मंगलवार, 5 जुलाई 2022

अपनी हाउसिंग सोसायटी की AGM की तैयारी कैसे करें, ताकि अपमानित ना होना पड़े

अपनी हाउसिंग सोसायटी की AGM की तैयारी आसानी से तीन स्टेप में करें, हर स्टेप की जानकारी 

पहला स्टेप- AGM से पहले की तैयारी

दूसरा स्टेप-AGM के दिन के लिए तैयारी

तीसरा स्टेप- AGM के बाद के लिए तैयारी

Sample AGM Notice

क्या आप महाराष्ट्र की किसी रजिस्टर्ड हाउसिंग सोसायटी में रहते हैं और उस हाउसिंग सोसायटी की मैनेजिंग कमिटी के सदस्य या पदाधिकारी हैं, तो आप इस लेख को जरूर पढ़ें। किसी भी हाउसिंग सोसायटी को सुचारू रूप से चलाने की जिम्मेदारी मैनेजिंग कमिटी के ऊपर ही रहती है। 

AGM की अधूरी तैयारी, तो बढ़ेगी परेशानी:

मैनेजिंग कमिटी को हर साल अपनी को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी की सालाना आम बैठक (AGM: Annual General Meeting)का आयोजन करना होता है। इसके लिए मैनेजिंग कमिटी को तैयारियां करनी होती है। ऐसा नहीं होने पर एजीएम में कमिटी के लोगों खासकर चेयरमैन, सेक्रेटरी, ट्रेजरर यानी कोषाध्यक्ष को अपमानित होना पड़ता है। अक्सर एजीएम के एजेंडे के संबंध में सदस्यों द्वारा पूछे गए सवालों, पिछली एजीएम मंजूर किए गए प्रस्तावों पर अपडेटेड नहीं होने या फिर बैलेंस शीट में दी गई जानकारी को ठीक से सदस्यों के सामने नहीं रखे जाने पर उनको अपमानित होना पड़ता है। 

सच्ची घटना आपको बताता हूं। हालांकि जहां ये घटना घटी है, उस हाउसिंग सोसायटी का नाम मैं नहीं लूंगा। हाउसिंग सोसायटी की एजीएम के एजेंडे में सोसायटी में सोलर पैनल लगाने की बात थी। जाहिर है, कमिटी ने जब सोलर पैनल लगाने का प्रस्ताव रखा है, तो उससे जुड़े हर सवाल की जानकारी कमिटी को होनी चाहिए। एजीएम में जब सदस्यों ने सोलर पैनल से जुड़े सवाल पूछने शुरू कर दिये, तो मैनेजिंग कमिटी के पास उसका जवाब नहीं था। जब जवाबदेही आपकी है, लेकिन आप सवालों के जवाब नहीं दे रहे हैं, तो अपमानित तो आपको होना पड़ेगा। 

उसी तरह, उसी हाउसिंग सोसायटी की एजीएम के एजेंडे में कुछ ऐसे विषय भी शामिल किए गए थे, जिसकी मंजूरी पिछली एजीएम में ही सदस्यों ने दे दी थी। अगर आप एजेंडा दोहराएंगे, तो इसका साफ साफ मतलब होता है कि मैनेजिंग कमिटी में रहते हुए आप सोसायटी की जिम्मेदारी सही से नहीं निभा रहे हैं। एजीएम में पास किए गए प्रस्तावों, एजीएम मिनट्स में लिखी गई बातों को आप दोबारा नहीं पढ़ते हैं, आप उसे नजरअंदाज करते हैं। इसलिए एजीएम की तैयारी करते समय पुरानी एजीएम के एजेंडा और उस एजीएम की मिनट्स जरूर पढ़ लेना चाहिए। 

तीसरी घटना भी उसी हाउसिंग सोसायटी की एजीएम और मैनेजिंग कमिटी की लापरवाही से जुड़ी है। उस हाउसिंग सोसायटी के दो बैंक खाता हैं। एक बैंक खाता का इस्तेमाल रेगुलर कामों जैसे कि मेनटेनेंस के पैसे जमा करने, स्वीपर, वॉचमैन या दूसरे स्टाफ को सैलरी देने, सोसायटी के मरम्मत के कामों, सोसायटी का बिजली या पानी और अन्य बिलों के भुगतान करने के लिए किया जाता है, जबकि दूसरे खाता में एफडी करवाया हुआ।

 मैनेजिंग कमिटी को एफडी पर मिले ब्याज की ताजा जानकारी एजीएम में देनी होती है। बैलेंस शीट में सोसायटी की इनकम कॉलम में ये जानकारी देनी होती है। लेकिन, जिस सोसायटी की हम बात कर रहे हैं, उस सोसायटी की मैनेजिंग कमिटी ने जिस साल की एजीएम का आयोजन किया था, उस साल उसकी एफडी पर बैंक ने कितना ब्याज दिया, वह जानकारी अपडेटेड नहीं थी। हालांकि, सोसायटी के सदस्य बैलेंस शीट को अक्सर बारीकि से नहीं देखते हैं, ऐसे में मैनेजिंग कमिटी की जिम्मेदारी होती है कि वह सदस्यों को हर जानकारी अपडेटेड दे। 

> तीन स्टेप में करें अपनी एजीएम की सफलतापूर्व तैयारी:

ये तीन घटनाओं से तो आप समझ गए होंगे कि मैनेजिंग कमिटी के सदस्य या पदाधिकारी के नाते आपको एजीएम की तैयारी किस तरह से करनी चाहिए। यहां पर हम उन तीन स्टेप की जानकारी दे रहे हैं, जिसे आजमा कर आप अपनी एजीएम को सफलतापूर्वक आयोजित कर सकते हैं-

1-पहला स्टेप- AGM से पहले की तैयारी

2-दूसरा स्टेप-AGM के दिन के लिए तैयारी

3-तीसरा स्टेप- AGM के बाद के लिए तैयारी

1-पहला स्टेप- AGM से पहले की तैयारी:

क) मैनेजिंग कमिटी की बैठक में एजीएम के एजेंडा के लिए सदस्यों के साथ विचार विमर्श करें

