मंगलवार, 28 जून 2022

SwacchHousingSociety:अपनी ही हाउसिंग सोसायटी के गेट पर कचरा फेंकना यानी ...

Swacch Housing Society, Swasth Health
अपने घर के दरवाजे पर इस तरह से कचरा फेंकना पसंद करेंगे, नहीं ना...तो फिर जिस हाउसिंग सोसायटी में आपका घर है उसका गेट भी तो साफ-सुथरा रहना चाहिए। लेकिन, कई बार किसी खास हाउसिंग सोसायटी के लोग अपने हाउसिंग सोसायटी के गेट पर खुद ही कचरा फेंकते हैं और उसकी साफ सफाई पर ध्यान नहीं देते हैं, 
जरा सोचिये, इससे नुकसान किसका है। 

SwacchHousingSociety:अपनी ही हाउसिंग सोसायटी के गेट पर कचरा फेंकना यानी नुकसान अपना 

-RWA के जरिये सरकारी फंड का दुरुपयोग पार्ट -1

-दिल्ली का एक सरकारी कुड़ेदान स्थानीय लोगों को बना रहा है बीमार, अधिकारियों से उसे हटाने की गुहार भी बेकार

हाउसिंग सोसायटी में खुलेआम "Communal खेल" और चेयरमैन और सेक्रेटरी की चुप्पी !

हाउसिंग सोसायटी के हर मेंबर्स को AGM में ये 15 सवाल जरूर पूछने चाहिए

हाउसिंग सोसायटी और उसकी कमिटी के लोगों का 'Confusing Character'!

किसी भी हाउसिंग सोसायटी की सरकार होती है उसकी मैनेजिंग कमिटी

-हाउसिंग सोसायटी के कानून जानने के हैं बहुत सारे फायदे

 -हाउसिंग सोसायटी में कैसे होता है करप्शन का खेल!

- हाउसिंग सोसायटी के गंदे लोग!

-पढ़ें बंदी में कैसे रहें बिंदास!

 



शुक्रवार, 24 जून 2022

हाउसिंग सोसायटी, कॉन्ट्रैक्टर और कमिटी!


हर काम में हां हां जी करके पहले कॉन्ट्रैक्ट लो, फिर हाउसिंग सोसायटी से एडवांस लो, फिर बहाने बना बना कर काम टालते रहो, बिना काम के सोसायटी से पैसे मांगो, पैसे नहीं मिलने पर काम नहीं करने की धमकी दे डालो,..हर कॉन्ट्रेक्टर की है यही कहानी .......
को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी में रहने वाले हर लोगों के लिए जरूरी किताब, इस लिंक को डाउनलोड करें
क्या आप किसी को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी में रहते हैं और वहां की कमिटी के सदस्य हैं या फिर किसी पद (चेयरमैन, सेक्रेटरी, ट्रेजरर) पर हैं तो कोई भी काम किसी कॉन्ट्रैक्टर को देने से पहले कई बार सोच लीजिएगा। साथ ही जब कॉन्ट्रेक्टर आपकी सोसायटी का काम करता रहे, तो उसके काम और उसके द्वारा दिए कोटेशन पर भी नजर रखें, सिर्फ कॉन्ट्रेक्टर को एडवांस पैसे देकर सोसायटी के प्रति अपनी जिम्मेदारी को खत्म मत समझें, वरना आप और आपकी सोसायटी के लोग मुश्किल में फंस सकते हैं। अगर आप किसी को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी के कामकाज से परिचित नहीं है, तो जान लीजिए कि हाउसिंग सोसायटी के रखरखाव के लिए एक मैनेजिंग कमिटी होती है, जिसके सदस्य उसी हाउसिंग सोसायटी के होते हैं और उसी हाउसिंग सोसायटी के लोग उसे चुनते हैं। सोसायटी और सोसायटी के सदस्यों की सुरक्षा, साफ-सफाई, निरोगी माहौल बनाकर रखना कमिटी का काम होता है, इसके लिए सोसायटी के हर सदस्य से हर महीने मेनटेनेंस चार्ज लिया जाता है। सोसायटी से जुड़े काम करवाने की जिम्मेदारी कमिटी की होती है। 

