं। लेकिन,  अपनी लापरवाही और अपने ही पड़ोसी की परेशानी को नहीं समझने की नीयत की वजह से लोग सोसायटी की बिल्डिंग, बिल्डिंग के फ्लैट और फिर खुद और खुद की फैमिली की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करते हैं। इस बात को समझने के लिए इस लेख को इत्मीनान के साथ पढ़िएगा। 


बिल्डिंग की बाहरी दीवारों का रिपेयर-क्रैक फिलिंग-कलर का काम सोसायटी के सदस्यों के सहयोग से मैनेजिंग कमिटी ने करवा दिया। फ्लैट के अंदर रिपेयर-क्रैक फिलिंग-कलर-टाइल्स लगवाने-एक्सट्रा पानी टंकी लगाने बगैरह का काम फ्लैट मालिक ने खुद करवा लिया। लेकिन, इसके अलावा भी बिल्डिंग का हिस्सा (बिल्डिंग की बाहरी दीवार और फ्लैट के अंदर की दीवार के बीच वाला हिस्सा, जिसे हम देख नहीं पाते हैं ) होता है जिसमें अगर प्रोब्लम होती है तो जानबुझकर या अनजाने में उसे छोड़ दिया जाता है।  

जैसे कि- 

1) दीवार के बीच से गुजरने वाली संडास के पानी निकलने की पाइप 

2) दीवार के बीच से गुजरने वाली बाथरूम के पानी निकलने की पाइप 

3) दीवार के बीच से गुजरने वाली किचन के पानी निकलने की पाइप 

4) दीवार के बीच से संडास और बाथरूम के पास बने बाश बेसिन के पानी निकलने की पाइप 

5) बिल्डिंग में खारे पानी का इस्तेमाल होने से दीवारों के अंदर मौजूद छड़ के खराब हो जाने से पैदा होने वाली परेशानी   



इसमें सबसे बड़ी दिक्कत ये होती है कि ये प्रोब्लम अदृश्य (इनविजिबल) होती है, लेकिन अगर सदस्य संवेदनशील हों, पड़ोसी की परेशानी समझने वाले हों, बेवजह की बहस नहीं करते हों, प्रोब्लम को ठीक करने पर भरोसा करते हों, तो फिर कोई खास दिक्कत नहीं आती है। जो सदस्य काम नहीं करवाना चाहते हैं वो इन सब प्रोब्लम के समाधान के खर्च का ठीकरा सोसायटी या फिर अपने पड़ोसी पर फोड़ने के चक्कर में रहते हैं, जिससे सही समय पर रिपेयर का काम नहीं हो पता है और इस वजह से बिल्डिंग को नुकसान पहुंचता है, बिल्डिंग अंदर अंदर खोखली होती जाती है और फिर आप सबको पता है, बिल्डिंग धराशायी भी हो सकती है और बिल्डिंग जब धराशायी होती है तो फिर कौन मरेगा, कौन बचेगा, ये सोसायटी के सदस्य तय नहीं कर पाते हैं। 

चलिए, अब एक एक समस्या पर विस्तार से बात करते हैं ....

1) दीवार के बीच से गुजरने वाली संडास के पानी निकलने की पाइप: कई बार किसी फ्लैट के संडास की खिड़की के ऊपर पानी लिकेज, बुंद बुंद पानी टपकने की घटना होती है। जिस फ्लैट में ऐसा होता है उस फ्लैट के लोगों को इससे परेशानी होती है। इस समस्या का कारण क्या है, इसे समझना मुश्किल नहीं है या फिर ऐसा भी नहीं है, कि इसके लिए स्ट्रक्चरल ऑडिटर या फिर सिविल वर्क एक्सपर्ट बुलाकर  इसकी जांच कराई जाए। अगर बारिश के दिनों में ऐसा हो, तो समझ सकते हैं कि इसकी वजह बारिश भी हो सकती है, लेकिन आम दिनों में ऐसा होता है तो उस फ्लैट के ऊपर फ्लैट के संडास से प्रोब्लम की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। संडास की पाइप जो कि दीवार में घुसी है या तो फ्लैट वाले हिस्से में उस पाइप में कोई क्रैक बगैरह है या फिर दीवार में घुसे हिस्से में कोई क्रैक है या फिर दीवार से सटे और दीवार के बाहरी हिस्से में कोई क्रैक है तभी ऐसा मामला सामने आ रहा है।

