रविवार, 12 जून 2022

दिल्ली का एक सरकारी कुड़ेदान स्थानीय लोगों को बना रहा है बीमार, अधिकारियों से उसे हटाने की गुहार भी बेकार



फ्लैट- कुड़ेदान साथ साथ, स्थानीय लोग कुड़ेदान से परेशान

कुड़ेदान जरूरी है, लेकिन इसे कहां  रखा जाना चाहिये, अधिकारियों को इस बारे में भी सोचना चाहिये। कुड़ेदान को कम से कम ऐसी जगह तो कतई नहीं रखना चाहिये, जिससे स्थानीय लोगों को परेशानी हो या फिर जो स्थानीय लोगों को बीमार कर दे। लेकिन, देश की राजधानी दिल्ली के एक डीडीए एलआईजी हाउसिंग कॉम्प्लेक्स के लोग एक ऐसे ही कुड़ेदान से परेशान हैं और लगातार संबंधित अधिकारियों, संबंधित आरडब्लूए के पदाधिकारियों से उसे हटाने को लेकर गुहार कर रहे हैं, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है। 

ये है दिल्ली का एक कुड़ेदान (No: 5/50/ROHINI ZONE नजदीक Flat No-1169 to 1184, PKT-GH 5&7, मीरा बाग) और एक ही चारदीवारी के अंदर महज दस कदम की दूरी पर कई फ्लैट्स हैं। ये कुड़ेदान उन फ्लैट्स में रहने वालों को बीमार कर रहा है, उनके लिए परेशानी का सबब बन गया है। 



कुड़ेदान को हटाने के लिए उन फ्लैट्समालिकों ने स्थानीय अधिकारियों को आवेदन भी दिया है, अधिकारियों से मुलाकात भी की है, लेकिन कुड़ेदान हटाने की जगह उन फ्लैट्समालिकों को अधिकारियों से मिल रहा है सिर्फ आश्वासन, तारीख और इंतजार। 

>10 जून 2022 को अधिकारी से कुड़ाघर को हटाने के संबंध में बातचीत करते हुए पीड़ित स्थानीय लोग- 





ये उन फ्लैट्समालिकों द्वारा संबंधित अधिकारी को लिखा गया आवेदन है, आप हूबहु पढ़ सकते हैं- 



सेवा में,                                                   

The commissioner North Delhi Municipal Corporation of Delhi

Subject: Garbage House (कूड़ा घर/ढलाव) No: 5/50/ROHINI ZONE 

नजदीक Flat No-1169 to 1184, PKT-GH 5&7, मीरा बाग कों स्थाई रुप से बंद/हटाने के सम्बंध में । 

महाशय ,

हम लोग POCKET GH 5&7 मीरा बाग  मे  Flat no-1169 to 1184, के नजदीक स्थित  कूड़ा घर/ढलाव No:5/50/ROHINI ZONE  के चालू  रहने  से अत्यधिक  परेसानी  झेल  रहे है। इसकी वजह से यहा गंदगी ,दुर्गंध ,खतरनाक व बिमारी जनित  मच्छरो  की उत्पति ,आवारा कुत्तों व जानवरों  का  जमावरा ,असामाजिक तत्व  का आना जाना एव जमघट  और संबंधित बीमारी का फैलाव होता रहता है। 

फलतः इसके नजदीक रहने वाले निवासी कों आए दिन इसके दुष्प्रभाव झेलना पर रहा है ।  गंदगी  एबम दुर्गंध का आलम ये है कि हम अपने घर से बाहर निकाल कर खुले मे खड़े नहीं हो सकते क्योंकि ये ढलाव हमारे फ्लैट से  करीब 20 मीटर की दूरी पर ही है । इस परेशानी कों समय समय पर हमलोग सबंधित बिभाग व अधिकारी कों विभिन्न माध्यमों से अनुरोध करते रहे है जैसे PMOPG/E/2020/0899101 Dated 7/10/2020, LG Grievances cell :2021015016 Dated 11/10/2021 ,CMPGMS: 2021118715 Dated 11/10/2021 and other online and offline mode from long period 

इसमे जो जबाब आता उसे देखकर लगता सायद इसे पढे बगैर खनपूर्ति के लिए जबाब दिया गया है लेकिन इसकी बंद/हटाने की बात का जबाब नहीं देते । जबकि कुरे का बिखराव हमारे घरों तक आ जाता फिर तो हम परेशान होते रहते है। आखिर क्या कारण है कि वार्ड 50 N मे सभी  कूड़ा घर/ढलाव कों बिगत सालों मे बंद कर दिया लेकिन एकलोता  इस ढलाव कों छोर दिया गया है । क्या इसके नजदीक रहने वाले लोग इंसान नहीं है ? क्या इसके नजदीक रहने वाले लोगों कों कोई साफ सफाई जिंदगी जीने का अधिकार  नहीं है ? क्या इसके नजदीक रहने वाले लोग कोई  टैक्स नहीं देते ? क्या इसके नजदीक रहने वाले लोगों कों  DDA फ्लैट मुफ़्त मे मिला है ? क्या इसके नजदीक रहने वाले लोग नागरिक /मतदाता  नहीं है ? क्या हमारी कॉलोनी प्रधानमंत्री स्वच्छ भारत योजना से बाहर कर दी गई है? MCD खुला ढलाव के विकल्प के लिए इससे मात्र 200 मीटर की दूरी पर सईद गाँव के पास कॉम्पैक्टर मशीन लगाई है जिसका उद्घाटन भी 31 October 2021 कों हो गया। इसके आलवा 

कुडे़ लेने वाली वैन प्रतिदिन आ रही है । ऐसी हालत मे इसका बने रहने का कोई औचित्य नहीं है। 

सभी लोग दूसरे के घर के सामने कुराघर चाहता जबकि हमारी प्राथमिकता कालोनी मे स्वच्छता होनी चाहिए । MCD इसे बंद नहीं करके हमे टारगेट कर रही है । आप हमारे साथ pick & choose क्यों कर रहे है ? इसी कालोनी मे एक ढलाव आपने बंद कर रखा है फिर उसे भी आपकों खोल देना चाहिए।   

आखिर क्यों हमारी मांग कों अनसुना किया जाता है और इसको हटाने कों लेकर आधारहीन तर्क दी जाती है । आज के समय जब पूरे भारत मे सवच्छ भारत अभियान जारी है फिर भी देश कि राजधानी दिल्ली उसमे भी DDA ग्रुप हाउज़िंग  सोसाइटी मे हमलोग असवच्छ  कूड़ा घर/ढलाव का दंश झेल रहे है। जिसके घर के पास कूड़ा घर/ढलाव है समस्या उसे आती न कि इससे दूर रहने वाले कों।  इस तरह कि समस्या हम लोग सालों से झेल रहे है अब तो सहन से पड़े हो गया है। 

इस  समस्या के मद्देनजर हमलोगो समय समय पर वार्ड कौन्सिलोर 50 N श्री विनय रावत जी व नॉर्थ MCD मेयर जी कों प्रतिवेदन /आग्रह करते रहे है (कॉपी संलग्न )। ये सब हमारी समस्या कों समझे है, हमे खुशी है सभी इसे हटाने के पक्ष मे है। आप आधारहीन तर्क के प्रभाब मे नहीं आए और अपना विवेक दिखाए । उम्मीद है आप संवेदनशील होकर इस पर विचार करेंगे और हमलोगों कों इस समस्या से निजात दिलाएंगे व ढलाव कों बंद करने की आदेश पारित करेंगे । 

अतः आप इस पर संबंधित कारवाई कर इस ढलाव कों अबिलंब बंद /हटाने कि कृपा कर इस वार्ड कों  ढलाव मुक्त घोषित कर  समाज मे उदाहरण प्रस्तुत करे। 

आपका सहयोग अपेक्षित है 

सादर निवेदक : 

फ्लैटमालिक ...