तो, जब कमिटी को कोई बड़ा काम करवाना होता है, तो संबंधित कई कॉन्ट्रेक्टर से पहले कोटेशन मंगवाना होता है। उनमें से कई कॉन्ट्रैक्टर काफी चालबाज होते हैं। मीठा मीठा बोलते हैं, हर काम के लिए हां हां जी कर देते हैं, और कॉन्ट्रैक्ट पा जाते हैं। इसके बाद सोसायटी से काम के लिए एडवांस में पैसे भी ले लेते हैं। उसके बाद सोसायटी के साथ खेल शुरू करते हैं। तरह तरह के बहाना बनाकर काम को टालते जाते हैं, या फिर काम की शुरुआत करते उसे लंबे समय तक छोड़ देते हैं। यही नहीं, कोटेशन में जिस तरह से काम लिखा होता है, उसे में नजरअंदाज करते हैं, एक तरह से कह सकते हैं अपनी मनमानी शुरू कर देते हैं। यही नहीं, बिना काम पूरा किए ही बार बार सोसायटी से पैसे मांगते हैं, और पैसे नहीं देने पर काम दोबारा शुरू नहीं करने की धमकी देते हैं।   

यहां पर मैं पांच तस्वीर आपके साथ साझा कर रहा हूं,गौर से देखिएगा इसे।







 एक हाउसिंग सोसायटी में नई अंडरग्राउंड पानी टंकी का निर्माण चल रहा है। कॉन्ट्रेक्टर ने इसे 20 दिनों में पूरे करने का वादा किया था। लेकिन काम शुरू हुए 20 दिन बीच चुके हैं और अभी इतना ही काम हुआ है। यही नहीं सोसायटी परिसर को कॉन्ट्रेक्टर ने डंपिंग ग्राउंड बना दिया है। कहीं पर पानी ज्यादा दिन तक एक जगह जमा रहता है, तो उससे बीमारी फैलती है, सबको पता है, लेकिन इस टंकी को बनाने वाले कॉन्ट्रैक्टर बहाने पर बहाने बनाकर काम में देरी कर रहा है। ये तस्वीर तो एक हाउसिंग सोसायटी की है। ऐसा नजारा आपको कई हाउसिंग सोसायटी में देखने को मिलेगा। जहां कॉन्ट्रेक्टर ने पैसा तो पूरा ले लिया लेकिन काम आधा-अधूरा छोड़कर भाग गया। या फिर कोटेशन के मुकाबिक, सोसायटी से पैसा तो ले लिया लेकिन आगे काम बढ़ाने के लिए सोसायटी से और पैसे की मांग करते हुए, काम आधा-अधूरा छोड़ दिया। सवाल है कि ऐसे कॉन्ट्रैक्टर से निपटने का इलाज क्या है? जो सबसे सटीक इलाज है वो है उपचार से परहेज बढ़िया यानी काम देने से पहले कॉन्ट्रैक्टर का इतिहास, भूगोल सब पता कर लें। कई बार लोग पर्सनल रिलेशन में किसी को काम देते हैं, जो कि बाद में काफी नुकसान पहुंचाता है। 

अगर आप किसी हाउसिंग सोसायटी के कमिटी में है तो किसी कॉन्ट्रेक्टर को काम देने से पहले सिर्फ निजी रिश्ते मत देखिएगा, उसकी पूरी जानकारी भी लीजिएगा।

-SwacchHousingSociety:अपनी ही हाउसिंग सोसायटी के गेट पर कचरा फेंकना यानी नुकसान अपना 

-हाउसिंग सोसायटी, कॉन्ट्रैक्टर और कमिटी!

-RWA के जरिये सरकारी फंड का दुरुपयोग पार्ट -1

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मंगलवार, 14 जून 2022

RWA के जरिये सरकारी फंड का दुरुपयोग पार्ट -1

RWA की मनमानी और दादागिरी से परेशान दिल्ली के निवासी!

देश की राजधानी होने के नाते लोग देश के कोने कोने से दिल्ली आते हैं और यहां अपना स्थायी आवास हो, लोग इसकी लगातार कोशिश करते रहते हैं। आमतौर पर लोग अधिकृत या अनधिकृत कॉलोनी मे मकानमालिक या किरायेदार के रूप में रहते हैं। कॉलोनी को सुचारू रूप से चलाने या वहां की समस्या का समाधान करने के लिए कुछ लोग मिलकर RWA यानी रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन का गठन करते हैं। 

आपको बता दूं कि महाराष्ट्र में हाउसिंग सोसायटी होती है और हाउसिंग सोसायटी को चलाने के लिए मैनेजिंग कमिटी होती है, जिसे कानूनी मान्यता मिली हुई है। मैनेजिंग कमिटी में संबंधित सोसायटी के मेंबर्स होते हैं। हाउसिंग सोसायटी को रजिस्ट्रेशन कराना होता है। 