ख) पिछली एजीएम के एजेंडे और उनके मिनट्स जरूर पढ़ लें

ग) 30 जून तक अपनी हाउसिंग सोसायटी के सीए को पिछली एजीएम के एजेंडे, अपने सभी बैंक खाता की डीटेल्स, मेनटेनेंस रजिस्टर, सैलरी रजिस्टर, वाउचर की डीटेल्स, सोसायटी में करवाए गए छोटे-बड़े कामों के भुगतान से जुड़ी डीटेल्स, मैनेजिंग कमिटी की मीटिंग्स के मिनट्स के रजिस्टर, इंश्योरेंस पॉलिसी सर्टिफिकेट, बैंक एफडी -आरडी से जुड़े कागजात, हाउसिंग सोसायटी से जुड़े जागरूकता प्रशिक्षण अगर किसी ने लिया है, तो उसका सर्टिफिकेट, हाउसिंग सोसायटी से जुड़े सभी रजिस्टर देना होता है, ताकि सीए समय से पहले सही सही बैलेंस शीट बना सके और समय पर उसका रेक्टीफिकेशन कर सके।  

इसके अलावा, सीए जो जो जानकारी मांगे, उसे उपलब्ध करा दें। एजीएम से पहले अपने सीए के साथ बैठक करके कहीं भी कोई कंफ्यूजन हो, उसे दूर कर लें। 

घ)  एजीएम के दिन सदस्यों के बैठने, उनके नास्ता, चाय, खाने-पीने का इंतजाम भी पहले से कर लें। 

ड़) एजीएम में मैनेजिंग कमिटी का कौन व्यक्ति किस एजेंडे पर बात करेगा, उसकी तैयारी पहले से कर लें। 

च) एजीएम में कौन कौन से रजिस्टर, कौन कौन से दस्तावेज ले जाने हैं, उसकी जानकारी पहले से ले लें ताकि एजीएम के समय कोई सदस्य कुछ पूछे तो उसे जवाब दिया जा सके। 

छ) सदस्यों के साथ साफ साफ बात करने की तैयारी करें। कुछ भी गुप्त ना रखें। कम्युनिकेशन में कोई कंफ्यूजन मत रखें। 

ज) एजेंडा में सभी कार्यक्रम, एजीएम स्थल, समय, खाने-पीने या फिर कोई और कार्यक्रम हो तो उसका साफ साफ जिक्र करें 

2-दूसरा स्टेप-AGM के दिन के लिए तैयारी

क) एजीएम  के लिए समय से एक घंटा पहले नियत जगह पर कुर्सी, टेंट बगैरह रखवा दें यानी सदस्यों को बैठने का इंतजाम करें

ख) मैनेजिंग कमिटी के सभी सदस्यों को एजीएम के बारे में एडवांस में सूचित करें

ग) सभी जरूरी रजिस्टर और दस्तावेज एजीएम स्थल पर पहुंचा दें। जरूरी रजिस्टर और दस्तावेज में शामिल हैं- मौजूदा एजीएम का एजेंडा और पिछली सभी एजीएम के मिनट्स, बैलेंस शीट,  वाउचर, लेजर, ऑडिटर रेक्टीफिकेशन रिपोर्ट और उस रिपोर्ट पर मैनेजिंग कमिटी द्वारा लिया गया एक्शन से संबंधित जानकारी, सारे बैंक खाता, मैनेजिंग कमिटी की बैठक के मिनट्स से जुड़े रजिस्टर, स्टाफ के उपस्थिति रजिस्टर, स्टाफ को दिए जाने वाली सैलरी की जानकारी से जुड़े रजिस्टर, सोसायटी में किए गए कामों से जुड़े कोटेशन के फाइल्स, निवेश और इंश्योरेंस संबंधित कागजात और पेमेंट रिसीट से जुड़े फाइल, सोसायटी के अंदर और सोसायटी के बाहर मैनेजिंग कमिटी द्वारा किए गए पत्राचार से संबंधित फाइल, हाउसिंग सोसायटी की चल-अचल संपत्ति की लिस्ट से जुड़े फाइल बगैरह। 

घ)  एजीएम को संचालित करने के लिए अस्थायी चेयरमैन के नाम पर मैनेजिंग कमिटी के बीच एजीएम से पहले सहमति बना लें

ड़) अगर हाउसिंग सोसायटी का कोई सदस्य सोसायटी के खिलाफ काम करने के लिए राजनीति करता है, तो उससे निपटने के लिए आप भी राजनीति कीजिए, क्यों कि अच्छे कामों के लिए राजनीति करने में कोई हर्ज नहीं है। 

च) एजीएम में चर्चा की बातों को कौन कौन नोट करेगा, ये पहले से तय कर लीजिए। इसको नोट करने के लिए एक अलग से रजिस्टर भी साथ रखिये। ऐसा करने पर एजीएम के मिनट्स तैयार करने में आसानी हो जाती है। आप वीडियो रिकॉर्डिंग भी कर सकते हैं। 

3-तीसरा स्टेप- AGM के बाद के लिए तैयारी

क) एजीएम के बाद उस एजीएम मिनट्स की तैयारी कीजिए

ख) एजीएम में किन मुद्दों पर काम करने की सहमति बनी, किन मुद्दों को रिजेक्ट कर दिया गया, कौन सा नया काम करने के लिए कहा गया, किस सदस्य ने क्या कहा, इन सब बातों की जानकारी देनी होती है। 

ग) समय के अंदर एजीएम मिनट्स तैयार करके सदस्यों में बंटवा दें और किसी सदस्य का कोई जायज फीडबैक है तो फिर मिनट्स में उसे शामिल करके फिर से सदस्यों को संशोधित मिनट्स भेजें।  

बस, इतना ही करना है। ऐसा करके आप हाउसिंग सोसायटी को सही से चला सकते हैं और एजीएम में भी आप अपमानित होने से बच सकते हैं। 

आपको बता दूं कि महाराष्ट्र की को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी की सालाना आम बैठक (AGM: Annual General Meeting) किसी भी वित्त वर्ष के लिए उसके अगले वित्त वर्ष के 30 सितंबर तक कराना जरूरी है। महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी एक्ट 1960 (  MCS Act 1960) इसे हर को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी के लिए हर साल कानूनन अनिवार्य बनाता है। 

AGM को लेकर क्या कहता है कानून:

-महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी एक्ट 1960 (  MCS Act 1960) के सेक्शन 75(1) में कहा गया है कि हर साल 30 सितंबर को या उससे पहले एजीएम करवा लेना चाहिए। इस अवधि को बढ़ाने का कोई प्रावधान कानून में नहीं है। बायलॉज यानी उपनियम संख्या 94 (ए), 94 (बी) और  95) उपविधि संख्या 94(ए) में भी कहा गया है कि 30 सितंबर या उससे पहले की अवधि के भीतर वार्षिक आम सभा की बैठक आयोजित की जानी चाहिए। 