जब हम किसी कुड़ाघर के बगल से गुजरते हैं, तो उसकी बदबू और गंदगी से खुद को बचाने के लिए अपना नाक-मुंह बंद कर लेते हैं, तो ऐसे में जरा सोचिये, जो लोग हमेशा ऐसे कुड़ेदान के बगल में चौबीसो घंटे रहते हैं, उनकी क्या हालत होगी। सरकार स्वच्छता अभियान पर करोड़ों खर्च कर रही है, कोरोना को लेकर दिल्ली समेत देशभर में स्थिति भयावह है, ऐसे में किसी भी कुड़ाघर को स्थानीय निवासियों के एकदम पास में रखना, सरासर गलत है। 

-दिल्ली का एक सरकारी कुड़ेदान स्थानीय लोगों को बना रहा है बीमार, अधिकारियों से उसे हटाने की गुहार भी बेकार

हाउसिंग सोसायटी में खुलेआम "Communal खेल" और चेयरमैन और सेक्रेटरी की चुप्पी !

हाउसिंग सोसायटी के हर मेंबर्स को AGM में ये 15 सवाल जरूर पूछने चाहिए

हाउसिंग सोसायटी और उसकी कमिटी के लोगों का 'Confusing Character'!

किसी भी हाउसिंग सोसायटी की सरकार होती है उसकी मैनेजिंग कमिटी

-हाउसिंग सोसायटी के कानून जानने के हैं बहुत सारे फायदे

 -हाउसिंग सोसायटी में कैसे होता है करप्शन का खेल!

- हाउसिंग सोसायटी के गंदे लोग!

-पढ़ें बंदी में कैसे रहें बिंदास!

 


शनिवार, 14 मई 2022

बिल्डिंग की सरिया में जब जंग लग जाए, तो कैसे साफ करें; How to clean rust...

How to clean rusted Saria of Your Building क्या अपनी हाउसिंग सोसायटी की बिल्डिंग की सरिया में लगी जंग लग से आप परेशान हैं? तो, इस एपिसोड में 50 से ज्यादा बिल्डिंगों की रिपेयरिंग का काम करने वाले सिविल कॉन्ट्रैक्टर माधव (मोबाइल नंबर- 9270240025) से जानिए उसे कैसे साफ करना है।


अपनी हाउसिंग सोसायटी की बिल्डिंग का रिपेयर करवाने से पहले सोच लें

Should You use Ready Plaster or Normal Plaster! अगर आप अपनी हाउसिंग सोसायटी की बिल्डिंग की रिपेयरिंग करवाने जा रहे हैं तो पहले तय कर लीजिए कि आपको नॉर्मल प्लास्टर करवाना है या फिर रेडी प्लास्टर। दोनों में काफी अंतर होता है। दोनों में क्या अंतर होता है और दोनों में से सबसे ज्यादा फायदेमंद कौन होता है, इस एपिसोड में जानिए 50 से ज्यादा बिल्डिंगों की रिपेयरिंग का काम करने वाले सिविल कॉन्ट्रैक्टर माधव (मोबाइल नंबर- 9270240025) से।



सोमवार, 28 फ़रवरी 2022

हाउसिंग सोसायटी में खुलेआम "Communal खेल" और चेयरमैन और सेक्रेटरी की चुप्पी !

सियासत में जाति, धर्म का इस्तेमाल करना या किसी खास जाति या धर्म की आड़ में पीड़ित कार्ड (Victim Card) खेलना आम बात है। लेकिन, किसी को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी का मेंबर अगर ये खेल खुलेआम खेलता है और उसे उस सोसायटी के चेयरमैन, सेक्रेटरी समेत मैनेजिंग कमिटी के कुछ मेंबर्स का समर्थन भी मिलता है तो क्या कहेंगे। 

कोई धर्म बुरा नहीं होता है और ना ही उस धर्म के लोग बुरे होते हैं। लेकिन, धर्म की आड़ में अगर कोई शख्स सोसायटी के खिलाफ किए जाने वाले अपने काम को या सोसायटी में नाजायज फायदा उठाने के लिए किसी खास धर्म का पीड़ित कार्ड (Victim Card) खेले, तो यह सोसायटी के लिए खतरनाक होता है। 

महाराष्ट्र की एक हाउसिंग सोसायटी के एक मुसलमान (माफ कीजिएगा, मुझे लिखना पड़ा) मेंबर की बात मैं आपको बताता हूं। जिस हाउसिंग सोसायटी में वह रहता है, उसमें उसके तीन फ्लैट्स हैं। उस सोसायटी में हिन्दू भी हैं, ईसाई भी हैं और उस मेंबर के अलावा कई मुसलमान भी हैं। उस मेंबर पर उसी हाउसिंग सोसायटी की एक किराएदार के साथ छेड़खानी के आरोप भी लग चुके हैं और उस मामले में उस मेंबर की पिटाई भी हो चुकी है। 

हम आगे बढ़ेंगे, उससे पहले उस हाउसिंग सोसायटी के अनाधिकारिक (अन-ऑफिशियल) व्हाट्स ग्रुप में उसके द्वारा साझा किए गए मैसेज पढ़ लीजिए। मामला बहुत छोटा था। सोसायटी परिसर में किसी ने गलत पार्किग कर दी थी। इस पर मैनेजिंग कमिटी के एक मेंबर ने उस अनाधिकारिक (अन-ऑफिशियल) व्हाट्स ग्रुप में गलत पार्किंग की गई बाईक की फोटो डालकर ये पूछा था कि-भाई, ये गाड़ी किसकी है? बस, इत्ती सी बात थी। इसके जवाब में पीड़ित कार्ड खेलने वाले ने क्या जवाब दिया, वो आप नीचे दी गई तस्वीर में देख सकते हैं। ये तस्वीर उस व्हाट्स चैट का स्क्रीनशॉट है- 



"पीड़ित कार्ड खेलने वाला- भाई यहां मैं मुस्लिम हूं इसके लिए आप परेशान कर रहे हो। 

सोसायटी के दूसरे मेंबर- This is something going wron Direction.