तो, बात हो रही है दिल्ली की। तो कुछ RWA बिना registration के तो चलते हैं, जबकि कुछ  रजिस्ट्रार ऑफ सोसाइटी से रजिस्ट्रेशन कराते हैं । जो बिना रजिस्ट्रेशन के काम करते हैं वो कुछ लोगों का पॉकेट  organisation बन जाता है, जिनका सीधा मकसद अपना राजनैतिक और समाज मे रौब दिखाना होता है। आप इन्हें कोई भी सही बात कहेंगे और अगर आप से ये असहमत हैं तो या तो वो आपको अलग थलग कर देंगे या आपको अपने कनेक्शन का डर  दिखाएंगे। महानगर मे आदमी अपनी पारिवारिक उलझन में रहने के कारण अपने आप को इस पचरे से दूर ही रखता है, जिसका ये लोग नाजायज फायदा उठाते हैं।   

हालांकि, दूसरी प्रकार के RWA जो कि registered होते हैं, उनकी भी दुकान करीब करीब पहले वाले की तरह चलती है। लेकिन ये कुछ प्रक्रिया दिखाने के लिए करते । ये byelaws अपने हिसाब से  बनाएंगे। चुनाव प्रक्रिया ऐसे करेंगे जिससे या तो ये चुन कर आएंगे या इन्हीं का खास चुनकर आएगा । यदि इनकी किसी से असहमति होगी तो या तो कोई clause लगाकर आपकों disqualify कर देंगे या आपको डराएंगे। फिर मामला यदि कोर्ट मे गया तो इनकी मौज हो जाती है क्योंकि पब्लिक के पैसे पर ये तारीख पर कोर्ट जाते रहते हैं, फिर इनको कहने वाला भी कोई नहीं होता है। 

इनको कंट्रोल करने वाला कोई रेगुलटरी authority नहीं होने के कारण इनकी मनमानी चलती रहती है। ना कोई ऑडिट देखता ना कोई चलाने की प्रक्रिया। elected representative जैसे कि संबंधित इलाके का सांसद या विधायक और संबंधित अथॉरिटी को ये अपने आप को उस सोसाइटी का ठेकेदार वताते । 

दिल्ली के RWA में घपले की कहानी यहीं से शुरू हो जाती है।  फिर कोई भी सरकारी फंड हो,  इन्हीं के माध्ययम से लूट खसोट होने लगती । कोई भी individual जब इन लोगों के पास जाता तो ये कहते हैं अपने RWA से बात करें। लेकिन, RWA आपकी बात तभी सुनेगा, जब आप उसके गलत काम को support करें। ऐसा नहीं करने पर RWA आपके सारे अधिकार समाप्त कर आपको बदनाम करने में लग जाएगा और आपकी छवि एक destructive और habitual complement के रुप मे बना देगा । आप पुलिस , MCD PWD .....कही भी जाओ सब जगह एक ही कहानी। ये सारे उलटे पुलटे काम करेंगे, सिर्फ इनका जो काम है कॉलोनी मे शांति, सुरक्षा और सौहार्द बनाना, उसको छोड़कर।     


उदाहरण के तौर पर, दिल्ली मे पार्क एण्ड गार्डन सोसाइटी, जो RWA को हर साल 2,55,000 रु. प्रति एकड़ पार्क को maintenance के लिए  फंड देती है। इसका recommendation लोकल MLA करता है लेकिन RWA इस पैसे को अलग मद मे खर्च कर अपना पुराना फोटो दिखाकर sanction करा लेता । इस फंड की वजह से RWA को अपने रेज़िडन्ट्स के पास पैसों के लिए नहीं जाना पड़ता है। इससे RWA को सेवा कम मेवा ज्यादा हासिल हो रहा है।  

सारी समस्या की जड़ RWA की मनमानी और elected representative के साथ ही concerned अथॉरिटी को सिर्फ RWA को महत्व देना बाकी को अनसुना करना है। इस हालत मे एक ही विकल्प बचता वो है कोर्ट जिससे सब बचना चाहता क्योंकि वहां  भी खर्च , परेशानी और समय पर न्याय नहीं मिलना है। दूसरा तो चाहता ही है आप वहा जाएं क्योंकि फिर उसके बाद उसकी बल्ले बल्ले। 

                                                                      लेखिका- वंदना झा, दिल्ली 


-RWA के जरिये सरकारी फंड का दुरुपयोग पार्ट -1

-दिल्ली का एक सरकारी कुड़ेदान स्थानीय लोगों को बना रहा है बीमार, अधिकारियों से उसे हटाने की गुहार भी बेकार

हाउसिंग सोसायटी में खुलेआम "Communal खेल" और चेयरमैन और सेक्रेटरी की चुप्पी !

हाउसिंग सोसायटी के हर मेंबर्स को AGM में ये 15 सवाल जरूर पूछने चाहिए

हाउसिंग सोसायटी और उसकी कमिटी के लोगों का 'Confusing Character'!