बाय लॉ नंबर 94 (बी) उपरोक्त उप-नियम 94(ए) में निर्धारित तिथि के अनुसार वार्षिक आम सभा की बैठक बुलाने में चूक के मामले में, अधिनियम की धारा 75(5) के प्रावधान के अनुसार जिम्मेदार हाउसिंग सोसायटी को अयोग्यता और कार्रवाई का सामना करना होगा। 

उपविधि संख्या 95. सोसायटी की वार्षिक आम सभा की बैठक के कार्य सोसायटी की वार्षिक आम सभा की बैठक में निम्नलिखित कार्य किए जाने चाहिए-

1-सोसायटी की अंतिम वार्षिक आम सभा बैठक और सोसायटी की विशेष आम सभा की बैठक, यदि कोई हो, के कार्यवृत्त (मिनट्स) को पढ़ने और उस पर की गई कार्रवाई को बताना 

2- पिछले को-ऑपरेटिव वर्ष के दौरान का आय-व्यय और बैलैंसशीट बताना, पिछली को-ऑपरेटिव वर्ष की गतिविधियों पर मैनेजिंग कमिटी की रिपोर्ट जारी करना, साथ में नियमों के नियम 62(1) के तहत निर्धारित प्रपत्र 'एन' में खातों के विवरण देना

3-पिछले सहकारी यानी को-ऑपरेटिव वर्ष के लिए अधिनियम की धारा 75(2ए) में प्रावधान के अनुसार  नियुक्त लेखापरीक्षक से प्राप्त लेखा परीक्षा रिपोर्ट पर विचार करना 

4-समिति से प्राप्त लेखापरीक्षा सुधार रिपोर्ट (Audit Rectification Report, जिसे उस हाउसिंग सोसायटी द्वारा नियुक्त सीए एजीएम के पहले  कमिटी को देता है) और उस पर की गई कार्रवाई (Action taken thereon)की जानकारी देना 

5-अगले वित्तीय वर्ष का वार्षिक बजट विचारार्थ प्रस्तुत करना।

6-राज्य सरकार द्वारा अनुमोदित पैनल से लेखा परीक्षा के लिए एक लेखा परीक्षक की नियुक्ति करना।

7-समिति से धारा 75(2) और 95 (1बी) में निर्धारित वार्षिक रिटर्न प्राप्त करना 

8-अधिनियम, नियमों और सोसायटी के उप-नियमों के प्रावधानों के आधार पर किसी भी अन्य मामलों पर विचार करने के लिए, विशेष रूप से सोसायटी की आम सभा की बैठक के निर्णय, सहमति या स्वीकृति की आवश्यकता होती है,

9-पंजीकरण प्राधिकारी, सांविधिक लेखा परीक्षक, सरकार, कलेक्टर, स्थानीय प्राधिकरण या किसी अन्य सक्षम प्राधिकारी से प्राप्त किसी भी महत्वपूर्ण विषय पर विचार करना 

10- नियत होने पर (When Due) अपनी समिति के चुनाव की तारीख और संचालन की घोषणा करना

11-नियमित एजेंडा समाप्त होने और अधिनियम, नियमों और उप-नियमों के प्रावधानों के तहत अनुमति दिए जाने के बाद, उचित नोटिस की आवश्यकता वाले लोगों को छोड़कर, अध्यक्ष की अनुमति से किसी अन्य मामले पर विचार करना 

>अपनी हाउसिंग सोसायटी की AGM में आपको कौन कौन से सवाल पूछने चाहिए:

तो, चलिये जानते हैं कि अगर आप अपनी हाउसिंग सोसायटी की एजीएम में भाग लेने जा रहे हैं तो कौन कौन से सवाल अपनी मैनेजिंग कमिटी से पूछनी चाहिए।

1-AGM के एजेंडे को एजीएम में भाग लेने से पहले पूरी तरह से जरूर पढ़ें। एजीएम की तारीख से 14 दिन पहले मेबर्स को एजेंडा भेजना कानूनी तौर पर अनिवार्य है। तो, एजेंडा पढ़ने के बाद आपको दीमाग में जो जो सवाल उठ रहे हैं, वो सब नोट कर लीजिए। कई बार लोग एजीएम से पहले बहुत सारे सवाल सोचते हैं, लेकिन एजीएम में पूछना भूल जाते हैं। कुछ लोग तो एजेंडा पढ़ते ही नहीं है। 

2- एजेंडा के साथ जिस वित्त वर्ष के लिए एजीएम हो रही है, उस वर्ष के लिए सोसायटी की बैलेंस शीट भी लगी रहती है। बैलेंस शीट को हर मेंबर्स को ध्यान से पढ़ना चाहिए। बैलेंस शीट से आप पैसों से जुड़ी गड़बड़ी का पता लगा सकते हैं। बैलेंस शीट में संबंधित वित्त वर्ष के दौरान सोसायटी को हुई इनकम, सोसायटी के हुए खर्च, सोसायटी को निवेश से मिले ब्याज और रिटर्न, सोसायटी की बिल्डिंग या दूसरी प्रोपर्टी के मूल्यह्रास (Depreciation) बगैरह की अपडेटेड  जानकारी के साथ साथ पिछले साल की बैलेंस शीट से तुलना दी हुई रहती है। 

बैलेंसशीट में आपको देखना है कि वह अपडेटेड है या नहीं। अगर थोड़ा भी इसको लेकर कोई शक हो, कोई संदेह हो, तो मैनेजिंग कमिटी से जरूर सवाल पूछें। आप नहीं पूछेंगे और बाद में आपको किसी फैक्ट को लेकर कोई संदेह होगा, और तब मैनेजिंग कमिटी से पूछेंगे तो वो आपको ही  जिम्मेदार ठहरा देंगे कि आपने एजीएम में क्यों नहीं पूछा। 

3- बैलेंस शीट में दी गई इनकम के बारे में विस्तार से पूछें 

4- बैलेंस शीट में दिए गए खर्च के बारे में विस्तार से पूछें 

5-हाउसिंग सोसायटी के सारे बैंक खाते के बारे में अपडेटेड जानकारी लें 

6-बैलेंस शीट में दिए गए निवेश क बारे में, एसेट्स और लायबिलिटी के बारे में सवाल पूछें 