पीड़ित कार्ड खेलने वाला- कोई बोलता है यहां मुस्लिम Allow नहीं है। तो क्या क्या 

बोलता है। 

सोसायटी के दूसरे मेंबर-खान भाई हिन्दू हैं क्या

सोसायटी के दूसरे मेंबर-जब यहां दो-तीन मुस्लिम रह रहे हैं, तो क्यों Allow नहीं है।"

सोसायटी का पीड़ित कार्ड खेलने वाला शख्स भी सोसायटी की मैनेजिंग कमिटी का मेंबर है, लेकिन ना तो एक जिम्मेदार नागरिक होने की जिम्मेदारी समझ रहा है और ना ही मैनेजिंग कमिटी के सदस्य के तौर पर सोसायटी के प्रति उसकी क्या जिम्मेदारी होनी चाहिए, वो समझ पा रहा है। वो अपनी जिम्मदारी समझ नहीं रहा है, या नहीं समझने का दिखावा कर रहा है, कहना मुश्किल है। 

धर्म, जाति के नाम पर अफवाह फैलाना अपराध है और सोसायटी के उस शख्स की करतूत को अपराध ही कहा जा सकता है।

उस शख्स द्वारा खुलेआम मुस्लिम पीड़ित कार्ड खेलने का ये कोई पहला वाकया नहीं है। दिन 16 जनवरी 2022। हाउसिंग सोसायटी की एजीएम। उस एजीएम में भी उसने वही मुस्लिम पीड़ित कार्ड खुलेआम खेला। एजीएम में पहले से तय सारे एजेंडे पर चर्चा हो चुकी थी। एजेंडा से बाहर सोसायटी से जुड़े मुद्दे पर बात कहने की छूट दी गई थी। इसी दौरान, AGM में हाउसिंग सोसायटी परिसर में चारपहिया गाड़ी खासकर कार की पार्किंग का सवाल भी उठाया गया। हालांकि, AGM के एजेंडे में यह शामिल नहीं था। लेकिन, एक सदस्य द्वारा अपनी कार को सोसायटी परिसर में पार्किंग पर अड़े रहने को लेकर कुछ सदस्यों की नजर में इस मुद्दे को AGM में उठाया जरूरी लग रहा था, तो ये मुद्दा उठाया गया। मामला था कि सोसायटी परिसर में जगह की कमी की वजह से कार पार्किंग की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए। सोसायटी का एक सदस्य काफी लंबे समय से सोसायटी परिसर में कार पार्किंग कर रहा है। हालांकि, इसके लिए वह हर महीने सोसायटी द्वारा तय पार्किंग शुल्क भी देता है। यह कार पीड़ित कार्ड खेलने वाला उसी मुस्लिम शख्स की है। 

इस मुद्दे को जिसने उठाया वो मैनेजिंग कमिटी का सदस्य, जिसकी कार पार्किंग होती है वो भी मैनेजिंग कमिटी का सदस्य और कार पार्किंग वाले का साथ दे रहा था और जो कार पार्किंग का विरोध कर रहा था, वो भी मैनेजिंग कमिटी का सदस्य। इससे पहले भी AGM में हाउसिंग सोसायटी परिसर में कार पार्किंग को लेकर चर्चा हो चुकी है और उसमें साफ साफ सोसायटी परिसर में कार पार्किंग की मनाही की गई है। इसका कारण भी बताया गया - सोसायटी परिसर में कार पार्किंग के लिए जगह नहीं होना। 

जब मैनेजिंग कमिटी के सदस्य कार पार्किंग को लेकर गरमा-गरमी कर रहे थे तो कार पार्किंग करने वाले का समर्थक मैनेजिंग कमिटी का सदस्य कारपार्किंग का विरोध करने वाले मैनेजिंग कमिटी के सदस्य से पूछने लगा कि किस AGM में हाउसिंग सोसायटी के परिसर में कार नहीं लगाने की बात पास हुई है। कारपार्किंग का विरोध करनेवाले ने झट से उस AGM का मिनट्स कारपार्किंग समर्थक को दिखा दिया (उसे इसकी उम्मीद नहीं थी), जिसमें साफ साफ लिखा गया था कि हाउसिंग सोसायटी परिसर में कार पार्किंग की मंजूरी नहीं दी जाएगी। हालांकि, जिस AGM में ये रिजोल्युशन पास हुआ था, कारपार्किंग समर्थक मैनेजिंग कमिटी का मेंबर उस समय की मैनेजिंग कमिटी का भी मेंबर था। लेकिन उसे ये बात याद नहीं थी। यानी कह सकते हैं कि कारपार्किंग समर्थक पूरी तरह से Time Pass करने वाला है, उसे सोसायटी की बेहतरी से कुछ लेना देना नहीं है। अगर सोसायटी की बेहतरी से लेना-देना होता, तो उसके समय AGM में सोसायटी परिसर में कारपार्किंग की अनुमति नहीं देने की बात लागू करवाता और सदस्यों के बीच फालतू का विवाद होने से बचाता। तो, हर हाउसिंग सोसायटी को ऐसे सदस्यों की पहचान कर उससे बच कर रहना चाहिए और साथ ही ऐसे मेंबर्स से सोसायटी को बचाकर रखना चाहिए। 

हाउसिंग सोसायटी के जो सदस्य एजीएम में भाग ले रहे थे, उनमें से कुछ ने बताया कि जब कार पार्किंग को लेकर गरमा-गरमी चल रही थी, तो चेयरमैन, सेक्रेटरी एजीएम से ही अचानक गायब हो गए थे।  एजीएम  में भी पीड़ित कार्ड खेलने वाला शख्स खुलेआम ऊपर बताए गए व्हाट्स अप चैट की बात को तो दोहराया ही, साथ ही उसने तुरंत तुरंत 50 गुंडे, पुलिस में जाने, रजिस्ट्रार के यहां जाने की धमकी दी। उस एजीएम की मिनट्स का स्क्रीनशॉट्स देख सकते हैं, जिसमें एजीएम में  सदस्यों द्वारा असंसदीय भाषा के इस्तेमाल की बात कही गई है। हालांकि, किसने क्या कहा, इस बारे में जानकारी नहीं दी गई है। वैसे आप उस एजीएम की मिनट्स पढ़ सकते हैं, नाम को ढक दिया गया है, सिर्फ मुद्दे को दिखाया गया है। 

"------committee member of society raised concern on parking of 4-Wheelers in the society premises, whether allow all the members of the society or should it be not for anyone, as after parking re-arrangement many members are not properly parking 2-wheelers. Also, now 2-wheelers are also increasing in the society, hence society needs more space for providing parking for all the 2-wheelers. ---------raised concern that he is parking his 4-wheelers upon request to the society. However, he has also having 4- wheeler and whenever he wanted to park his car he finds his difficulty of parking due to shortage of space. Thereafter,------raised the point that where it is written previously that no 4-wheelerallowed to park in society, then--------started reading previous minutes of AGM (10th AGM agenda no 8),--------explained that society has not alloted parking spaces for 4-wheelers hence nobody has right for particular parking space. Also, it also pointed out that prior permission is to be taken for entry of outsiders vehicles to enter the society premises and use the open space for parking. This is only a precautionary measure for safety. There was hot discussion between committee members and members of the society on the parking issue and shortage of space due to 4-wheeler parking. Also, there was exchange of  unparliamentary words in the discuusion regarding this issue, which cannot be recorded in the Minutes and such no decision has been taken on this issue personal comment on it. 