किसी भी हाउसिंग सोसायटी की सरकार होती है उसकी मैनेजिंग कमिटी

-हाउसिंग सोसायटी के कानून जानने के हैं बहुत सारे फायदे

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- हाउसिंग सोसायटी के गंदे लोग!

-पढ़ें बंदी में कैसे रहें बिंदास!

 


रविवार, 12 जून 2022

दिल्ली का एक सरकारी कुड़ेदान स्थानीय लोगों को बना रहा है बीमार, अधिकारियों से उसे हटाने की गुहार भी बेकार



फ्लैट- कुड़ेदान साथ साथ, स्थानीय लोग कुड़ेदान से परेशान

कुड़ेदान जरूरी है, लेकिन इसे कहां  रखा जाना चाहिये, अधिकारियों को इस बारे में भी सोचना चाहिये। कुड़ेदान को कम से कम ऐसी जगह तो कतई नहीं रखना चाहिये, जिससे स्थानीय लोगों को परेशानी हो या फिर जो स्थानीय लोगों को बीमार कर दे। लेकिन, देश की राजधानी दिल्ली के एक डीडीए एलआईजी हाउसिंग कॉम्प्लेक्स के लोग एक ऐसे ही कुड़ेदान से परेशान हैं और लगातार संबंधित अधिकारियों, संबंधित आरडब्लूए के पदाधिकारियों से उसे हटाने को लेकर गुहार कर रहे हैं, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है। 

ये है दिल्ली का एक कुड़ेदान (No: 5/50/ROHINI ZONE नजदीक Flat No-1169 to 1184, PKT-GH 5&7, मीरा बाग) और एक ही चारदीवारी के अंदर महज दस कदम की दूरी पर कई फ्लैट्स हैं। ये कुड़ेदान उन फ्लैट्स में रहने वालों को बीमार कर रहा है, उनके लिए परेशानी का सबब बन गया है। 



कुड़ेदान को हटाने के लिए उन फ्लैट्समालिकों ने स्थानीय अधिकारियों को आवेदन भी दिया है, अधिकारियों से मुलाकात भी की है, लेकिन कुड़ेदान हटाने की जगह उन फ्लैट्समालिकों को अधिकारियों से मिल रहा है सिर्फ आश्वासन, तारीख और इंतजार। 

>10 जून 2022 को अधिकारी से कुड़ाघर को हटाने के संबंध में बातचीत करते हुए पीड़ित स्थानीय लोग- 





ये उन फ्लैट्समालिकों द्वारा संबंधित अधिकारी को लिखा गया आवेदन है, आप हूबहु पढ़ सकते हैं- 



सेवा में,                                                   

The commissioner North Delhi Municipal Corporation of Delhi

Subject: Garbage House (कूड़ा घर/ढलाव) No: 5/50/ROHINI ZONE 

नजदीक Flat No-1169 to 1184, PKT-GH 5&7, मीरा बाग कों स्थाई रुप से बंद/हटाने के सम्बंध में । 

महाशय ,

हम लोग POCKET GH 5&7 मीरा बाग  मे  Flat no-1169 to 1184, के नजदीक स्थित  कूड़ा घर/ढलाव No:5/50/ROHINI ZONE  के चालू  रहने  से अत्यधिक  परेसानी  झेल  रहे है। इसकी वजह से यहा गंदगी ,दुर्गंध ,खतरनाक व बिमारी जनित  मच्छरो  की उत्पति ,आवारा कुत्तों व जानवरों  का  जमावरा ,असामाजिक तत्व  का आना जाना एव जमघट  और संबंधित बीमारी का फैलाव होता रहता है। 

फलतः इसके नजदीक रहने वाले निवासी कों आए दिन इसके दुष्प्रभाव झेलना पर रहा है ।  गंदगी  एबम दुर्गंध का आलम ये है कि हम अपने घर से बाहर निकाल कर खुले मे खड़े नहीं हो सकते क्योंकि ये ढलाव हमारे फ्लैट से  करीब 20 मीटर की दूरी पर ही है । इस परेशानी कों समय समय पर हमलोग सबंधित बिभाग व अधिकारी कों विभिन्न माध्यमों से अनुरोध करते रहे है जैसे PMOPG/E/2020/0899101 Dated 7/10/2020, LG Grievances cell :2021015016 Dated 11/10/2021 ,CMPGMS: 2021118715 Dated 11/10/2021 and other online and offline mode from long period 