7-अगर आपको लग रहा है कि किसी बैंक में आपकी सोसायटी का खाता है, और वो बैंक मुश्किल में फंसने वाला है या बंद होने वाला है, तो मैनेजिंग कमिटी को आगाह करके उस बैंक से खाता दूसरे बैंक स्थानांतरण करने के बारे में कह सकते हैं। आजकल कई बैंक खासकर को-ऑपरेटिव बैंक बंद हो रहे हैं। 

8-पिछली एजीएम में पास किए गए रिजोल्यूशन, मिनट्स को लेकर कोई सवाल हो तो जरूर पूछें।  

9-बैलेंस शीट में कई हेडिंग और सब-हेडिंग के तहत पैसों की जानकारी दी हुई रहती है। जैसे-शेयर कैपिटल अथॉराइज्ड, रिजर्व एवं सरप्लस, करंट लायबिलिटी एवं प्रोविजन, एडवांस फ्रॉम मेंबर्स, इनकम एवं एक्सपेंडीचर खाता, कैश एवं बैंक बैलेंस, इन्वेस्टमेंट, लोन एवं एडवांसस मेंबर्स का बकाया, जेनरल रिजर्व, सिंकिंग फंड, रिपेयर एवं मेनटेनेंस फंड, कलर फंड, ट्रांसफर प्रीमियम, ट्रांसफर फीस, एंट्रेस फीस, एजुकेशन एवं ट्रेनिंग फंड, सेलेब्रेशन फंड बगैरह से जुड़े कोई सवाल हो तो जरूर एजीएम में पूछें। 

10- जिस काम के लिए मेनटेनेंस लिया जा रहा है, कमिटी जरूरत पड़ने पर भी वह काम करवा रही है या नहीं, इस पर भी नजर रखें। अगर नहीं करवा रही है, तो उसका कारण मैनेजिंग कमिटी से पूछिए। जैसे-कलर फंड के नाम पर मेनटेनेंस लिया जा रहा है, लेकिन बिल्डिंग को कलर की जरूरत होने के बाद भी अगर कलर नहीं करवाया जा रहा है, तो मैनेजिंग कमिटी से सवाल कीजिए। 

12- अगर एजुकेशन एवं ट्रेनिंग फंड के नाम पर आपसे मेनटेनेंस वसूला जा रहा है, लेकिन इस काम में एक भी पैसा खर्च नहीं हो रहा है, तो मैनेजिंग कमिटी से सवाल कीजिए कि एजुकेशन एवं ट्रेनिंग के लिए क्या किया जा रहा है। 

13- अगर सेलेब्रेशन के नाम पर मेनटेनेंस के जरिये फंड वसूला जा रहा है तो फंड से ज्यादा खर्च करने पर कमिटी से सवाल कीजिए। कई बार कमिटी सेलेब्रेशन पर फंड से ज्यादा खर्च करती है, ऐसा इसलिए कि मेंबर्स सोसायटी के लिए उससे जरूरी काम के बारे में सवाल करना बंद कर दें। कई बार तो सेलेब्रेशन के नाम पर बिना एजीएम या एसजीएम की अनुमति के कानूनी सीमा से ज्यादा खर्च कर देते हैं। जैसे कानूनी प्रावधान है कि मैनेजिंग कमिटी एक लाख तक का खर्च बिना एजीएम या एसजीएम की मंजूरी के कर सकती है, लेकिन कई कमिटी सवा लाख, डेढ़ लाख या उससे भी ज्यादा सेलेब्रेशव पर खर्च कर देती है और वो भी बिना एजीएम या एसजीएम की मंजूरी के। तो, इस संबंध में कोई सवाल हो तो जरूर पूछें। 

14-पिछली एजीएम में पास किए गए कामों को कमिटी ने किया या नहीं किया या फिर उन कामों को लेकर क्या अपडेट है, इस बारे में जरूर सवाल कीजिए। कई हाउसिंग सोसायटी में कई कई एजीएम में पास किए गए कामों को कमिटी यूं ही छोड़ देती है। दरअसल, हाउसिंग सोसायटी के मेंबर्स का काम है मैनेजिंग कमिटी पर काम को लेकर दबाव बनाए रखना और इसका सबसे बढ़िया जरिया है कमिटी से सवाल करते रहना, जब तक वो काम ना हो जाए। 

15- मैनेजिंग कमिटी की जिम्मेदारी है हाउसिंग सोसायटी परिसर को साफ-सुथरा रखना, बेहतर लाइट व्यवस्था करना, सुरक्षा का मुकम्मल इंतजाम करना, पानी आपूर्ति और पार्किंग व्यवस्था को दुरुस्त रखना। अगर कमिटी इन सब कामों में सुस्त दिख रही है, तो सवाल पूछकर उनसे काम करवाइये। सोसायटी में सीसीटीवी, कैमरे लगवाना, बिल्डिंग का इंश्योरेंस लेना ये सब अब अनिवार्य काम हो गया है। कई सोसायटी में सीसीटीवी कैमरे होते हैं, लेकिन कमिटी ये देखने की जहमत नहीं उठाती कि कैमरा काम कर रहा है या नहीं। कई बार तो कमिटी के लोगों को मालूम भी होता है कि कैमरा खराब है लेकिन उसको ठीक नहीं करवाते हैं। ऐसे में हाउसिंग सोसायटी के मेंबर्स को सीसीटीवी के बारे में सवाल पूछना चाहिए। 

16-सोसायटी के जितने भी बैंक खाता है, उसको भी जरूर देखिये। इसके अलावा, वाउचर, लेजर, ऑडिटर रेक्टीफिकेशन रिपोर्ट और उस रिपोर्ट पर मैनेजिंग कमिटी द्वारा लिया गया एक्शन को भी देखिये।    

> अपनी हाउसिंग सोसायटी को लेकर कोई सवाल हो तो जरूर पूछें:
इसके अलावा भी आपके मन में सोसायटी से जुड़ा कोई सवाल हो तो बिंदास होकर पूछिये, ये आपका हक है। आप बेहतर जिंदगी के लिए, बेहतर सुविधा के लिए मेनटेनेंस देते हैं, और मैनेजिंग कमिटी की ये जिम्मेदारी है कि वह अपनी सोसायटी के लोगों को ऐसी सुविधा बिना किसी देरी के, बिना किसी बहाने के मुहैया कराए। 