अगर उस पाइप को ठीक कराया जाए, तो नीचे वाले फ्लैट के संडास में होने वाले लीकेज की समस्या को रोका जा सकता है और साथ ही बिल्डिंग की दीवारों को भी बचाया जा सकता है। 

2) दीवार के बीच से गुजरने वाली बाथरूम के पानी निकलने की पाइप:  कई बार किसी फ्लैट के बाथरूम की खिड़की के ऊपर पानी लिकेज, बुंद बुंद पानी टपकने की घटना होती है। जिस फ्लैट में ऐसा होता है उस फ्लैट के लोगों को इससे परेशानी होती है। इस समस्या का कारण क्या है, इसे समझना मुश्किल नहीं है या फिर ऐसा भी नहीं है, कि इसके लिए स्ट्रक्चरल ऑडिटर या फिर सिविल वर्क एक्सपर्ट बुलाकर इसकी जांच कराई जाए। अगर बारिश के दिनों में ऐसा हो, तो समझ सकते हैं कि इसकी वजह बारिश भी हो सकती है, लेकिन आम दिनों में ऐसा होता है तो उस फ्लैट के ऊपर फ्लैट के बाथरूम से प्रोब्लम की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। बाथरूम की पाइप जो कि दीवार में घुसी है या तो फ्लैट वाले हिस्से में उस पाइप में कोई क्रैक बगैरह है या फिर दीवार में घुसे हिस्से में कोई क्रैक है या फिर दीवार से सटे और दीवार के बाहरी हिस्से में कोई क्रैक है तभी ऐसा मामला सामने आ रहा है।

अगर उस पाइप को ठीक कराया जाए, तो नीचे वाले फ्लैट के बाथरूम में होने वाले लीकेज की समस्या को रोका जा सकता है और साथ ही बिल्डिंग की दीवारों को भी बचाया जा सकता है। कई बार बाथरूम के फर्श से भी ये समस्या होती है। ऐसे में बाथरूम के फर्श को फिर से बनाना ही इसका एकमात्र उपाय होता है। 

 

3) दीवार के बीच से गुजरने वाली किचन के पानी निकलने की पाइप: कई बार किसी फ्लैट के किचन में किचन के बाश बेसिन के ऊपर वाले हिस्से में पानी लीकेज की समस्या होती है या फिर पानी बुंद बुंद करके टपकता है, कई बार तो ऊपर से पानी झरने की तरह नीचे वाले फ्लैट में गिरता है, जिससे नीचे वाले फ्लैट के लोगों की तकलीफें बढ़ जाती हैं। इस समस्या का कारण क्या है, इसे समझना मुश्किल नहीं है या फिर ऐसा भी नहीं है, कि इसके लिए स्ट्रक्चरल ऑडिटर या फिर सिविल वर्क एक्सपर्ट बुलाकर  इसकी जांच कराई जाए।  अगर बारिश के दिनों में ऐसा हो, तो समझ सकते हैं कि इसकी वजह बारिश भी हो सकती है, लेकिन आम दिनों में ऐसा होता है तो उस फ्लैट के ऊपर फ्लैट के किचन के पानी निकलने की पाइप  से प्रोब्लम की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। 

किचन के पानी निकलने की पाइप जो कि दीवार में घुसी है या तो फ्लैट वाले हिस्से में उस पाइप में कोई क्रैक बगैरह है या फिर दीवार में घुसे हिस्से में कोई क्रैक है या फिर दीवार से सटे और दीवार के बाहरी हिस्से में कोई क्रैक है तभी ऐसा मामला सामने आ रहा है।