इसमे जो जबाब आता उसे देखकर लगता सायद इसे पढे बगैर खनपूर्ति के लिए जबाब दिया गया है लेकिन इसकी बंद/हटाने की बात का जबाब नहीं देते । जबकि कुरे का बिखराव हमारे घरों तक आ जाता फिर तो हम परेशान होते रहते है। आखिर क्या कारण है कि वार्ड 50 N मे सभी  कूड़ा घर/ढलाव कों बिगत सालों मे बंद कर दिया लेकिन एकलोता  इस ढलाव कों छोर दिया गया है । क्या इसके नजदीक रहने वाले लोग इंसान नहीं है ? क्या इसके नजदीक रहने वाले लोगों कों कोई साफ सफाई जिंदगी जीने का अधिकार  नहीं है ? क्या इसके नजदीक रहने वाले लोग कोई  टैक्स नहीं देते ? क्या इसके नजदीक रहने वाले लोगों कों  DDA फ्लैट मुफ़्त मे मिला है ? क्या इसके नजदीक रहने वाले लोग नागरिक /मतदाता  नहीं है ? क्या हमारी कॉलोनी प्रधानमंत्री स्वच्छ भारत योजना से बाहर कर दी गई है? MCD खुला ढलाव के विकल्प के लिए इससे मात्र 200 मीटर की दूरी पर सईद गाँव के पास कॉम्पैक्टर मशीन लगाई है जिसका उद्घाटन भी 31 October 2021 कों हो गया। इसके आलवा 

कुडे़ लेने वाली वैन प्रतिदिन आ रही है । ऐसी हालत मे इसका बने रहने का कोई औचित्य नहीं है। 

सभी लोग दूसरे के घर के सामने कुराघर चाहता जबकि हमारी प्राथमिकता कालोनी मे स्वच्छता होनी चाहिए । MCD इसे बंद नहीं करके हमे टारगेट कर रही है । आप हमारे साथ pick & choose क्यों कर रहे है ? इसी कालोनी मे एक ढलाव आपने बंद कर रखा है फिर उसे भी आपकों खोल देना चाहिए।   

आखिर क्यों हमारी मांग कों अनसुना किया जाता है और इसको हटाने कों लेकर आधारहीन तर्क दी जाती है । आज के समय जब पूरे भारत मे सवच्छ भारत अभियान जारी है फिर भी देश कि राजधानी दिल्ली उसमे भी DDA ग्रुप हाउज़िंग  सोसाइटी मे हमलोग असवच्छ  कूड़ा घर/ढलाव का दंश झेल रहे है। जिसके घर के पास कूड़ा घर/ढलाव है समस्या उसे आती न कि इससे दूर रहने वाले कों।  इस तरह कि समस्या हम लोग सालों से झेल रहे है अब तो सहन से पड़े हो गया है। 

इस  समस्या के मद्देनजर हमलोगो समय समय पर वार्ड कौन्सिलोर 50 N श्री विनय रावत जी व नॉर्थ MCD मेयर जी कों प्रतिवेदन /आग्रह करते रहे है (कॉपी संलग्न )। ये सब हमारी समस्या कों समझे है, हमे खुशी है सभी इसे हटाने के पक्ष मे है। आप आधारहीन तर्क के प्रभाब मे नहीं आए और अपना विवेक दिखाए । उम्मीद है आप संवेदनशील होकर इस पर विचार करेंगे और हमलोगों कों इस समस्या से निजात दिलाएंगे व ढलाव कों बंद करने की आदेश पारित करेंगे । 

अतः आप इस पर संबंधित कारवाई कर इस ढलाव कों अबिलंब बंद /हटाने कि कृपा कर इस वार्ड कों  ढलाव मुक्त घोषित कर  समाज मे उदाहरण प्रस्तुत करे। 

आपका सहयोग अपेक्षित है 

सादर निवेदक : 

फ्लैटमालिक ...

जब हम किसी कुड़ाघर के बगल से गुजरते हैं, तो उसकी बदबू और गंदगी से खुद को बचाने के लिए अपना नाक-मुंह बंद कर लेते हैं, तो ऐसे में जरा सोचिये, जो लोग हमेशा ऐसे कुड़ेदान के बगल में चौबीसो घंटे रहते हैं, उनकी क्या हालत होगी। सरकार स्वच्छता अभियान पर करोड़ों खर्च कर रही है, कोरोना को लेकर दिल्ली समेत देशभर में स्थिति भयावह है, ऐसे में किसी भी कुड़ाघर को स्थानीय निवासियों के एकदम पास में रखना, सरासर गलत है। 

-दिल्ली का एक सरकारी कुड़ेदान स्थानीय लोगों को बना रहा है बीमार, अधिकारियों से उसे हटाने की गुहार भी बेकार

हाउसिंग सोसायटी में खुलेआम "Communal खेल" और चेयरमैन और सेक्रेटरी की चुप्पी !

हाउसिंग सोसायटी के हर मेंबर्स को AGM में ये 15 सवाल जरूर पूछने चाहिए

हाउसिंग सोसायटी और उसकी कमिटी के लोगों का 'Confusing Character'!