(को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी में कुछ सदस्यों की राजनीति और मैनेजिंग कमिटी की लापरवाही किस तरह से वहां रहने वाले और उनकी फैमिली को खतरे में डालती है, इस किताब में आप पढ़ सकते हैं। किताब का नाम है- हाउसिंग सोसायटी में सियासत;    जान पर आफत!  - https://www.amazon.in/dp/B08X2RS7MB ) 

 

(तमाम विरोधों के बावजूद मैनेजिंग कमिटी में रहकर अपनी को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी को ठीक से रखना चाहते हैं, तो, कैसे काम करना है, उसके लिए 'डेढ़ साल बेमिसाल' किताब को जरूर पढ़ें।)  


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-बिल्डिंग को कलर करने से पहले कैसे होती है दीवारों की सफाई

-कैसे होता है बिल्डिंग रिपेयर का काम

-बिल्डिंग रिपेयर, क्रैक फिलिंग, कलर की पूरी प्रक्रिया जानें

-हाउसिंग सोसायटी की छत डिश एंटेना लगाने का सही तरीका, गलत तरीके से लगाएंगे तो बिल्डिंग को नुकसान पहुंचेगा  

कहीं आप हाउसिंग सोसायटी की छत पर डिश एंटेना लगाकर बिल्डिंग को तो नुकसान नहीं पहुंचा रहे हैं!

-फ्लैट की बालकनी में आपकी गार्डेनिंग कहीं बिल्डिंग तो खराब नहीं कर रही है!

- हाउसिंग सोसायटी की नाली को साफ-सुथरा, सुरक्षित और खूबसूरत कैसे बनाएं 

-हाउसिंग सोसायटी के फ्लैट के अंदर लीकेज की समस्या और उसका समाधान 

-अपनी हाउसिंग सोसायटी के पड़ोसी की आप से हो रही परेशानी समझें और उसे दूर करें 

-महाराष्ट्र की हाउसिंग सोसायटी में रहने वाले AGM की ताकत को नजरअंदाज मत करें 

-बड़े अजीब होते हैं...को ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी के लोग 

- हाउसिंग सोसायटी और उसकी कमिटी के लोगों का 'Confusing Character'!

-किसी भी हाउसिंग सोसायटी की सरकार होती है उसकी मैनेजिंग कमिटी

-'हाउसिंग सोसायटी के हित में काम करना ही मैनेजिंग कमिटी की जिम्मेदारी होती है'

- अपनी हाउसिंग सोसायटी की समस्या सुलझाकर हंसिये, बेवजह विवाद बढ़ाने से बचिये

- हाउसिंग सोसायटी में रहने वाले-क्या आप कानून जानते हैं?

-हाउसिंग सोसायटी के कानून जानने के हैं बहुत सारे फायदे

- हाउसिंग सोसायटी में कैसे होता है करप्शन का खेल!

- हाउसिंग सोसायटी के गंदे लोग!


-पढ़ें बंदी में कैसे रहें बिंदास!

 


मंगलवार, 28 जून 2022

SwacchHousingSociety:अपनी ही हाउसिंग सोसायटी के गेट पर कचरा फेंकना यानी ...

Swacch Housing Society, Swasth Health
अपने घर के दरवाजे पर इस तरह से कचरा फेंकना पसंद करेंगे, नहीं ना...तो फिर जिस हाउसिंग सोसायटी में आपका घर है उसका गेट भी तो साफ-सुथरा रहना चाहिए। लेकिन, कई बार किसी खास हाउसिंग सोसायटी के लोग अपने हाउसिंग सोसायटी के गेट पर खुद ही कचरा फेंकते हैं और उसकी साफ सफाई पर ध्यान नहीं देते हैं, 
जरा सोचिये, इससे नुकसान किसका है। 

SwacchHousingSociety:अपनी ही हाउसिंग सोसायटी के गेट पर कचरा फेंकना यानी नुकसान अपना 

-RWA के जरिये सरकारी फंड का दुरुपयोग पार्ट -1

-दिल्ली का एक सरकारी कुड़ेदान स्थानीय लोगों को बना रहा है बीमार, अधिकारियों से उसे हटाने की गुहार भी बेकार

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किसी भी हाउसिंग सोसायटी की सरकार होती है उसकी मैनेजिंग कमिटी

-हाउसिंग सोसायटी के कानून जानने के हैं बहुत सारे फायदे

 -हाउसिंग सोसायटी में कैसे होता है करप्शन का खेल!

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-पढ़ें बंदी में कैसे रहें बिंदास!

 



शुक्रवार, 24 जून 2022

हाउसिंग सोसायटी, कॉन्ट्रैक्टर और कमिटी!


हर काम में हां हां जी करके पहले कॉन्ट्रैक्ट लो, फिर हाउसिंग सोसायटी से एडवांस लो, फिर बहाने बना बना कर काम टालते रहो, बिना काम के सोसायटी से पैसे मांगो, पैसे नहीं मिलने पर काम नहीं करने की धमकी दे डालो,..हर कॉन्ट्रेक्टर की है यही कहानी .......
को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी में रहने वाले हर लोगों के लिए जरूरी किताब, इस लिंक को डाउनलोड करें
क्या आप किसी को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी में रहते हैं और वहां की कमिटी के सदस्य हैं या फिर किसी पद (चेयरमैन, सेक्रेटरी, ट्रेजरर) पर हैं तो कोई भी काम किसी कॉन्ट्रैक्टर को देने से पहले कई बार सोच लीजिएगा। साथ ही जब कॉन्ट्रेक्टर आपकी सोसायटी का काम करता रहे, तो उसके काम और उसके द्वारा दिए कोटेशन पर भी नजर रखें, सिर्फ कॉन्ट्रेक्टर को एडवांस पैसे देकर सोसायटी के प्रति अपनी जिम्मेदारी को खत्म मत समझें, वरना आप और आपकी सोसायटी के लोग मुश्किल में फंस सकते हैं। अगर आप किसी को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी के कामकाज से परिचित नहीं है, तो जान लीजिए कि हाउसिंग सोसायटी के रखरखाव के लिए एक मैनेजिंग कमिटी होती है, जिसके सदस्य उसी हाउसिंग सोसायटी के होते हैं और उसी हाउसिंग सोसायटी के लोग उसे चुनते हैं। सोसायटी और सोसायटी के सदस्यों की सुरक्षा, साफ-सफाई, निरोगी माहौल बनाकर रखना कमिटी का काम होता है, इसके लिए सोसायटी के हर सदस्य से हर महीने मेनटेनेंस चार्ज लिया जाता है। सोसायटी से जुड़े काम करवाने की जिम्मेदारी कमिटी की होती है। 