दो वाकया तो आपने देख लिया कि किस तरह से पीड़ित कार्ड खेलने वाला शख्स सोसायटी के नियमों के खिलाफ जा रहा है। इससे पहले भी जब वो सोसायटी की मैनेजिंग कमिटी का मेंबर नहीं था, तो सोसायटी के दफ्तर में कारपार्किंग के मुद्दे पर इसी तरह की धमकी दिया था और मुस्लिम पीड़ित कार्ड था। और वो भी सोसायटी के चेयरमैन और सेक्रेटरी के सामने। उसने खुले शब्दों में धमकी देते हुए कहा था- जिसको जो उखाड़ना है, उखाड़ ले, मैं अपनी कार नहीं हटाउंगा।"

ये सारा वाकया उस एक साल के भीतर हुआ, जिसमें कि उसमें सोसायटी में एक फ्लैट के रहते दो फ्लैट और खरीदा। तो, सवाल है कि ऐसा खुलेआम Communal खेल खेलने वालों पर किस तरह से लगाम लगाया जाए। ऐसे ही लोग शांति से रह रही सोसायटी के लिए परेशानी बनते हैं। 

(नोट- हाउसिंग सोसायटी को लेकर कोई समस्या है तो कमेंट बॉक्स में जाकर जरूर बताएं) 

(को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी में कुछ सदस्यों की राजनीति और मैनेजिंग कमिटी की लापरवाही किस तरह से वहां रहने वाले और उनकी फैमिली को खतरे में डालती है, इस किताब में आप पढ़ सकते हैं। किताब का नाम है- हाउसिंग सोसायटी में सियासत;    जान पर आफत!  - https://www.amazon.in/dp/B08X2RS7MB ) 


 

हाउसिंग सोसायटी में खुलेआम "Communal खेल" और चेयरमैन और सेक्रेटरी की चुप्पी !

हाउसिंग सोसायटी के हर मेंबर्स को AGM में ये 15 सवाल जरूर पूछने चाहिए

हाउसिंग सोसायटी और उसकी कमिटी के लोगों का 'Confusing Character'!

किसी भी हाउसिंग सोसायटी की सरकार होती है उसकी मैनेजिंग कमिटी

-हाउसिंग सोसायटी के कानून जानने के हैं बहुत सारे फायदे

 -हाउसिंग सोसायटी में कैसे होता है करप्शन का खेल!

- हाउसिंग सोसायटी के गंदे लोग!

-पढ़ें बंदी में कैसे रहें बिंदास!

 


मंगलवार, 1 फ़रवरी 2022

बजट 2022-23: सहकारी समितियां वैकल्पिक न्‍यूनतम कर तथा अधिभार क्रमश: 15 प्रतिशत और 7 प्रतिशत की निम्‍न दर पर भुगतान करेंगी

 


कर प्रोत्‍साहन पाने के लिए स्‍टार्टअप्‍स तथा नई विनिर्माण कंपनियों के गठन की तिथि एक वर्ष के लिए और बढ़ाई गई  

नये कर प्रोत्‍साहन आईएफएससी को आकर्षक बनाएंगे

व्‍यवसायों को उन लाभों पर टीडीएस की कटौती करने के लिए अधिदेशित किया गया जो  वे एजेंटों को देते हैं अगर एक वर्ष में ऐसे लाभों का सकल मूल्‍य 20,000 रुपये से अधिक होता है

सभी परिसंपत्तियों से उत्‍पन्‍न दीर्घ अवधि पूंजी लाभ पर अधिभार की अधिकतम सीमा 15 प्रतिशत की गई

आय एवं लाभ पर अधिभार एवं उपकर की व्‍यवसाय व्‍यय के रूप में अनुमति नहीं दी गई

तलाशी एवं सर्वे के दौरान पाई गई अप्रकट आय पर कर से बचने के लिए नुकसानों के समंजन की प्रथा की अनुमति नहीं

प्रविष्टि तिथि: 01 FEB 2022 1:05PM by PIB Delhi

केन्‍द्रीय वित्‍त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज संसद में केन्‍द्रीय बजट 2022-23 पेश करते हुए कहा कि सरकार ने सहकारी समितियों तथा कंपनियों के बीच समान अवसर उपलब्‍ध कराने के लिए सहकारी समितियों के लिए वैकल्पिक न्‍यूनतम कर दर को वर्तमान 18.5 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत करने का प्रस्‍ताव रखा है। उन्‍होंने कहा कि सरकार ने ऐसी सहकारी समितियों पर अधिभारजिनकी कुल आय एक करोड़ रुपये से अधिक तथा 10 करोड़ रुपये तक हैवर्तमान में 12 प्रतिशत से घटाकर 7 प्रतिशत करने का भी प्रस्‍ताव रखा है। उन्‍होंने कहा कि इससे सहकारी समितियों तथा इसके सदस्‍योंजो अधिकांशत: ग्रामीण तथा कृषक समुदायों से हैंकी आय को बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।

स्‍टार्टअप्‍स को प्रोत्‍साहन

     मंत्री ने कहा कि स्‍टार्टअप्‍स हमारी अर्थव्‍यवस्‍था के लिए विकास के प्रेरक के रूप में उभरकर सामने आए हैं और कोविड-19 महामारी के दौरान उनकी सहायता करने के लिए सरकार ने पात्र स्‍टार्टअप के निगमन की अवधिऔर एक वर्ष यानी 31.03.2023 तक बढ़ाने का प्रस्‍ताव रखा हैजिससे कि उन्‍हें निगमन से 10 वर्षों में से क्रमिक तीन वर्षों के लिए कर प्रोत्‍साहन दिया जा सके। 31.03.2022के लिए स्‍थापित पात्र स्‍टार्टअप्‍स को पहले यह सुविधा उपलब्‍ध थी।

नव-निगमित विनिर्माण कंपनियों को प्रोत्‍साहन

    श्रीमती सीतारमण ने कहा कि कुछ घरेलू विनिर्माण कंपनियों के लिए वैश्विक रूप से प्रतिस्‍पर्धी कारोबारी परिवेश कायम करने के लिए हमारी सरकार द्वारा नवनिर्मित घरेलू विनिर्माण कंपनियों के लिए 15 प्रतिशत कर की रियायती कर व्‍यवस्‍था लागू की गई थी। सरकार धारा– 115बीएबी के अंतर्गत विनिर्माण या उत्‍पादन के आरंभ करने की तिथि को एक वर्ष यानी 31 मार्च 2023 से 31 मार्च 2024 तक बढ़ाने का प्रस्‍ताव रखती है।