किसी भी हाउसिंग सोसायटी की सरकार होती है उसकी मैनेजिंग कमिटी

-हाउसिंग सोसायटी के कानून जानने के हैं बहुत सारे फायदे

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-पढ़ें बंदी में कैसे रहें बिंदास!

 


शनिवार, 14 मई 2022

बिल्डिंग की सरिया में जब जंग लग जाए, तो कैसे साफ करें; How to clean rust...

How to clean rusted Saria of Your Building क्या अपनी हाउसिंग सोसायटी की बिल्डिंग की सरिया में लगी जंग लग से आप परेशान हैं? तो, इस एपिसोड में 50 से ज्यादा बिल्डिंगों की रिपेयरिंग का काम करने वाले सिविल कॉन्ट्रैक्टर माधव (मोबाइल नंबर- 9270240025) से जानिए उसे कैसे साफ करना है।


अपनी हाउसिंग सोसायटी की बिल्डिंग का रिपेयर करवाने से पहले सोच लें

Should You use Ready Plaster or Normal Plaster! अगर आप अपनी हाउसिंग सोसायटी की बिल्डिंग की रिपेयरिंग करवाने जा रहे हैं तो पहले तय कर लीजिए कि आपको नॉर्मल प्लास्टर करवाना है या फिर रेडी प्लास्टर। दोनों में काफी अंतर होता है। दोनों में क्या अंतर होता है और दोनों में से सबसे ज्यादा फायदेमंद कौन होता है, इस एपिसोड में जानिए 50 से ज्यादा बिल्डिंगों की रिपेयरिंग का काम करने वाले सिविल कॉन्ट्रैक्टर माधव (मोबाइल नंबर- 9270240025) से।



सोमवार, 28 फ़रवरी 2022

हाउसिंग सोसायटी में खुलेआम "Communal खेल" और चेयरमैन और सेक्रेटरी की चुप्पी !

सियासत में जाति, धर्म का इस्तेमाल करना या किसी खास जाति या धर्म की आड़ में पीड़ित कार्ड (Victim Card) खेलना आम बात है। लेकिन, किसी को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी का मेंबर अगर ये खेल खुलेआम खेलता है और उसे उस सोसायटी के चेयरमैन, सेक्रेटरी समेत मैनेजिंग कमिटी के कुछ मेंबर्स का समर्थन भी मिलता है तो क्या कहेंगे। 

कोई धर्म बुरा नहीं होता है और ना ही उस धर्म के लोग बुरे होते हैं। लेकिन, धर्म की आड़ में अगर कोई शख्स सोसायटी के खिलाफ किए जाने वाले अपने काम को या सोसायटी में नाजायज फायदा उठाने के लिए किसी खास धर्म का पीड़ित कार्ड (Victim Card) खेले, तो यह सोसायटी के लिए खतरनाक होता है। 

महाराष्ट्र की एक हाउसिंग सोसायटी के एक मुसलमान (माफ कीजिएगा, मुझे लिखना पड़ा) मेंबर की बात मैं आपको बताता हूं। जिस हाउसिंग सोसायटी में वह रहता है, उसमें उसके तीन फ्लैट्स हैं। उस सोसायटी में हिन्दू भी हैं, ईसाई भी हैं और उस मेंबर के अलावा कई मुसलमान भी हैं। उस मेंबर पर उसी हाउसिंग सोसायटी की एक किराएदार के साथ छेड़खानी के आरोप भी लग चुके हैं और उस मामले में उस मेंबर की पिटाई भी हो चुकी है। 

हम आगे बढ़ेंगे, उससे पहले उस हाउसिंग सोसायटी के अनाधिकारिक (अन-ऑफिशियल) व्हाट्स ग्रुप में उसके द्वारा साझा किए गए मैसेज पढ़ लीजिए। मामला बहुत छोटा था। सोसायटी परिसर में किसी ने गलत पार्किग कर दी थी। इस पर मैनेजिंग कमिटी के एक मेंबर ने उस अनाधिकारिक (अन-ऑफिशियल) व्हाट्स ग्रुप में गलत पार्किंग की गई बाईक की फोटो डालकर ये पूछा था कि-भाई, ये गाड़ी किसकी है? बस, इत्ती सी बात थी। इसके जवाब में पीड़ित कार्ड खेलने वाले ने क्या जवाब दिया, वो आप नीचे दी गई तस्वीर में देख सकते हैं। ये तस्वीर उस व्हाट्स चैट का स्क्रीनशॉट है- 



"पीड़ित कार्ड खेलने वाला- भाई यहां मैं मुस्लिम हूं इसके लिए आप परेशान कर रहे हो। 

सोसायटी के दूसरे मेंबर- This is something going wron Direction.