तो, जब कमिटी को कोई बड़ा काम करवाना होता है, तो संबंधित कई कॉन्ट्रेक्टर से पहले कोटेशन मंगवाना होता है। उनमें से कई कॉन्ट्रैक्टर काफी चालबाज होते हैं। मीठा मीठा बोलते हैं, हर काम के लिए हां हां जी कर देते हैं, और कॉन्ट्रैक्ट पा जाते हैं। इसके बाद सोसायटी से काम के लिए एडवांस में पैसे भी ले लेते हैं। उसके बाद सोसायटी के साथ खेल शुरू करते हैं। तरह तरह के बहाना बनाकर काम को टालते जाते हैं, या फिर काम की शुरुआत करते उसे लंबे समय तक छोड़ देते हैं। यही नहीं, कोटेशन में जिस तरह से काम लिखा होता है, उसे में नजरअंदाज करते हैं, एक तरह से कह सकते हैं अपनी मनमानी शुरू कर देते हैं। यही नहीं, बिना काम पूरा किए ही बार बार सोसायटी से पैसे मांगते हैं, और पैसे नहीं देने पर काम दोबारा शुरू नहीं करने की धमकी देते हैं।   

यहां पर मैं पांच तस्वीर आपके साथ साझा कर रहा हूं,गौर से देखिएगा इसे।







 एक हाउसिंग सोसायटी में नई अंडरग्राउंड पानी टंकी का निर्माण चल रहा है। कॉन्ट्रेक्टर ने इसे 20 दिनों में पूरे करने का वादा किया था। लेकिन काम शुरू हुए 20 दिन बीच चुके हैं और अभी इतना ही काम हुआ है। यही नहीं सोसायटी परिसर को कॉन्ट्रेक्टर ने डंपिंग ग्राउंड बना दिया है। कहीं पर पानी ज्यादा दिन तक एक जगह जमा रहता है, तो उससे बीमारी फैलती है, सबको पता है, लेकिन इस टंकी को बनाने वाले कॉन्ट्रैक्टर बहाने पर बहाने बनाकर काम में देरी कर रहा है। ये तस्वीर तो एक हाउसिंग सोसायटी की है। ऐसा नजारा आपको कई हाउसिंग सोसायटी में देखने को मिलेगा। जहां कॉन्ट्रेक्टर ने पैसा तो पूरा ले लिया लेकिन काम आधा-अधूरा छोड़कर भाग गया। या फिर कोटेशन के मुकाबिक, सोसायटी से पैसा तो ले लिया लेकिन आगे काम बढ़ाने के लिए सोसायटी से और पैसे की मांग करते हुए, काम आधा-अधूरा छोड़ दिया। सवाल है कि ऐसे कॉन्ट्रैक्टर से निपटने का इलाज क्या है? जो सबसे सटीक इलाज है वो है उपचार से परहेज बढ़िया यानी काम देने से पहले कॉन्ट्रैक्टर का इतिहास, भूगोल सब पता कर लें। कई बार लोग पर्सनल रिलेशन में किसी को काम देते हैं, जो कि बाद में काफी नुकसान पहुंचाता है। 

अगर आप किसी हाउसिंग सोसायटी के कमिटी में है तो किसी कॉन्ट्रेक्टर को काम देने से पहले सिर्फ निजी रिश्ते मत देखिएगा, उसकी पूरी जानकारी भी लीजिएगा।

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मंगलवार, 14 जून 2022

RWA के जरिये सरकारी फंड का दुरुपयोग पार्ट -1

RWA की मनमानी और दादागिरी से परेशान दिल्ली के निवासी!

देश की राजधानी होने के नाते लोग देश के कोने कोने से दिल्ली आते हैं और यहां अपना स्थायी आवास हो, लोग इसकी लगातार कोशिश करते रहते हैं। आमतौर पर लोग अधिकृत या अनधिकृत कॉलोनी मे मकानमालिक या किरायेदार के रूप में रहते हैं। कॉलोनी को सुचारू रूप से चलाने या वहां की समस्या का समाधान करने के लिए कुछ लोग मिलकर RWA यानी रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन का गठन करते हैं। 

आपको बता दूं कि महाराष्ट्र में हाउसिंग सोसायटी होती है और हाउसिंग सोसायटी को चलाने के लिए मैनेजिंग कमिटी होती है, जिसे कानूनी मान्यता मिली हुई है। मैनेजिंग कमिटी में संबंधित सोसायटी के मेंबर्स होते हैं। हाउसिंग सोसायटी को रजिस्ट्रेशन कराना होता है। 

तो, बात हो रही है दिल्ली की। तो कुछ RWA बिना registration के तो चलते हैं, जबकि कुछ  रजिस्ट्रार ऑफ सोसाइटी से रजिस्ट्रेशन कराते हैं । जो बिना रजिस्ट्रेशन के काम करते हैं वो कुछ लोगों का पॉकेट  organisation बन जाता है, जिनका सीधा मकसद अपना राजनैतिक और समाज मे रौब दिखाना होता है। आप इन्हें कोई भी सही बात कहेंगे और अगर आप से ये असहमत हैं तो या तो वो आपको अलग थलग कर देंगे या आपको अपने कनेक्शन का डर  दिखाएंगे। महानगर मे आदमी अपनी पारिवारिक उलझन में रहने के कारण अपने आप को इस पचरे से दूर ही रखता है, जिसका ये लोग नाजायज फायदा उठाते हैं।   

हालांकि, दूसरी प्रकार के RWA जो कि registered होते हैं, उनकी भी दुकान करीब करीब पहले वाले की तरह चलती है। लेकिन ये कुछ प्रक्रिया दिखाने के लिए करते । ये byelaws अपने हिसाब से  बनाएंगे। चुनाव प्रक्रिया ऐसे करेंगे जिससे या तो ये चुन कर आएंगे या इन्हीं का खास चुनकर आएगा । यदि इनकी किसी से असहमति होगी तो या तो कोई clause लगाकर आपकों disqualify कर देंगे या आपको डराएंगे। फिर मामला यदि कोर्ट मे गया तो इनकी मौज हो जाती है क्योंकि पब्लिक के पैसे पर ये तारीख पर कोर्ट जाते रहते हैं, फिर इनको कहने वाला भी कोई नहीं होता है। 