आईएफएससी को प्रोत्‍साहन

    वित्‍त मंत्री ने कहा कि आईएफएससी को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने ऑफशोर डेरिवेटिव इंस्‍ट्रूमेंटया किसी ऑफशोर बैंकिंग यूनिट द्वारा जारी ओवर द काउंटर डेरिवेटिव से किसी गैर-निवासी की आयरॉयल्‍टी तथा जहाज की लीज पर ब्‍याज से आय तथा आईएफएससी में पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सेवाओं से प्राप्‍त आयविशिष्‍ट शर्तों के अधीन कर से मुक्‍त होगी।

टीडीएस प्रावधानों को युक्तिसंगत बनाना

     यह देखा गया है कि कारोबार को बढ़ावा देने की कार्यनीति के रूप में कारोबारी प्रतिष्‍ठानों में अपने एजेंटों को हित लाभ देने की प्रवृत्ति होती है। ऐसे हित लाभ एजेंटों के हाथों में कर योग्‍य होते हैं। श्रीमती सीतारमण ने कहा कि ऐसे लेन-देन को ट्रैक करने के लिए सरकार हितलाभ देने वाले व्‍यक्ति द्वारा कर कटौती के लिए उपबंध करने का प्रस्‍ताव करती हूंबशर्त वित्‍त वर्ष के दौरान ऐसे हितलाभों का कुल मूल्‍य 20,000 रुपये से अधिक न हो।

अधिभार का विवेकीकरण

   श्रीमती सीतारमण ने बताया कि वैश्विकृत कारोबारी दुनिया में ऐसी अनेक कार्य संविदाएं होती हैंजिनके निबंधन एवं शर्तों में एक सहायता संघ (कंसोर्टियम) का गठन किया जाना अनिवार्य रूप से अपेक्षित होता है। सहायता संघ के सदस्‍य सामान्‍यतया कंपनियां होती हैं। ऐसे मामलों में इन एओपी की आमदनी पर 37 प्रतिशत तक का श्रेणीबद्ध अधिभार की तुलना में काफी अधिक है। तदनुसारसरकार ने इन एओपी के अधिभार की उच्‍चतम सीमा 15 प्रतिशत निर्धारित करने का प्रस्‍ताव रखा है। उन्‍होंने बताया कि इसके अतिरिक्‍तसूचीबद्ध इ‍क्विटी शेयरोंयूनिट्स आदि पर दीर्घावधिक पूंजी अभिलाभों पर 15 प्रतिशत का अधिकतम अधिभार देय होता हैजबकि अन्‍य दीर्घावधिक पूंजी अभिलाभों पर श्रेणीबद्ध अधिभार लगता हैजो 37 प्रतिशत तक हो सकता है। उन्‍होंने कहा कि सरकार ने किसी प्रकार की परिसंपत्तियों के हस्‍तांतरण से उत्‍पन्‍न दीर्घावधिक पूंजी अभिलाभों पर अधिभार को 15 प्रतिशत की उच्‍चतम सीमा तक निर्धारित करने का प्रस्‍ताव रखा है। उन्‍होंने कहा कि इस कदम से स्‍टार्ट-अप्‍स को कर लाभ देने के साथ सरकार का यह प्रस्‍ताव आत्‍मनिर्भर भारत के प्रति हमारी प्रतिबद्धता की पुन:पुष्टि करता है।  

कारोबारी व्‍यय के रूप में स्‍वास्‍थ्‍य एवं शिक्षा उपकर’ के संबंध में स्‍पष्‍टीकरण

    वित्‍त मंत्री ने कहा कि स्‍वास्‍थ्‍य एवं शिक्षा उपकर’ विनिर्दिष्‍ट शासकीय कल्‍याणकारी कार्यक्रमों के निधियन के लिए करदाता पर एक अतिरिक्‍त अधिभार के रूप में अधिरोपित किया जाता है। परंतुकुछ न्‍यायालयों ने स्‍वास्‍थ्‍य एवं शिक्षा उपकर’ को कारोबारी व्‍यय के रूप में स्‍वीकृत किया हैजो विधायी अभिप्राय के विरूद्ध है। उन्‍होंने कहा कि विधायी अभिप्राय दोहराने के लिए मैं यह स्‍पष्‍ट करने का प्रस्‍ताव करती हूं कि आय और मुनाफे पर किसी भी अधिभार या उपकर को कारोबारी व्‍यय के रूप में स्‍वीकृत नहीं किया जा सकता है।

कर-वंचन की रोकथाम

    श्रीमती सीतारमण ने घोषणा की कि वर्तमान मेंतलाशी कार्रवाइयों में पता लगे अप्रकट आय के संबंध में हानि को आगे ले जाकर समंजित करने के संबंध में अस्‍पष्‍टता है। यह पाया गया है कि अनेक मामलों मेंजिनमें अप्रकट आमदनी या बिक्री को छिपाने आदि का पता लगता है तो हानि के प्रति समंजन करके कर के भुगतान से बचा जाता है। उन्‍होंने कहा कि निश्चितता लाने और कर-वंचकों में निवारक भयबढ़ाने के लिए मैं यह उपबंध करने का प्रस्‍ताव करती हूं कि तलाशी एवं सर्वेक्षपण कार्रवाइयों के दौरान पता लगे अप्रकट आय के संबंध में किसी भी प्रकार की हानि के प्रति समंजन की अनुमति नहीं दी जाएगी।     

(साभार- पीआईबी)

(को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी में कुछ सदस्यों की राजनीति और मैनेजिंग कमिटी की लापरवाही किस तरह से वहां रहने वाले और उनकी फैमिली को खतरे में डालती है, इस किताब में आप पढ़ सकते हैं। किताब का नाम है- हाउसिंग सोसायटी में सियासत;    जान पर आफत!  - https://www.amazon.in/dp/B08X2RS7MB ) 


 

हाउसिंग सोसायटी के हर मेंबर्स को AGM में ये 15 सवाल जरूर पूछने चाहिए

हाउसिंग सोसायटी और उसकी कमिटी के लोगों का 'Confusing Character'!

किसी भी हाउसिंग सोसायटी की सरकार होती है उसकी मैनेजिंग कमिटी

-हाउसिंग सोसायटी के कानून जानने के हैं बहुत सारे फायदे

 -हाउसिंग सोसायटी में कैसे होता है करप्शन का खेल!

- हाउसिंग सोसायटी के गंदे लोग!

-पढ़ें बंदी में कैसे रहें बिंदास!

 


सोमवार, 24 जनवरी 2022

हाउसिंग सोसायटी की AGM में "Time Pass" करने वाले मैनेजिंग कमिटी मेंबर्स से बचके !