पीड़ित कार्ड खेलने वाला- कोई बोलता है यहां मुस्लिम Allow नहीं है। तो क्या क्या 

बोलता है। 

सोसायटी के दूसरे मेंबर-खान भाई हिन्दू हैं क्या

सोसायटी के दूसरे मेंबर-जब यहां दो-तीन मुस्लिम रह रहे हैं, तो क्यों Allow नहीं है।"

सोसायटी का पीड़ित कार्ड खेलने वाला शख्स भी सोसायटी की मैनेजिंग कमिटी का मेंबर है, लेकिन ना तो एक जिम्मेदार नागरिक होने की जिम्मेदारी समझ रहा है और ना ही मैनेजिंग कमिटी के सदस्य के तौर पर सोसायटी के प्रति उसकी क्या जिम्मेदारी होनी चाहिए, वो समझ पा रहा है। वो अपनी जिम्मदारी समझ नहीं रहा है, या नहीं समझने का दिखावा कर रहा है, कहना मुश्किल है। 

धर्म, जाति के नाम पर अफवाह फैलाना अपराध है और सोसायटी के उस शख्स की करतूत को अपराध ही कहा जा सकता है।

उस शख्स द्वारा खुलेआम मुस्लिम पीड़ित कार्ड खेलने का ये कोई पहला वाकया नहीं है। दिन 16 जनवरी 2022। हाउसिंग सोसायटी की एजीएम। उस एजीएम में भी उसने वही मुस्लिम पीड़ित कार्ड खुलेआम खेला। एजीएम में पहले से तय सारे एजेंडे पर चर्चा हो चुकी थी। एजेंडा से बाहर सोसायटी से जुड़े मुद्दे पर बात कहने की छूट दी गई थी। इसी दौरान, AGM में हाउसिंग सोसायटी परिसर में चारपहिया गाड़ी खासकर कार की पार्किंग का सवाल भी उठाया गया। हालांकि, AGM के एजेंडे में यह शामिल नहीं था। लेकिन, एक सदस्य द्वारा अपनी कार को सोसायटी परिसर में पार्किंग पर अड़े रहने को लेकर कुछ सदस्यों की नजर में इस मुद्दे को AGM में उठाया जरूरी लग रहा था, तो ये मुद्दा उठाया गया। मामला था कि सोसायटी परिसर में जगह की कमी की वजह से कार पार्किंग की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए। सोसायटी का एक सदस्य काफी लंबे समय से सोसायटी परिसर में कार पार्किंग कर रहा है। हालांकि, इसके लिए वह हर महीने सोसायटी द्वारा तय पार्किंग शुल्क भी देता है। यह कार पीड़ित कार्ड खेलने वाला उसी मुस्लिम शख्स की है। 

इस मुद्दे को जिसने उठाया वो मैनेजिंग कमिटी का सदस्य, जिसकी कार पार्किंग होती है वो भी मैनेजिंग कमिटी का सदस्य और कार पार्किंग वाले का साथ दे रहा था और जो कार पार्किंग का विरोध कर रहा था, वो भी मैनेजिंग कमिटी का सदस्य। इससे पहले भी AGM में हाउसिंग सोसायटी परिसर में कार पार्किंग को लेकर चर्चा हो चुकी है और उसमें साफ साफ सोसायटी परिसर में कार पार्किंग की मनाही की गई है। इसका कारण भी बताया गया - सोसायटी परिसर में कार पार्किंग के लिए जगह नहीं होना। 

जब मैनेजिंग कमिटी के सदस्य कार पार्किंग को लेकर गरमा-गरमी कर रहे थे तो कार पार्किंग करने वाले का समर्थक मैनेजिंग कमिटी का सदस्य कारपार्किंग का विरोध करने वाले मैनेजिंग कमिटी के सदस्य से पूछने लगा कि किस AGM में हाउसिंग सोसायटी के परिसर में कार नहीं लगाने की बात पास हुई है। कारपार्किंग का विरोध करनेवाले ने झट से उस AGM का मिनट्स कारपार्किंग समर्थक को दिखा दिया (उसे इसकी उम्मीद नहीं थी), जिसमें साफ साफ लिखा गया था कि हाउसिंग सोसायटी परिसर में कार पार्किंग की मंजूरी नहीं दी जाएगी। हालांकि, जिस AGM में ये रिजोल्युशन पास हुआ था, कारपार्किंग समर्थक मैनेजिंग कमिटी का मेंबर उस समय की मैनेजिंग कमिटी का भी मेंबर था। लेकिन उसे ये बात याद नहीं थी। यानी कह सकते हैं कि कारपार्किंग समर्थक पूरी तरह से Time Pass करने वाला है, उसे सोसायटी की बेहतरी से कुछ लेना देना नहीं है। अगर सोसायटी की बेहतरी से लेना-देना होता, तो उसके समय AGM में सोसायटी परिसर में कारपार्किंग की अनुमति नहीं देने की बात लागू करवाता और सदस्यों के बीच फालतू का विवाद होने से बचाता। तो, हर हाउसिंग सोसायटी को ऐसे सदस्यों की पहचान कर उससे बच कर रहना चाहिए और साथ ही ऐसे मेंबर्स से सोसायटी को बचाकर रखना चाहिए। 