इनको कंट्रोल करने वाला कोई रेगुलटरी authority नहीं होने के कारण इनकी मनमानी चलती रहती है। ना कोई ऑडिट देखता ना कोई चलाने की प्रक्रिया। elected representative जैसे कि संबंधित इलाके का सांसद या विधायक और संबंधित अथॉरिटी को ये अपने आप को उस सोसाइटी का ठेकेदार वताते । 

दिल्ली के RWA में घपले की कहानी यहीं से शुरू हो जाती है।  फिर कोई भी सरकारी फंड हो,  इन्हीं के माध्ययम से लूट खसोट होने लगती । कोई भी individual जब इन लोगों के पास जाता तो ये कहते हैं अपने RWA से बात करें। लेकिन, RWA आपकी बात तभी सुनेगा, जब आप उसके गलत काम को support करें। ऐसा नहीं करने पर RWA आपके सारे अधिकार समाप्त कर आपको बदनाम करने में लग जाएगा और आपकी छवि एक destructive और habitual complement के रुप मे बना देगा । आप पुलिस , MCD PWD .....कही भी जाओ सब जगह एक ही कहानी। ये सारे उलटे पुलटे काम करेंगे, सिर्फ इनका जो काम है कॉलोनी मे शांति, सुरक्षा और सौहार्द बनाना, उसको छोड़कर।     


उदाहरण के तौर पर, दिल्ली मे पार्क एण्ड गार्डन सोसाइटी, जो RWA को हर साल 2,55,000 रु. प्रति एकड़ पार्क को maintenance के लिए  फंड देती है। इसका recommendation लोकल MLA करता है लेकिन RWA इस पैसे को अलग मद मे खर्च कर अपना पुराना फोटो दिखाकर sanction करा लेता । इस फंड की वजह से RWA को अपने रेज़िडन्ट्स के पास पैसों के लिए नहीं जाना पड़ता है। इससे RWA को सेवा कम मेवा ज्यादा हासिल हो रहा है।  

सारी समस्या की जड़ RWA की मनमानी और elected representative के साथ ही concerned अथॉरिटी को सिर्फ RWA को महत्व देना बाकी को अनसुना करना है। इस हालत मे एक ही विकल्प बचता वो है कोर्ट जिससे सब बचना चाहता क्योंकि वहां  भी खर्च , परेशानी और समय पर न्याय नहीं मिलना है। दूसरा तो चाहता ही है आप वहा जाएं क्योंकि फिर उसके बाद उसकी बल्ले बल्ले। 

                                                                      लेखिका- वंदना झा, दिल्ली 


-RWA के जरिये सरकारी फंड का दुरुपयोग पार्ट -1

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रविवार, 12 जून 2022

दिल्ली का एक सरकारी कुड़ेदान स्थानीय लोगों को बना रहा है बीमार, अधिकारियों से उसे हटाने की गुहार भी बेकार



फ्लैट- कुड़ेदान साथ साथ, स्थानीय लोग कुड़ेदान से परेशान

कुड़ेदान जरूरी है, लेकिन इसे कहां  रखा जाना चाहिये, अधिकारियों को इस बारे में भी सोचना चाहिये। कुड़ेदान को कम से कम ऐसी जगह तो कतई नहीं रखना चाहिये, जिससे स्थानीय लोगों को परेशानी हो या फिर जो स्थानीय लोगों को बीमार कर दे। लेकिन, देश की राजधानी दिल्ली के एक डीडीए एलआईजी हाउसिंग कॉम्प्लेक्स के लोग एक ऐसे ही कुड़ेदान से परेशान हैं और लगातार संबंधित अधिकारियों, संबंधित आरडब्लूए के पदाधिकारियों से उसे हटाने को लेकर गुहार कर रहे हैं, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है। 

ये है दिल्ली का एक कुड़ेदान (No: 5/50/ROHINI ZONE नजदीक Flat No-1169 to 1184, PKT-GH 5&7, मीरा बाग) और एक ही चारदीवारी के अंदर महज दस कदम की दूरी पर कई फ्लैट्स हैं। ये कुड़ेदान उन फ्लैट्स में रहने वालों को बीमार कर रहा है, उनके लिए परेशानी का सबब बन गया है। 



कुड़ेदान को हटाने के लिए उन फ्लैट्समालिकों ने स्थानीय अधिकारियों को आवेदन भी दिया है, अधिकारियों से मुलाकात भी की है, लेकिन कुड़ेदान हटाने की जगह उन फ्लैट्समालिकों को अधिकारियों से मिल रहा है सिर्फ आश्वासन, तारीख और इंतजार। 

>10 जून 2022 को अधिकारी से कुड़ाघर को हटाने के संबंध में बातचीत करते हुए पीड़ित स्थानीय लोग- 





ये उन फ्लैट्समालिकों द्वारा संबंधित अधिकारी को लिखा गया आवेदन है, आप हूबहु पढ़ सकते हैं- 



सेवा में,                                                   

The commissioner North Delhi Municipal Corporation of Delhi

Subject: Garbage House (कूड़ा घर/ढलाव) No: 5/50/ROHINI ZONE 

नजदीक Flat No-1169 to 1184, PKT-GH 5&7, मीरा बाग कों स्थाई रुप से बंद/हटाने के सम्बंध में । 

महाशय ,

हम लोग POCKET GH 5&7 मीरा बाग  मे  Flat no-1169 to 1184, के नजदीक स्थित  कूड़ा घर/ढलाव No:5/50/ROHINI ZONE  के चालू  रहने  से अत्यधिक  परेसानी  झेल  रहे है। इसकी वजह से यहा गंदगी ,दुर्गंध ,खतरनाक व बिमारी जनित  मच्छरो  की उत्पति ,आवारा कुत्तों व जानवरों  का  जमावरा ,असामाजिक तत्व  का आना जाना एव जमघट  और संबंधित बीमारी का फैलाव होता रहता है। 

फलतः इसके नजदीक रहने वाले निवासी कों आए दिन इसके दुष्प्रभाव झेलना पर रहा है ।  गंदगी  एबम दुर्गंध का आलम ये है कि हम अपने घर से बाहर निकाल कर खुले मे खड़े नहीं हो सकते क्योंकि ये ढलाव हमारे फ्लैट से  करीब 20 मीटर की दूरी पर ही है । इस परेशानी कों समय समय पर हमलोग सबंधित बिभाग व अधिकारी कों विभिन्न माध्यमों से अनुरोध करते रहे है जैसे PMOPG/E/2020/0899101 Dated 7/10/2020, LG Grievances cell :2021015016 Dated 11/10/2021 ,CMPGMS: 2021118715 Dated 11/10/2021 and other online and offline mode from long period 