 

एक हाउसिंग सोसायटी की एजीएम नोटिस का नमूना 

हाउसिंग सोसायटी की AGM को सुचारू रूप से चलाने की जिम्मेदारी उस सोसायटी की मैनेजिंग कमिटी की होती है। मैनेजिंग कमिटी के हर सदस्य को AGM एजेंडे को लेकर तैयार रहना रहना चाहिए। 

सोसायटी के सदस्य को एजेंडे के अलावा सोसायटी से जुड़े किसी भी सवाल का मैनेजिंग कमिटी से संतोषजनक जवाब जानने का हक होता है और मैनेजिंग कमिटी के हर सदस्य की जिम्मेदारी होती है सदस्यों के सवालों का संतोषजनक जवाब देना। लेकिन, जब AGM में मैनेजिंग कमिटी के ही सदस्य एजेंडे को लेकर स्पष्ट नहीं हों, सदस्यों के सवालों का जवाब देने के बदले खुद ही सवाल पूछने लग जाएं और आपस में ही उलझ जाएं, तो फिर उपाय क्या है। 

क्या ऐसे सदस्यों को सोसायटी के काम को लेकर, सोसायटी के प्रति अपनी जिम्मेदारी को लेकर गंभीर माना जाए या ऐसे सदस्यों को Time Pass करने वाला माना जाए। मेरे हिसाब से तो ऐसे सदस्यों को तो Time Pass सदस्य माना जाना चाहिए,  मैनेजिंग कमिटी ऐसा सदस्य भले ही 5 साल से या 10 साल से या 15 साल से फिर सोसायटी बनने के बाद से ही मैनेजिंग कमिटी का सदस्य क्यों ना रहा हो।  मेरा मानना है कि अगर किसी काम की जिम्मदारी आप लेते हैं उसमें आप खुद को पूरी तरह से झोंक दें, अगर ऐसा नहीं कर सकते तो जिम्मेदारी ही मत लें। Time Pass करके आप अपना नुकसान तो करते ही हैं, जिसकी जिम्मेदारी लेते हैं, उसका भी नुकसान करते हैं। 

आप कभी भी अपनी सोसायटी की मैनेजिंग कमिटी के सदस्यों पर नजर डालें, तो उनमें से ज्यादातर सदस्य Time Pass करने वाले ही मिलेंगे। इनको पिछली एजीएम या एसजीएम में पास रिजोल्यूशन की जानकारी नहीं होती है, अगर जानकारी होती भी है तो रिजोल्युशन पर क्या एक्शन लेना इसकी जानकारी नहीं होती है, अगर क्या एक्शन लेना है, इसकी जानकारी हो भी जाए, तो हाथ पर हाथ धरे बैठे रहते हैं और जो भी कमिटी के एक-दो सदस्य काम करना चाहें, उनके काम में अडंगा लगाते रहते हैं।  

एक हाउसिंग सोसायटी की AGM की बात बताता हूं। AGM के एजेंडे में सोसायटी की बेहतरी के लिए कुछ नई योजना का जिक्र था। सोसायटी में सोलर एनर्जी के लिए व्यवस्था करना और कचरे को सोसायटी के ही जरिये सोसायटी परिसर में खाद में बदलकर उससे कमाई करने के बारे में सोसायटी के लोगों से राय लेनी थी, उनकी मंजूरी लेनी थी। 

सदस्यों की तरफ से इन एजेंडे पर सुझाव या इनकार किए जाने की उम्मीद रहती है, लेकिन मैनेजिंग कमिटी के कुछ सदस्यों ने AGM में उन दोनों एजेंडों को लेकर सवाल उठाने शुरू कर दिए। इसका मतलब साफ है कि मैनेजिंग कमिटी के जो सदस्य AGM के एजेंडे पर सवाल उठा रहे थे, उनको अपनी जिम्मेदारी का अहसास नहीं है, वो केवल Time Pass करने के लिए मैनेजिंग कमिटी में रहते हैं और इसका दूसरा मतलब निकलता है कि मैनेजिंग कमिटी की मीटिंग से भी वो नदारद रहते होंगे, जिससे कि उन्हें AGM जैसे महत्वपूर्ण मौकों पर क्या बोलना है, क्या जवाब देना है, इसकी जानकारी नहीं रहती होगी। 

अगर सचमुच में वो लोग अपने काम को लेकर गंभीर रहते तो मैनेजिंग कमिटी की बैठक में सारी उलझन दूर करने की कोशिश करते, सारे सवालों के जवाब जानने की कोशिश करते, ना कि AGM में तमाशा करने का इंतजार करते। पता नहीं, ऐसे लोगों की आत्मा कैसे उनकी जिम्मेदारी को लेकर लापरवाह रहने की अनुमति देती है। 

एक बात और मैं आपको बता दूं कि किसी भी AGM या SGM में कोई भी एजेंडा रखने से पहले मैनेजिंग कमिटी की बैठक में चर्चा होती है और पहले कमिटी के सभी सदस्यों को एजेंडे को लेकर विश्वास में लिया जाता है। मैनेजिंग कमिटी के मेंबर्स के बीच एजेंडे को लेकर सहमति होनी चाहिए, समन्वय होना चाहिए। ऐसा नहीं होने पर  AGM या SGM को सुचारू रूप से चलाना मुश्किल हो जाता है।   

उसी सोसायटी की उसी AGM की एक और बात आपको बताता हूं। AGM में हाउसिंग सोसायटी परिसर में चारपहिया गाड़ी खासकर कार की पार्किंग का सवाल भी उठाया गया। हालांकि, AGM के एजेंडे में यह शामिल नहीं था। लेकिन, एक सदस्य द्वारा अपनी कार को सोसायटी परिसर में पार्किंग पर अड़े रहने को लेकर कुछ सदस्यों की नजर में इस मुद्दे को AGM में उठाया जरूरी लग रहा था, तो ये मुद्दा उठाया गया। मामला था कि सोसायटी परिसर में जगह की कमी की वजह से कार पार्किंग की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए। सोसायटी का एक सदस्य काफी लंबे समय से सोसायटी परिसर में कारपार्किंग कर रहा है। हालांकि, इसके लिए वह हर महीने सोसायटी द्वारा तय पार्किंग शुल्क भी देता है। 

इस मुद्दे को जिसने उठाया वो मैनेजिंग कमिटी का सदस्य, जिसकी कार पार्किंग होती है वो भी मैनेजिंग कमिटी का सदस्य और कार पार्किंग वाले का साथ दे रहा था और जो कार पार्किंग का विरोध कर रहा था, वो भी मैनेजिंग कमिटी का सदस्य। इससे पहले भी AGM में हाउसिंग सोसायटी परिसर में कार पार्किंग को लेकर चर्चा हो चुकी है और उसमें साफ साफ सोसायटी परिसर में कार पार्किंग की मनाही की गई है। इसका कारण भी बताया गया - सोसायटी परिसर में कार पार्किंग के लिए जगह नहीं होना। 