अगर उस पाइप को ठीक कराया जाए, तो नीचे वाले फ्लैट के किचन में होने वाले लीकेज की समस्या को रोका जा सकता है और साथ ही बिल्डिंग की दीवारों को भी बचाया जा सकता है। कई बार किचन के फर्श से भी ये समस्या होती है। ऐसे में किचन के फर्श को फिर से बनाना ही इसका एकमात्र उपाय होता है।  

4) दीवार के बीच से संडास और बाथरूम के पास बने बाश बेसिन के पानी निकलने की पाइप या फिर हॉल में बने बाश बेसिन के पानी निकलने की पाइप : कई बार किसी फ्लैट की छत में, जहां पर बाश बेसिन होता है, उसके ऊपरी हिस्से में लीकेज की समस्या आती है, उस जगह से फ्लैट में बुंद बुंद पानी  टपकता है, कई बार तो ऊपर से पानी झरने की तरह नीचे वाले फ्लैट में गिरता है, जिससे नीचे वाले फ्लैट के लोगों की तकलीफें बढ़ जाती हैं। इस समस्या का कारण क्या है, इसे समझना मुश्किल नहीं है या फिर ऐसा भी नहीं है, कि इसके लिए स्ट्रक्चरल ऑडिटर या फिर सिविल वर्क एक्सपर्ट बुलाकर  इसकी जांच कराई जाए। 

अगर बारिश के दिनों में ऐसा हो, तो समझ सकते हैं कि इसकी वजह बारिश भी हो सकती है, लेकिन आम दिनों में ऐसा होता है तो उस फ्लैट के ऊपर फ्लैट के बाश बेसिन के पानी निकलने की पाइप  से प्रोब्लम की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। बाश बेसिन के पानी निकलने की पाइप जो कि दीवार में घुसी है या तो फ्लैट वाले हिस्से में उस पाइप में कोई क्रैक बगैरह है या फिर दीवार में घुसे हिस्से में कोई क्रैक है या फिर दीवार से सटे औरदीवार के बाहरी हिस्से में कोई क्रैक है तभी ऐसा मामला सामने आ रहा है।

अगर उस पाइप को ठीक कराया जाए, तो नीचे वाले फ्लैट के बाश बेसिन के पाइप से होने वाले लीकेज की समस्या को रोका जा सकता है और साथ ही बिल्डिंग की दीवारों को भी बचाया जा सकता है। कई बार बाश बेसिन के फर्श से भी ये समस्या होती है। ऐसे में बाश बेसिन के फर्श को फिर से बनाना ही इसका एकमात्र उपाय होता है।  

को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी में रहते हैं तो अपने पड़ोसी की आपकी वजह से होने वाली परेशानी को समझिये, उस परेशानी को दूर कीजिए, तभी को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी का मकसद पूरा होगा। 

(को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी ही आपका घर है। जैसे घर को साफ-सुथरा और सुरक्षित रखने के लिए मेहनत करते हैं, उसकी देखभाल करते हैं उसी तरह अपनी हाउसिंग सोसायटी की भी देखभाल करें। 

(को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी में कुछ सदस्यों की राजनीति और मैनेजिंग कमिटी की लापरवाही किस तरह से वहां रहने वाले और उनकी फैमिली को खतरे में डालती है, इस किताब में आप पढ़ सकते हैं। किताब का नाम है- हाउसिंग सोसायटी में सियासत;    जान पर आफत!  - https://www.amazon.in/dp/B08X2RS7MB ) 

हाउसिंग सोसायटी के फ्लैट के अंदर लीकेज की समस्या और उसका समाधान (पड़ोसी की परेशानी समझें )

महाराष्ट्र की हाउसिंग सोसायटी में रहने वाले AGM की ताकत को नजरअंदाज मत करें 

बड़े अजीब होते हैं...को ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी के लोग 

हाउसिंग सोसायटी और उसकी कमिटी के लोगों का 'Confusing Character'!