इसमे जो जबाब आता उसे देखकर लगता सायद इसे पढे बगैर खनपूर्ति के लिए जबाब दिया गया है लेकिन इसकी बंद/हटाने की बात का जबाब नहीं देते । जबकि कुरे का बिखराव हमारे घरों तक आ जाता फिर तो हम परेशान होते रहते है। आखिर क्या कारण है कि वार्ड 50 N मे सभी  कूड़ा घर/ढलाव कों बिगत सालों मे बंद कर दिया लेकिन एकलोता  इस ढलाव कों छोर दिया गया है । क्या इसके नजदीक रहने वाले लोग इंसान नहीं है ? क्या इसके नजदीक रहने वाले लोगों कों कोई साफ सफाई जिंदगी जीने का अधिकार  नहीं है ? क्या इसके नजदीक रहने वाले लोग कोई  टैक्स नहीं देते ? क्या इसके नजदीक रहने वाले लोगों कों  DDA फ्लैट मुफ़्त मे मिला है ? क्या इसके नजदीक रहने वाले लोग नागरिक /मतदाता  नहीं है ? क्या हमारी कॉलोनी प्रधानमंत्री स्वच्छ भारत योजना से बाहर कर दी गई है? MCD खुला ढलाव के विकल्प के लिए इससे मात्र 200 मीटर की दूरी पर सईद गाँव के पास कॉम्पैक्टर मशीन लगाई है जिसका उद्घाटन भी 31 October 2021 कों हो गया। इसके आलवा 

कुडे़ लेने वाली वैन प्रतिदिन आ रही है । ऐसी हालत मे इसका बने रहने का कोई औचित्य नहीं है। 

सभी लोग दूसरे के घर के सामने कुराघर चाहता जबकि हमारी प्राथमिकता कालोनी मे स्वच्छता होनी चाहिए । MCD इसे बंद नहीं करके हमे टारगेट कर रही है । आप हमारे साथ pick & choose क्यों कर रहे है ? इसी कालोनी मे एक ढलाव आपने बंद कर रखा है फिर उसे भी आपकों खोल देना चाहिए।   

आखिर क्यों हमारी मांग कों अनसुना किया जाता है और इसको हटाने कों लेकर आधारहीन तर्क दी जाती है । आज के समय जब पूरे भारत मे सवच्छ भारत अभियान जारी है फिर भी देश कि राजधानी दिल्ली उसमे भी DDA ग्रुप हाउज़िंग  सोसाइटी मे हमलोग असवच्छ  कूड़ा घर/ढलाव का दंश झेल रहे है। जिसके घर के पास कूड़ा घर/ढलाव है समस्या उसे आती न कि इससे दूर रहने वाले कों।  इस तरह कि समस्या हम लोग सालों से झेल रहे है अब तो सहन से पड़े हो गया है। 

इस  समस्या के मद्देनजर हमलोगो समय समय पर वार्ड कौन्सिलोर 50 N श्री विनय रावत जी व नॉर्थ MCD मेयर जी कों प्रतिवेदन /आग्रह करते रहे है (कॉपी संलग्न )। ये सब हमारी समस्या कों समझे है, हमे खुशी है सभी इसे हटाने के पक्ष मे है। आप आधारहीन तर्क के प्रभाब मे नहीं आए और अपना विवेक दिखाए । उम्मीद है आप संवेदनशील होकर इस पर विचार करेंगे और हमलोगों कों इस समस्या से निजात दिलाएंगे व ढलाव कों बंद करने की आदेश पारित करेंगे । 

अतः आप इस पर संबंधित कारवाई कर इस ढलाव कों अबिलंब बंद /हटाने कि कृपा कर इस वार्ड कों  ढलाव मुक्त घोषित कर  समाज मे उदाहरण प्रस्तुत करे। 

आपका सहयोग अपेक्षित है 

सादर निवेदक : 

फ्लैटमालिक ...

जब हम किसी कुड़ाघर के बगल से गुजरते हैं, तो उसकी बदबू और गंदगी से खुद को बचाने के लिए अपना नाक-मुंह बंद कर लेते हैं, तो ऐसे में जरा सोचिये, जो लोग हमेशा ऐसे कुड़ेदान के बगल में चौबीसो घंटे रहते हैं, उनकी क्या हालत होगी। सरकार स्वच्छता अभियान पर करोड़ों खर्च कर रही है, कोरोना को लेकर दिल्ली समेत देशभर में स्थिति भयावह है, ऐसे में किसी भी कुड़ाघर को स्थानीय निवासियों के एकदम पास में रखना, सरासर गलत है। 

-दिल्ली का एक सरकारी कुड़ेदान स्थानीय लोगों को बना रहा है बीमार, अधिकारियों से उसे हटाने की गुहार भी बेकार

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शनिवार, 14 मई 2022

बिल्डिंग की सरिया में जब जंग लग जाए, तो कैसे साफ करें; How to clean rust...

How to clean rusted Saria of Your Building क्या अपनी हाउसिंग सोसायटी की बिल्डिंग की सरिया में लगी जंग लग से आप परेशान हैं? तो, इस एपिसोड में 50 से ज्यादा बिल्डिंगों की रिपेयरिंग का काम करने वाले सिविल कॉन्ट्रैक्टर माधव (मोबाइल नंबर- 9270240025) से जानिए उसे कैसे साफ करना है।


अपनी हाउसिंग सोसायटी की बिल्डिंग का रिपेयर करवाने से पहले सोच लें

Should You use Ready Plaster or Normal Plaster! अगर आप अपनी हाउसिंग सोसायटी की बिल्डिंग की रिपेयरिंग करवाने जा रहे हैं तो पहले तय कर लीजिए कि आपको नॉर्मल प्लास्टर करवाना है या फिर रेडी प्लास्टर। दोनों में काफी अंतर होता है। दोनों में क्या अंतर होता है और दोनों में से सबसे ज्यादा फायदेमंद कौन होता है, इस एपिसोड में जानिए 50 से ज्यादा बिल्डिंगों की रिपेयरिंग का काम करने वाले सिविल कॉन्ट्रैक्टर माधव (मोबाइल नंबर- 9270240025) से।



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