जब मैनेजिंग कमिटी के सदस्य कार पार्किंग को लेकर गरमा-गरमी कर रहे थे तो कारपार्किंग करने वाले का समर्थक मैनेजिंग कमिटी का सदस्य कारपार्किंग का विरोध करने वाले मैनेजिंग कमिटी के सदस्य से पूछने लगा कि किस AGM में हाउसिंग सोसायटी के परिसर में कार नहीं लगाने की बात पास हुई है। कारपार्किंग का विरोध करनेवाले ने झट से उस AGM का मिनट्स कारपार्किंग समर्थक दिखा को दिया (जिसकी उम्मीद उसने नहीं की थी), जिसमें साफ साफ लिखा गया था कि हाउसिंग सोसायटी परिसर में कार पार्किंग की मंजूरी नहीं दी जाएगी। हालांकि, जिस AGM में ये रिजोल्युशन पास हुआ था, कारपार्किंग समर्थक मैनेजिंग कमिटी का मेंबर उस समय की मैनेजिंग कमिटी का भी मेंबर था। लेकिन उसे ये बात याद नहीं थी। यानी कह सकते हैं कि कारपार्किंग समर्थक पूरी तरह से Time Pass करने वाला है, उसे सोसायटी की बेहतरी से कुछ लेना देना नहीं है। अगर सोसायटी की बेहतरी से लेना-देना होता, तो उसके समय AGM में सोसायटी परिसर में कारपार्किंग की अनुमति नहीं देने की बात लागू करवाता और सदस्यों के बीच फालतू का विवाद होने से बचाता। तो, हर हाउसिंग सोसायटी को ऐसे सदस्यों की पहचान कर उससे बच कर रहना चाहिए और साथ ही ऐसे मेंबर्स से सोसायटी को भी बचाकर रखना चाहिए। 

(नोट- हाउसिंग सोसायटी को लेकर को समस्या हो तो हमें लिखें। हम समाधान बताएंगे।)  

(को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी में कुछ सदस्यों की राजनीति और मैनेजिंग कमिटी की लापरवाही किस तरह से वहां रहने वाले और उनकी फैमिली को खतरे में डालती है, इस किताब में आप पढ़ सकते हैं। किताब का नाम है- हाउसिंग सोसायटी में सियासत;    जान पर आफत!  - https://www.amazon.in/dp/B08X2RS7MB ) 


 

हाउसिंग सोसायटी के हर मेंबर्स को AGM में ये 15 सवाल जरूर पूछने चाहिए

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बुधवार, 12 जनवरी 2022

हाउसिंग सोसायटी के हर मेंबर्स को AGM में ये 16 सवाल जरूर पूछने चाहिए

हाउसिंग सोसायटी की AGM में भाग लेना कितना जरूरी है, आप शायद नहीं जानते!

एक हाउसिंग सोसायटी की एजीएम नोटिस का नमूना 

हाउसिंग सोसायटी में रहने वाले बहुत सारे सदस्य अपनी सोसायटी की सालाना आम बैठक (एजीएम, Annual General Meeting-AGM)को हमेशा नजरअंदाज करते हैं। बैठक को कोई महत्व नहीं देते हैं। अगर आप भी ऐसा करते हैं तो आप अपने आपको, अपने परिवार को खतरे में, मुश्किलों में डाल रहे हैं। 

हाउसिंग सोसायटी की एजीएम ठीक संसद की बैठक या विधान सभा की बैठक जितनी महत्वपूर्ण होती है। संसद या विधान सभा की बैठक में विपक्ष सरकार से सवाल पूछता है और सरकार अपनी बात रखती है, उसी तरह से हाउसिंग सोसायटी की एजीएम में मैनेजिंग कमिटी से सोसायटी के मेंबर्स, जो कमिटी के सदस्य नहीं होते, वो अपनी हाउसिंग सोसायटी से जुड़े समस्याओं, मुद्दों पर सवाल पूछते हैं। मैनेजिंग कमिटी को अपने मेंबर्स के हर सवालों का जवाब उनको संतुष्ट होने तक देना होता है। 

मैनेजिंग कमिटी ही हाउसिंग सोसायटी को चलाने के लिए कानूनी तौर पर जिम्मेदार होता है, ये अलग बात है कि बहुत सारे मैनेजिंग कमिटी के मेंबर्स अपनी इस जिम्मेदारी को नहीं समझते हैं। उनके हिसाब से सोसायटी में जश्न मनाना, स्वीपर, वॉचमैन को सैलरी देना, बिजली बिल और पानी का बिल चुकाना ही, मैनेजिंग कमिटी की जिम्मेदारी होती है, लेकिन मैनेजिंग कमिटी की जिम्मेदारी और ताकत कहीं इन सबसे ज्यादा होती है। दरअसल, हाउसिंग सोसायटी से जुड़ी जानकारी नहीं होने की वजह से उनमें इस तरह की सोच विकसित हो जाती है। 

>अपनी हाउसिंग सोसायटी की AGM में आपको कौन कौन से सवाल पूछने चाहिए:

तो, चलिये जानते हैं कि अगर आप अपनी हाउसिंग सोसायटी की एजीएम में भाग लेने जा रहे हैं तो कौन कौन से सवाल अपनी मैनेजिंग कमिटी से पूछनी चाहिए।

1-AGM के एजेंडे को एजीएम में भाग लेने से पहले पूरी तरह से जरूर पढ़ें। एजीएम की तारीख से 14 दिन पहले मेबर्स को एजेंडा भेजना कानूनी तौर पर अनिवार्य है। तो, एजेंडा पढ़ने के बाद आपको दीमाग में जो जो सवाल उठ रहे हैं, वो सब नोट कर लीजिए। कई बार लोग एजीएम से पहले बहुत सारे सवाल सोचते हैं, लेकिन एजीएम में पूछना भूल जाते हैं। कुछ लोग तो एजेंडा पढ़ते ही नहीं है। 

2- एजेंडा के साथ जिस वित्त वर्ष के लिए एजीएम हो रही है, उस वर्ष के लिए सोसायटी की बैलेंस शीट भी लगी रहती है। बैलेंस शीट को हर मेंबर्स को ध्यान से पढ़ना चाहिए। बैलेंस शीट से आप पैसों से जुड़ी गड़बड़ी का पता लगा सकते हैं। बैलेंस शीट में संबंधित वित्त वर्ष के दौरान सोसायटी को हुई इनकम, सोसायटी के हुए खर्च, सोसायटी को निवेश से मिले ब्याज और रिटर्न, सोसायटी की बिल्डिंग या दूसरी प्रोपर्टी के मूल्यह्रास (Depreciation) बगैरह की अपडेटेड  जानकारी के साथ साथ पिछले साल की बैलेंस शीट से तुलना दी हुई रहती है। 

बैलेंसशीट में आपको देखना है कि वह अपडेटेड है या नहीं। अगर थोड़ा भी इसको लेकर कोई शक हो, कोई संदेह हो, तो मैनेजिंग कमिटी से जरूर सवाल पूछें। आप नहीं पूछेंगे और बाद में आपको किसी फैक्ट को लेकर कोई संदेह होगा, और तब मैनेजिंग कमिटी से पूछेंगे तो वो आपको ही  जिम्मेदार ठहरा देंगे कि आपने एजीएम में क्यों नहीं पूछा। 

3- बैलेंस शीट में दी गई इनकम के बारे में विस्तार से पूछें 

4- बैलेंस शीट में दिए गए खर्च के बारे में विस्तार से पूछें 

5-हाउसिंग सोसायटी के सारे बैंक खाते के बारे में अपडेटेड जानकारी लें 

6-बैलेंस शीट में दिए गए निवेश क बारे में, एसेट्स और लायबिलिटी के बारे में सवाल पूछें 