किसी भी हाउसिंग सोसायटी की सरकार होती है उसकी मैनेजिंग कमिटी

-हाउसिंग सोसायटी के कानून जानने के हैं बहुत सारे फायदे

 -हाउसिंग सोसायटी में कैसे होता है करप्शन का खेल!

- हाउसिंग सोसायटी के गंदे लोग!

-पढ़ें बंदी में कैसे रहें बिंदास!

 

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रविवार, 29 अगस्त 2021

महाराष्ट्र की हाउसिंग सोसायटी में रहने वाले AGM की ताकत को नजरअंदाज मत करें


अगर आप महाराष्ट्र की को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी में रहते हैं तो आपको अपनी हाउसिंग सोसयाटी की हर वित्त वर्ष की समाप्ति के बाद होने वाली सालाना आम बैठक यानी AGM: Annual General Meeting को कभी भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।  


जैसे संसद सत्र के दौरान देश हित के लिए, नागरिकों को बेहतर सुविधा के लिए सत्ता-विपक्ष के बीच सवाल-जवाब होते हैं, तीखी नोंकझोंक होती है, जैसे विधान सभा या विधान परिषद में उस राज्य के हित और उस राज्य के निवासियों के लिए सत्ता-विपक्ष के बीच तकरार होती है, उसी तरह से किसी भी को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी की एजीएम में मैनेजिग कमिटी के सदस्यों और उस सोसायटी के सदस्यों के बीच सोसायटी हित और सोसायटी के लोगों को बेहतर सुविधा देने को लेकर सवाल-जवाब होते हैं, कई बार तीखी नोंकझोंक भी होती है, लेकिन ये सब हाउसिंग सोसायटी और उसके सदस्यों की बेहतरी के लिए होनी चाहिए। 

किसी भी हाउसिंग सोसायटी की मैनेजिंग कमिटी भी एक तरह से सरकार ही होती है। को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी कानून के जरिये मैनेजिंग कमिटी को उस हाउसिंग सोसायटी की सीमा में कई अधिकार और जिम्मेदारियां मिली होती है। मैनेजिंग कमिटी को अपनी हाउसिंग सोसायटी के कल्याण के लिए काम करना होता है। सोसायटी के सदस्यों के साथ चर्चा करके सोसायटी के लिए स्वनियमन तैयार करना होता है। 

जब सरकार काम नहीं करती है, तो हम उसे गाली देते हैं, उसकी शिकायत करते हैं। मतलब सरकार का काम है काम करना। उसे कानून से असीमित अधिकार मिले हैं तो बहुत सारी जिम्मेदारियां भी निभानी होती है। सरकार कई स्तर पर काम करती है। जैसे-केंद्र सरकार, राज्य सरकार, स्थानीय सरकार (ग्राम पंचायत, जिला परिषद, नगरनिगम-नगरपालिका)। किसी भी लोकतंत्र में सरकार का मुख्य काम होता है जनता के कल्याण के लिए काम करना। 

लेकिन, हाउसिंग सोसायटी के मामले में अक्सर देखने को मिलता है कि वहां की मैनेजिंग कमिटी के सदस्यों को अपने अधिकार और अपनी जिम्मेदारी की जानकारी नहीं रहती है। जो परंपरा चली आ रही होती है उसी ढर्रे पर सभी कमिटी चलती रहती है। अगर जानकारी रहती भी है तो य तो अपने घमंड की वजह से या फिर लापरवाही की वजह से सोसायटी के लिए काम नहीं करते हैं।  इसलिए को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी के हर सदस्य को मैनेजिंग कमिटी पर दबाव बनाकर उससे काम करवाते रहना चाहिए और साथ ही एजीएम में कमिटी से सवाल-जवाब भी करते रहना चाहिए। एजीएम में मैनेजिंग कमिटी अपना एजेंडा रखती है, जिसपर चर्चा होती है। 