हाउसिंग सोसायटी के जो सदस्य एजीएम में भाग ले रहे थे, उनमें से कुछ ने बताया कि जब कार पार्किंग को लेकर गरमा-गरमी चल रही थी, तो चेयरमैन, सेक्रेटरी एजीएम से ही अचानक गायब हो गए थे।  एजीएम  में भी पीड़ित कार्ड खेलने वाला शख्स खुलेआम ऊपर बताए गए व्हाट्स अप चैट की बात को तो दोहराया ही, साथ ही उसने तुरंत तुरंत 50 गुंडे, पुलिस में जाने, रजिस्ट्रार के यहां जाने की धमकी दी। उस एजीएम की मिनट्स का स्क्रीनशॉट्स देख सकते हैं, जिसमें एजीएम में  सदस्यों द्वारा असंसदीय भाषा के इस्तेमाल की बात कही गई है। हालांकि, किसने क्या कहा, इस बारे में जानकारी नहीं दी गई है। वैसे आप उस एजीएम की मिनट्स पढ़ सकते हैं, नाम को ढक दिया गया है, सिर्फ मुद्दे को दिखाया गया है। 

"------committee member of society raised concern on parking of 4-Wheelers in the society premises, whether allow all the members of the society or should it be not for anyone, as after parking re-arrangement many members are not properly parking 2-wheelers. Also, now 2-wheelers are also increasing in the society, hence society needs more space for providing parking for all the 2-wheelers. ---------raised concern that he is parking his 4-wheelers upon request to the society. However, he has also having 4- wheeler and whenever he wanted to park his car he finds his difficulty of parking due to shortage of space. Thereafter,------raised the point that where it is written previously that no 4-wheelerallowed to park in society, then--------started reading previous minutes of AGM (10th AGM agenda no 8),--------explained that society has not alloted parking spaces for 4-wheelers hence nobody has right for particular parking space. Also, it also pointed out that prior permission is to be taken for entry of outsiders vehicles to enter the society premises and use the open space for parking. This is only a precautionary measure for safety. There was hot discussion between committee members and members of the society on the parking issue and shortage of space due to 4-wheeler parking. Also, there was exchange of  unparliamentary words in the discuusion regarding this issue, which cannot be recorded in the Minutes and such no decision has been taken on this issue personal comment on it. 



दो वाकया तो आपने देख लिया कि किस तरह से पीड़ित कार्ड खेलने वाला शख्स सोसायटी के नियमों के खिलाफ जा रहा है। इससे पहले भी जब वो सोसायटी की मैनेजिंग कमिटी का मेंबर नहीं था, तो सोसायटी के दफ्तर में कारपार्किंग के मुद्दे पर इसी तरह की धमकी दिया था और मुस्लिम पीड़ित कार्ड था। और वो भी सोसायटी के चेयरमैन और सेक्रेटरी के सामने। उसने खुले शब्दों में धमकी देते हुए कहा था- जिसको जो उखाड़ना है, उखाड़ ले, मैं अपनी कार नहीं हटाउंगा।"

ये सारा वाकया उस एक साल के भीतर हुआ, जिसमें कि उसमें सोसायटी में एक फ्लैट के रहते दो फ्लैट और खरीदा। तो, सवाल है कि ऐसा खुलेआम Communal खेल खेलने वालों पर किस तरह से लगाम लगाया जाए। ऐसे ही लोग शांति से रह रही सोसायटी के लिए परेशानी बनते हैं। 

(नोट- हाउसिंग सोसायटी को लेकर कोई समस्या है तो कमेंट बॉक्स में जाकर जरूर बताएं) 

(को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी में कुछ सदस्यों की राजनीति और मैनेजिंग कमिटी की लापरवाही किस तरह से वहां रहने वाले और उनकी फैमिली को खतरे में डालती है, इस किताब में आप पढ़ सकते हैं। किताब का नाम है- हाउसिंग सोसायटी में सियासत;    जान पर आफत!  - https://www.amazon.in/dp/B08X2RS7MB ) 


 

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