7-अगर आपको लग रहा है कि किसी बैंक में आपकी सोसायटी का खाता है, और वो बैंक मुश्किल में फंसने वाला है या बंद होने वाला है, तो मैनेजिंग कमिटी को आगाह करके उस बैंक से खाता दूसरे बैंक स्थानांतरण करने के बारे में कह सकते हैं। आजकल कई बैंक खासकर को-ऑपरेटिव बैंक बंद हो रहे हैं। 

8-पिछली एजीएम में पास किए गए रिजोल्यूशन, मिनट्स को लेकर कोई सवाल हो तो जरूर पूछें।  


9-बैलेंस शीट में कई हेडिंग और सब-हेडिंग के तहत पैसों की जानकारी दी हुई रहती है। जैसे-शेयर कैपिटल अथॉराइज्ड, रिजर्व एवं सरप्लस, करंट लायबिलिटी एवं प्रोविजन, एडवांस फ्रॉम मेंबर्स, इनकम एवं एक्सपेंडीचर खाता, कैश एवं बैंक बैलेंस, इन्वेस्टमेंट, लोन एवं एडवांसस मेंबर्स का बकाया, जेनरल रिजर्व, सिंकिंग फंड, रिपेयर एवं मेनटेनेंस फंड, कलर फंड, ट्रांसफर प्रीमियम, ट्रांसफर फीस, एंट्रेस फीस, एजुकेशन एवं ट्रेनिंग फंड, सेलेब्रेशन फंड बगैरह से जुड़े कोई सवाल हो तो जरूर एजीएम में पूछें। 

10- जिस काम के लिए मेनटेनेंस लिया जा रहा है, कमिटी जरूरत पड़ने पर भी वह काम करवा रही है या नहीं, इस पर भी नजर रखें। अगर नहीं करवा रही है, तो उसका कारण मैनेजिंग कमिटी से पूछिए। जैसे-कलर फंड के नाम पर मेनटेनेंस लिया जा रहा है, लेकिन बिल्डिंग को कलर की जरूरत होने के बाद भी अगर कलर नहीं करवाया जा रहा है, तो मैनेजिंग कमिटी से सवाल कीजिए। 

12- अगर एजुकेशन एवं ट्रेनिंग फंड के नाम पर आपसे मेनटेनेंस वसूला जा रहा है, लेकिन इस काम में एक भी पैसा खर्च नहीं हो रहा है, तो मैनेजिंग कमिटी से सवाल कीजिए कि एजुकेशन एवं ट्रेनिंग के लिए क्या किया जा रहा है। 

13- अगर सेलेब्रेशन के नाम पर मेनटेनेंस के जरिये फंड वसूला जा रहा है तो फंड से ज्यादा खर्च करने पर कमिटी से सवाल कीजिए। कई बार कमिटी सेलेब्रेशन पर फंड से ज्यादा खर्च करती है, ऐसा इसलिए कि मेंबर्स सोसायटी के लिए उससे जरूरी काम के बारे में सवाल करना बंद कर दें। कई बार तो सेलेब्रेशन के नाम पर बिना एजीएम या एसजीएम की अनुमति के कानूनी सीमा से ज्यादा खर्च कर देते हैं। जैसे कानूनी प्रावधान है कि मैनेजिंग कमिटी एक लाख तक का खर्च बिना एजीएम या एसजीएम की मंजूरी के कर सकती है, लेकिन कई कमिटी सवा लाख, डेढ़ लाख या उससे भी ज्यादा सेलेब्रेशव पर खर्च कर देती है और वो भी बिना एजीएम या एसजीएम की मंजूरी के। तो, इस संबंध में कोई सवाल हो तो जरूर पूछें। 

14-पिछली एजीएम में पास किए गए कामों को कमिटी ने किया या नहीं किया या फिर उन कामों को लेकर क्या अपडेट है, इस बारे में जरूर सवाल कीजिए। कई हाउसिंग सोसायटी में कई कई एजीएम में पास किए गए कामों को कमिटी यूं ही छोड़ देती है। दरअसल, हाउसिंग सोसायटी के मेंबर्स का काम है मैनेजिंग कमिटी पर काम को लेकर दबाव बनाए रखना और इसका सबसे बढ़िया जरिया है कमिटी से सवाल करते रहना, जब तक वो काम ना हो जाए। 

15- मैनेजिंग कमिटी की जिम्मेदारी है हाउसिंग सोसायटी परिसर को साफ-सुथरा रखना, बेहतर लाइट व्यवस्था करना, सुरक्षा का मुकम्मल इंतजाम करना, पानी आपूर्ति और पार्किंग व्यवस्था को दुरुस्त रखना। अगर कमिटी इन सब कामों में सुस्त दिख रही है, तो सवाल पूछकर उनसे काम करवाइये। सोसायटी में सीसीटीवी, कैमरे लगवाना, बिल्डिंग का इंश्योरेंस लेना ये सब अब अनिवार्य काम हो गया है। कई सोसायटी में सीसीटीवी कैमरे होते हैं, लेकिन कमिटी ये देखने की जहमत नहीं उठाती कि कैमरा काम कर रहा है या नहीं। कई बार तो कमिटी के लोगों को मालूम भी होता है कि कैमरा खराब है लेकिन उसको ठीक नहीं करवाते हैं। ऐसे में हाउसिंग सोसायटी के मेंबर्स को सीसीटीवी के बारे में सवाल पूछना चाहिए। 

16-सोसायटी के जितने भी बैंक खाता है, उसको भी जरूर देखिये। इसके अलावा, वाउचर, लेजर, ऑडिटर रेक्टीफिकेशन रिपोर्ट और उस रिपोर्ट पर मैनेजिंग कमिटी द्वारा लिया गया एक्शन को भी देखिये।    

> अपनी हाउसिंग सोसायटी को लेकर कोई सवाल हो तो जरूर पूछें:
इसके अलावा भी आपके मन में सोसायटी से जुड़ा कोई सवाल हो तो बिंदास होकर पूछिये, ये आपका हक है। आप बेहतर जिंदगी के लिए, बेहतर सुविधा के लिए मेनटेनेंस देते हैं, और मैनेजिंग कमिटी की ये जिम्मेदारी है कि वह अपनी सोसायटी के लोगों को ऐसी सुविधा बिना किसी देरी के, बिना किसी बहाने के मुहैया कराए। 

(को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी में कुछ सदस्यों की राजनीति और मैनेजिंग कमिटी की लापरवाही किस तरह से वहां रहने वाले और उनकी फैमिली को खतरे में डालती है, इस किताब में आप पढ़ सकते हैं। किताब का नाम है- हाउसिंग सोसायटी में सियासत;    जान पर आफत!  - https://www.amazon.in/dp/B08X2RS7MB


 

हाउसिंग सोसायटी के हर मेंबर्स को AGM में ये 15 सवाल जरूर पूछने चाहिए

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