आपको बता दूं कि महाराष्ट्र की को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी की सालाना आम बैठक (AGM: Annual General Meeting) किसी भी वित्त वर्ष के लिए उसके अगले वित्त वर्ष के 30 सितंबर तक कराना जरूरी है। महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी एक्ट 1960 (  MCS Act 1960) इसे हर को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी के लिए हर साल कानूनन अनिवार्य बनाता है। 

AGM को लेकर क्या कहता है कानून:

-महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी एक्ट 1960 (  MCS Act 1960) के सेक्शन 75(1) में कहा गया है कि हर साल 30 सितंबर को या उससे पहले एजीएम करवा लेना चाहिए। इस अवधि को बढ़ाने का कोई प्रावधान कानून में नहीं है। 

बायलॉ यानी उपनियम संख्या 94 (ए), 94 (बी) और  95) उपविधि संख्या 94(ए) में भी कहा गया है कि 30 सितंबर या उससे पहले की अवधि के भीतर वार्षिक आम सभा की बैठक आयोजित की जानी चाहिए। 

बाय लॉ नंबर 94 (बी) उपरोक्त उप-नियम 94(ए) में निर्धारित तिथि के अनुसार वार्षिक आम सभा की बैठक बुलाने में चूक के मामले में, अधिनियम की धारा 75(5) के प्रावधान के अनुसार जिम्मेदार हाउसिंग सोसायटी को अयोग्यता और कार्रवाई का सामना करना होगा। 

उपविधि संख्या 95. सोसायटी की वार्षिक आम सभा की बैठक के कार्य:

सोसायटी की वार्षिक आम सभा की बैठक में निम्नलिखित कार्य किए जाने चाहिए-

1-सोसायटी की अंतिम वार्षिक आम सभा बैठक और सोसायटी की विशेष आम सभा की बैठक, यदि कोई हो, के कार्यवृत्त (मिनट्स) को पढ़ने और उस पर की गई कार्रवाई को बताना 

2- पिछले को-ऑपरेटिव वर्ष के दौरान का आय-व्यय और बैलैंसशीट बताना, पिछली को-ऑपरेटिव वर्ष की गतिविधियों पर मैनेजिंग कमिटी की रिपोर्ट जारी करना, साथ में नियमों के नियम 62(1) के तहत निर्धारित प्रपत्र 'एन' में खातों के विवरण देना

3-पिछले सहकारी यानी को-ऑपरेटिव वर्ष के लिए अधिनियम की धारा 75(2ए) में प्रावधान के अनुसार  नियुक्त लेखापरीक्षक से प्राप्त लेखा परीक्षा रिपोर्ट पर विचार करना 

4-समिति से प्राप्त लेखापरीक्षा सुधार रिपोर्ट (Audit Rectification Report, जिसे उस हाउसिंग सोसायटी द्वारा नियुक्त सीए एजीएम के पहले  कमिटी को देता है) और उस पर की गई कार्रवाई (Action taken thereon)की जानकारी देना 

5-अगले वित्तीय वर्ष का वार्षिक बजट विचारार्थ प्रस्तुत करना।

6-राज्य सरकार द्वारा अनुमोदित पैनल से लेखा परीक्षा के लिए एक लेखा परीक्षक की नियुक्ति करना।

7-समिति से धारा 75(2) और 95 (1बी) में निर्धारित वार्षिक रिटर्न प्राप्त करना 

8-अधिनियम, नियमों और सोसायटी के उप-नियमों के प्रावधानों के आधार पर किसी भी अन्य मामलों पर विचार करने के लिए, विशेष रूप से सोसायटी की आम सभा की बैठक के निर्णय, सहमति या स्वीकृति की आवश्यकता होती है,

9-पंजीकरण प्राधिकारी, सांविधिक लेखा परीक्षक, सरकार, कलेक्टर, स्थानीय प्राधिकरण या किसी अन्य सक्षम प्राधिकारी से प्राप्त किसी भी महत्वपूर्ण विषय पर विचार करना 

10- नियत होने पर (When Due) अपनी समिति के चुनाव की तारीख और संचालन की घोषणा करना

11-नियमित एजेंडा समाप्त होने और अधिनियम, नियमों और उप-नियमों  के प्रावधानों के तहत अनुमति दिए जाने के बाद, उचित नोटिस की आवश्यकता वाले लोगों को छोड़कर, अध्यक्ष की अनुमति से किसी अन्य मामले पर विचार करना 

को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी ही आपका घर है। जैसे घर को साफ-सुथरा और सुरक्षित रखने के लिए मेहनत करते हैं, उसकी देखभाल करते हैं उसी तरह अपनी हाउसिंग सोसायटी की भी देखभाल करें। एजीएम में हिस्सा लें और हाउसिंग सोसायटी को और बेहतर और सुरक्षित कैसे बनाया जाए, उसपर चर्चा करें। 

(को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी में कुछ सदस्यों की राजनीति और मैनेजिंग कमिटी की लापरवाही किस तरह से वहां रहने वाले और उनकी फैमिली को खतरे में डालती है, इस किताब में आप पढ़ सकते हैं। किताब का नाम है- हाउसिंग सोसायटी में सियासत;    जान पर आफत!  - https://www.amazon.in/dp/B08X2RS7MB ) 

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महाराष्ट्र की हाउसिंग सोसायटी की AGM की आखिरी तारीख 30 सितंबर, नहीं बढ़ी डेडलाइन


महाराष्ट्र की को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी की सालाना आम बैठक (AGM: Annual General Meeting) किसी भी वित्त वर्ष के लिए उसके अगले वित्त वर्ष के 30 सितंबर तक कराना जरूरी है। महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी एक्ट 1960 (  MCS Act 1960) इसे हर को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी के लिए हर साल कानूनन अनिवार्य बनाता है। 

वित्त वर्ष 2019-20 के लिए एजीएम आयोजन की आखिरी तारीख 30 सितंबर 2020 थी, लेकिन कोरोना लॉकडाउन गाइडलाइंस की सख्ती की वजह से (जिसमें उचित दूरी, पांच से ज्यादा लोगों के एक साथ सशरीर उपस्थित होने पर रोक, पैदल या निजी सवारी या सार्वजनिक सवारी से यात्रा पर सख्ती, मास्क जरूरी) एजीएम की डेडलाइन को बढ़ाकर 31 मार्च 2021 तक की गई थी। यानी 31 मार्च 2020 को समाप्त होने वाले वित्त वर्ष 2019-20 के लिए एजीएम आयोजित करने के लिए 31 मार्च 2021 तक का समय मिला था। 

कोरोना गाइडलाइंस तो अभी भी लागू है लेकिन 31 मार्च 2021  को समाप्त हुए वित्त वर्ष 2020-21 के लिए हाउसिंग  सोसायटी को मौजूदा कानून के मुताबिक, 30 सितंबर 2021 तक एजीएम हर हाल में आयोजित करवा होगा। अभी तक डेडलाइन को बढ़ाने को लेकर कोई सरकारी फैसला नहीं आया है। 

 

 

(को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी में कुछ सदस्यों की राजनीति और मैनेजिंग कमिटी की लापरवाही किस तरह से वहां रहने वाले और उनकी फैमिली को खतरे में डालती है, इस किताब में आप पढ़ सकते हैं। किताब का नाम है- हाउसिंग सोसायटी में सियासत;    जान पर आफत!  - https://www.amazon.in/dp/B08X2RS7MB ) 


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